Bhai Gurdas (Hindi)
![]() भाई गुरदासभाई गुरदास जी (1551-1636 ई.) को सिक्खों के चार गुरु साहिबान की संगति का सौभाग्य प्राप्त हुआ था। उन्होंने संगत की सेवा में भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसके साथ वे एक महान् कवि और लेखक भी थे। यह पुस्तक उनके जीवन चरित्र और उपदेश की चर्चा करती है। Bhai Gurdas (1551-1636) was associated with four Sikh Gurus. His poetic skill was much appreciated by Guru Arjan Dev who noted that his writings would help the lay reader easily understand the teachings of the Gurus. Written in Punjabi by renowned scholar M.S. Joshi, this book has been translated into Hindi as well. Author: Justice Mohinder Singh JoshiCategory: Mystic Tradition Format: Paperback, 232 Pages Edition: 4th, 2007 ISBN: 978-81-8466-270-2 RSSB: HI-174-0 Order this book online: For sale in countries outside of India For sale only within India Download (161MB) | YouTube |
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