| आज दिवस लेऊँ बलिहारा | गुरु रविदास जी | |
| आज सुबेलो सुहावनो | संत कबीर जी | |
| तुम मेरी राखो लाज हरी | सूरदास जी | |
| ऐसी दीखिआ जन सिउ मंगा | गुरु अर्जुन देव जी | |
| अलिफ़ अल्ला चम्बे दी बूटी | हज़रत सुलतान बाहू | |
| अल्ला पढ़ियों हाफ़िज़ होयों | हज़रत सुलतान बाहू | |
| अरे ऐ तक़ी | संत तुलसी साहिब जी | |
| भावें जाण न जाण वे | साईं बुल्लेशाह जी | |
| भजहो गोबिंद भूल मत जाहो | संत कबीर जी | |
| बिन सतगुर सेवे जीअ के बंधना | गुरु राम दास जी | |
| बुल्ले नूँ समझावण आईआं | साईं बुल्लेशाह जी | |
| चरण कमल तेरे धोए धोए पीवा | गुरु अर्जुन देव जी | |
| धनवंते दुखिया सभी | सहजो बाई | |
| गुन गोबिंद गाइओ नही | गुरु तेग़ बहादुर जी | |
| गुर परमेसर करणैहार | गुरु अर्जुन देव जी | |
| गुरु के दर्शन कारने हम आए | स्वामी जी | |
| गुरू की मौज रहो तुम धार | स्वामी जी | |
| गुरू मैं गुनहगार अति भारी | स्वामी जी | |
| गुरु मेरे जान पिरान | स्वामी जी | |
| गुरू मोहिं दीजे अपना धाम | स्वामी जी | |
| हम मैले तुम ऊजल करते | गुरु अर्जुन देव जी | |
| हर जू राख लेहो पत मेरी | गुरु तेग़ बहादुर जी | |
| हे री मैं तो प्रेम दिवानी | मीराबाई जी | |
| जगत गाफिल पड़ा सोता | संत तुलसी साहिब जी | |
| जे भुली जे चुकी साईं | गुरु अर्जुन देव जी | |
| जोड़ो री कोई सुरत नाम से | स्वामी जी | |
| करूँ बेनती दोउ कर जोरी | स्वामी जी | |
| क्यों पीवे तू पानी हंसनी | स्वामी जी | |
| लख खुसीआ पातसाहीआ | गुरु अर्जुन देव जी | |
| माधौ मुहि इक सहारौ तोरा | गुरु रविदास जी | |
| मान करउ तुध ऊपरे मेरे प्रीतम पिआरे | गुरु अर्जुन देव जी | |
| मै अंधुले की टेक तेरा नाम | संत नामदेव जी | |
| मैं क्योंकर जावाँ काअबे नूँ | साईं बुल्लेशाह जी | |
| मैं उडीकाँ कर रही | साईं बुल्लेशाह जी | |
| मन चित चात्रिक ज्यों रहे | संत दादू दयाल जी | |
| मेरे साहिब तूं मै माण निमाणी | गुरु अर्जुन देव जी | |
| मेरे सतगुरु पकड़ी बाँह | संत कबीर जी | |
| मेरी नजर में मोती आया है | संत कबीर जी | |
| नर का जनम मिलता नहीं | संत तुलसी साहिब जी | |
| पतित उधारण बिरद तुम्हारो | संत चरनदास जी | |
| प्रभु जी संगति सरनि तिहारी | गुरु रविदास जी | |
| प्रेमी सुनो प्रेम की बात | स्वामी जी | |
| राख लेहो हम ते बिगरी | संत कबीर जी | |
| राख पिता प्रभ मेरे | गुरु अर्जुन देव जी | |
| राख सदा प्रभ अपनै साथ | गुरु अर्जुन देव जी | |
| राम सिमर पछुताहिगा | संत कबीर जी | |
| संत सनेही नाम है | संत पलटू जी | |
| सतगुर दीन दयाल बिन | संत तुलसी साहिब जी | |
| सतसंग करत बहुत दिन बीते | स्वामी जी | |
| शब्द बिना सारा जग अंधा | स्वामी जी | |
| सोई धिआईऐ जीअड़े | गुरु अर्जुन देव जी | |
| सुनता नहीं धुन की खबर | संत कबीर जी | |
| सुरति करौ मेरे साइयाँ | संत कबीर जी | |
| सुरत तू कौन कहाँ से आई | स्वामी जी | |
| थिर घर बैसहो हर जन पिआरे | गुरु अर्जुन देव जी | |
| तिस गुर कउ सिमरउ सास सास | गुरु अर्जुन देव जी | |
| तुझ बिन कवन हमारा | गुरु अर्जुन देव जी | |
| तुझ ऊपर मेरा है माणा | गुरु अर्जुन देव जी | |
| तुम गुनवंत मैं औगुन भारी | सहजो बाई | |
| तुम्ह करहो दइआ मेरे साई | गुरु अर्जुन देव जी | |
| आ मिल यार सार लै मेरी | साईं बुल्लेशाह जी | |
| आज घड़ी अति पावन | स्वामी जी | |
| आज हमारे ग्रिह बसंत | गुरु अर्जुन देव जी | |
| आज मेरे भाग जागे | संत कबीर जी | |
| आज मेरे सतगुरु | संत कबीर जी | |
| आज मेरे सतगुरु आए मिहमान | धनी धरमदास जी | |
| आओ जी तू आओ हमारे | गुरु अर्जुन देव जी | |
| आओ सइयो रल देओ नीं | साईं बुल्लेशाह जी | |
| आप बिन कौन सुने प्रभ मोरी | संत कबीर जी | |
| आप सज्जन हैं | संत तुकाराम जी | |
| आरति राम गरीब निवाजा | संत पलटू जी | |
| आरति अरज लेहु सुनि मोरी | जगजीवन साहिब जी | |
| आशिक़ इश्क़ माही दे कोलों | हज़रत सुलतान बाहू | |
| आठ पहर सालाहे सिरजनहार तू | गुरु अर्जुन देव जी | |
| आवहो भैणे गल मिलह | गुरु नानक देव जी | |
| आवहो सिख सतगुरू के | गुरु अमर दास जी | |
| आवहो सजणा हउ देखा दरसन तेरा | गुरु नानक देव जी | |
| आवहो संत मै गल मेलाइऐ | गुरु राम दास जी | |
| आए मिल गुरसिख आए मिल | गुरु राम दास जी | |
| आय मिलौ मोहि प्रीतम प्यारे | मीराबाई जी | |
| अबिचल नगर गोबिंद गुरू का | गुरु अर्जुन देव जी | |
| अब हम चली ठाकुर पह हार | गुरु राम दास जी | |
| अब कैसे छूटै नाम रट लागी | गुरु रविदास जी | |
| अब कलू आइओ रे ॥ | गुरु अर्जुन देव जी | |
| अब की बार बखस बंदे कउ | संत कबीर जी | |
| अब लगन लगी की करीए | साईं बुल्लेशाह जी | |
| अब मैं कौन कुमति उरझानी | स्वामी जी | |
| अब मै कउन उपाउ करउ | गुरु तेग़ बहादुर जी | |
| अब मैं सरण तिहारी जी | मीराबाई जी | |
| अब मन आतुर | स्वामी जी | |
| अब तो निभायाँ सरेगी | मीराबाई जी | |
| अब तोहि जाँन ना देहूँ राम पियारे | संत कबीर जी | |
| अब तुम अपनी ओर निहारो | सहजो बाई | |
| ऐब निमाणी दे | साईं बुल्लेशाह जी | |
| ऐसा गुर वडभागी पाइआ | गुरु अर्जुन देव जी | |
| ऐसी किरपा मोहे करहो | गुरु अर्जुन देव जी | |
| ऐसी लाल तुझ बिन कउन करै | गुरु रविदास जी | |
| ऐसी मांग गोबिद ते | गुरु अर्जुन देव जी | |
| अजहूँ न निकसै प्राण कठोर | संत दादू दयाल जी | |
| अकह अपार अगाध अनामी | स्वामी जी | |
| अखी काढ धरी चरणा तल | गुरु राम दास जी | |
| अल्ला वालिआ | सरमद जी | |
| अमरपुर लै चलु हो सजना | संत कबीर जी | |
| अम्मा मेरा दिल लगा | संत पलटू जी | |
| अंम्रित नाम तेरा सोई गावै | गुरु अर्जुन देव जी | |
| अनंद भइआ मेरी माए | गुरु अमर दास जी | |
| अंतरजामी सो प्रभ पूरा | गुरु अर्जुन देव जी | |
| अपना गुरू धिआए | गुरु अर्जुन देव जी | |
| अपने करम की | संत कबीर जी | |
| अपणे संग रलाईं प्यारे | साईं बुल्लेशाह जी | |
| अपने सेवक कउ कबहु न बिसारहो | गुरु अर्जुन देव जी | |
| अरदास सुणी दातार प्रभ | गुरु अर्जुन देव जी | |
| अरे मन करो ऐसा जाप | संत चरनदास जी | |
| अत प्रीतम मन मोहना घट | गुरु अर्जुन देव जी | |
| अउखी घड़ी न देखण देई | गुरु अर्जुन देव जी | |
| अवल अलह नूर उपाइआ | संत कबीर जी | |
| बाबा बिख देखिआ संसार | गुरु अर्जुन देव जी | |
| बाबा नाहीं दूजा कोई | संत दादू दयाल जी | |
| बाबीहा प्रिउ प्रिउ करे | गुरु अमर दास जी | |
| बाबुल मेरा वड समरथा | गुरु अर्जुन देव जी | |
| बालम आओ हमारे गेह रे | संत कबीर जी | |
| बाल्हा मैं बैरागिण हूँगी हो | मीराबाई जी | |
| बाप राँम सुनि बीनती मोरी | संत कबीर जी | |
| बहुत जनम बिछुरे थे माधउ | गुरु रविदास जी | |
| बंध पाइआ मेरै सतगुर पूरै | गुरु अर्जुन देव जी | |
| बंदी-छोर बिनती सुनि लीजै | धनी धरमदास जी | |
| बस कर जी | साईं बुल्लेशाह जी | |
| भाग बड़े जो संत पधारे | संत कबीर जी | |
| भजन बंदगी दी इच्छा ने | भाई नंद लाल जी | |
| भजन बिन बावरे | संत कबीर जी | |
| भक्ति महातम सुन मेरे भाई | स्वामी जी | |
| भली भई जो गुरु मिले जा ते पाइआ | संत कबीर जी | |
| भई परापत मानुख देहुरीआ | गुरु अर्जुन देव जी | |
| भीखा भूखा को नहीं | भीखा साहिब जी | |
| भिंनी रैनड़ीऐ चामकन तारे | गुरु अर्जुन देव जी | |
| बिन दरसन भइ बावरी | धनी धरमदास जी | |
| बिनवंत हौं कर जोरि कै | संत कबीर जी | |
| बिरहिनि देइ संदेसरा सुनो हमारे पीव | संत कबीर जी | |
| बिरहनी गुरु की सरन सम्हार | स्वामी जी | |
| बोल री राधा प्यारी बंसी | स्वामी जी | |
| बुल्लया मुल्लां अते मसालची | साईं बुल्लेशाह जी | |
| ब्याकुल बिरह दीवानी | संत तुलसी साहिब जी | |
| चलो देखिये उस मस्तानड़े नूँ | साईं बुल्लेशाह जी | |
| चरन सरन गुरु एक पैंडा | भाई गुरदास | |
| चढ़ चंना ते कर रुशनाई | हज़रत सुलतान बाहू | |
| छोड़ मत जाज्यो जी महाराज | मीराबाई जी | |
| चुनर मेरी मैली भई | स्वामी जी | |
| चुनर मेरी रंगि डारी | संत कबीर जी | |
| दादू इस संसार में | संत दादू दयाल जी | |
| दास तेरे की बेनती रिद | गुरु अर्जुन देव जी | |
| दर्द दुखी मैं बिरहिन भारी | स्वामी जी | |
| दरस तेरे की पिआस मन लागी | गुरु अर्जुन देव जी | |
| दरसन दीजै राम दरसन दीजै | गुरु रविदास जी | |
| दरसन की मन आस घनेरी | गुरु अर्जुन देव जी | |
| दर्शन की प्यास घनेरी | स्वामी जी | |
| दरसन दीजे नाम सनेही | संत कबीर जी | |
| दरसन देख जीवा गुर तेरा | गुरु अर्जुन देव जी | |
| दरसन कीजै साध का | संत कबीर जी | |
| दरसन मागउ देह पिआरे | गुरु अर्जुन देव जी | |
| दइआ करहो बसहो मन आए | गुरु अर्जुन देव जी | |
| दीन दइआल भरोसे तेरे | संत कबीर जी | |
| दीन के दयाल | गरीबदास | |
| देहो दरस सुखदातिआ | गुरु अर्जुन देव जी | |
| धन्य धन्य धन धन्य प्यारे | स्वामी जी | |
| धन धंन हमारे भाग | गुरु अर्जुन देव जी | |
| धन सो वेला जित दरसन करणा | गुरु अर्जुन देव जी | |
| ढिलक गई मेरे चरखे दी हत्थी | साईं बुल्लेशाह जी | |
| धुबिया गुरु सम और न कोय | स्वामी जी | |
| दिल का हुजरा | संत तुलसी साहिब जी | |
| दिल काले तों मुँह काला चंगा | हज़रत सुलतान बाहू | |
| दिलहो मुहबत | शेख फरीद जी | |
| श्लोक | शेख फरीद जी | |
| दुख भंजन तेरा नाम जी | गुरु अर्जुन देव जी | |
| दुलहनी करो पिया का संग | स्वामी जी | |
| लहिनी तोहि पिया के घर जाना | संत कबीर जी | |
| दुनिया विच असानूं सतगुर | भाई नंद लाल जी | |
| ए सरीरा मेरिआ | गुरु अमर दास जी | |
| ईमान सलामत हर कोई मंगे | हज़रत सुलतान बाहू | |
| इह जग मीत न देखिओ कोई | गुरु तेग़ बहादुर जी | |
| एह तन मेरा चश्मां होवे, मुर्शिद वेख | हज़रत सुलतान बाहू | |
| एह तन रब्ब सच्चे दा हुजरा | हज़रत सुलतान बाहू | |
| एक पिता एकस के हम बारिक | गुरु अर्जुन देव जी | |
| फागुन के दिन चार | मीराबाई जी | |
| फागुन मास रंगीला आया | स्वामी जी | |
| फरीदा तन सुका पिंजर थीआ | शेख फरीद जी | |
| फिरदा मैं गुनाहा दे नाल भरिआ | सरमद जी | |
| गली तो चारों बंद हुई | मीराबाई जी | |
| घर लाल आइआ पिआरा | गुरु अर्जुन देव जी | |
| घड़ी एक नहिं आवड़े | मीराबाई जी | |
| घट भीतर तू जाग री | स्वामी जी | |
| घोल घुमाहीयां सारी | चतुरदास जी | |
| घूँघट चुक लै सज्जणाँ | साईं बुल्लेशाह जी | |
| घूँघट का पट खोल | संत कबीर जी | |
| घूँघट ओहले | साईं बुल्लेशाह जी | |
| गोबिंद गोबिंद गोबिंद | गुरु अर्जुन देव जी | |
| गुरु भक्ती दृढ़ के करो | स्वामी जी | |
| गुर बिन अवर नाही मै थाउ | गुरु अर्जुन देव जी | |
| गुरु बिन ज्ञान | दया बाई | |
| गुर का बचन बसै जीअ नाले | गुरु अर्जुन देव जी | |
| गुर का दरसन देख देख जीवा | गुरु अर्जुन देव जी | |
| गुरु को कीजै दंडवत | संत कबीर जी | |
| गुर मेरै संग सदा है नाले | गुरु अर्जुन देव जी | |
| गुरु मिले झुलावनहार सुरत आज झूल रही | स्वामी जी | |
| गुर पूरा मेलावै मेरा प्रीतम | गुरु राम दास जी | |
| गुर पूरै किरपा धारी | गुरु अर्जुन देव जी | |
| गुर पूरै मेरी राख लई | गुरु अर्जुन देव जी | |
| गुरु तारेंगे हम जानी | स्वामी जी | |
| गुरू बिन कभी ना उतरे पार | स्वामी जी | |
| गुरु बिन मेरे और न कोय | संत चरनदास जी | |
| गुरु गोबिंद दोऊ खड़े | संत कबीर जी | |
| गुरू गुरू गुर कर मन मोर | गुरु अर्जुन देव जी | |
| गुरू का ध्यान कर प्यारे | स्वामी जी | |
| गुरु करो मेहर की दृष्टि | स्वामी जी | |
| गुरू को ऊपर ऊपर गाता | स्वामी जी | |
| गुरू मोहिं अपना रूप दिखाओ | स्वामी जी | |
| गुरू ने मोहिं दीन्ही अजब जड़ी | संत कबीर जी | |
| गुरू संग जागन का फल भारी | स्वामी जी | |
| गुरुदेव हमारे आवो जी | संत चरनदास जी | |
| हम अंधुले अंध बिखै बिख राते | गुरु राम दास जी | |
| हम बारिक तउ सरणाई | गुरु अर्जुन देव जी | |
| हम बारिक तुम पिता हमारे | गुरु अर्जुन देव जी | |
| हम भीखक भेखारी तेरे | गुरु अमर दास जी | |
| हम चात्रिक दीन सतगुर सरणाई | गुरु राम दास जी | |
| हम कूकर तेरे दरबार | संत कबीर जी | |
| हम ना मरै मरिहै संसारा | संत कबीर जी | |
| हम पतित तुम पतित उधरीआ | गुरु अर्जुन देव जी | |
| हम संतन की रेन पिआरे | गुरु अर्जुन देव जी | |
| हम सर दीन दइआल न तुम सर | गुरु रविदास जी | |
| हमारे गुरु पूरन दातार | सहजो बाई | |
| हमरा मन मोहिओ गुर मोहन | गुरु राम दास जी | |
| हमरा ठाकुर सभ ते ऊचा | गुरु अर्जुन देव जी | |
| हंसनी छानो दूध और पानी | स्वामी जी | |
| हर बिन तेरो को न सहाई | गुरु तेग़ बहादुर जी | |
| हर दरसन बिन रहन न जाई | गुरु नानक देव जी | |
| हर इकसै नाल मै दोसती | गुरु अर्जुन देव जी | |
| हर जन संत मिलहो मेरे भाई | गुरु राम दास जी | |
| हर जीउ क्रिपा करहो | गुरु अमर दास जी | |
| हर जीउ सदा तेरी सरणाई | गुरु अमर दास जी | |
| हर जी माता हर जी पिता | गुरु अर्जुन देव जी | |
| हर के दरसन को मन चाउ | गुरु अर्जुन देव जी | |
| हर को नाम सदा सुखदाई | गुरु तेग़ बहादुर जी | |
| हरि हरि हरि सुमिरौ | सूरदास जी | |
| हउ रह न सका | गुरु राम दास जी | |
| हउ वार वार जाउ गुर गोपाल | गुरु अर्जुन देव जी | |
| हउ वारी हउ वारणै | गुरु नानक देव जी | |
| हउ पंथ दसाई नित खड़ी | गुरु राम दास जी | |
| हे मुसाफिर जागो | संत तुलसी साहिब जी | |
| होर दवा ना दिल दी कारी | हज़रत सुलतान बाहू | |
| इक राँझा मैनूँ लोड़ीदा | साईं बुल्लेशाह जी | |
| इश्क हक़ीकी ने मुट्ठी कुड़े | साईं बुल्लेशाह जी | |
| जा का मीत साजन है समीआ | गुरु अर्जुन देव जी | |
| जा प्रभ की हउ चेरुली | गुरु अर्जुन देव जी | |
| जा तू मेरै वल है | गुरु अर्जुन देव जी | |
| जाग पियारी अब का सोवै | संत कबीर जी | |
| जाग रे मन जागनहारे | गुरु अर्जुन देव जी | |
| संग सखा सभ तज गए | गुरु तेग़ बहादुर जी | |
| जाऊँ कहाँ तजि चरन तुम्हारे | गोस्वामी तुलसी दास जी | |
| जाए मिला तिना सजणा | शेख फरीद जी | |
| जब से तुम बिछरे मेरे प्रभु जी | मीराबाई जी | |
| जब सुख दा सुनेहड़ा | साईं बुल्लेशाह जी | |
| जब ते दरसन भेटे साधू | गुरु अर्जुन देव जी | |
| जग में गुरु समान नहिं दाता | संत कबीर जी | |
| जगत जलंदा रख लै आपणी किरपा धार | गुरु अमर दास जी | |
| जैसा सतगुर सुणीदा | गुरु अर्जुन देव जी | |
| जल जासी ढोला हथ न लाइ | शेख फरीद जी | |
| जप मन सत नाम | गुरु राम दास जी | |
| जउ तुम तोरो राम | गुरु रविदास जी | |
| जिहवा एक कवन गुन कहीऐ | गुरु अर्जुन देव जी | |
| जीअरे ओल्हा नाम का | गुरु अर्जुन देव जी | |
| जीवंदयां मर रहणा होवे | हज़रत सुलतान बाहू | |
| झिम झिम वरसै अंम्रित धारा | गुरु अर्जुन देव जी | |
| झूठा ख्वाब खयाल जहां जाता | चतुरदास जी | |
| जी मैं जब तेरा दर्शन पाया | गुरु अर्जुन देव जी | |
| जिस दा साहिब डाढा होए | गुरु अमर दास जी | |
| जिस दै अंदर सच है | गुरु राम दास जी | |
| जिस के सिर ऊपर तूं सुआमी | गुरु अर्जुन देव जी | |
| जिस मिलिऐ मन होए अनंद | गुरु राम दास जी | |
| जिस पापी कउ मिलै न ढोई | गुरु अर्जुन देव जी | |
| जिस तू राखह तिस कउन मारै | गुरु अर्जुन देव जी | |
| जो दिल मंगे | हज़रत सुलतान बाहू | |
| जो नर दुख मै दुख नही मानै | गुरु तेग़ बहादुर जी | |
| जिउ भावै तिउ मोहे प्रतिपाल | गुरु अर्जुन देव जी | |
| जिउ भावै तिउ राख लै | गुरु राम दास जी | |
| जिउ भावै तिउ राख मेरे साहिब | गुरु राम दास जी | |
| जिउ जिउ तेरा हुकम | गुरु अर्जुन देव जी | |
| कागा करंग ढंढोलिआ | शेख फरीद जी | |
| काहे मन तू डोलता | गुरु अर्जुन देव जी | |
| काल मत जग में फैला | स्वामी जी | |
| काल ने जगत अजब भरमाया | स्वामी जी | |
| कबीर गरब ना कीजीए | संत कबीर जी | |
| कदी आ मिल यार प्यारया | साईं बुल्लेशाह जी | |
| कहिआ करणा दिता लैणा | गुरु अर्जुन देव जी | |
| कैसी तौबा है | साईं बुल्लेशाह जी | |
| कलमे नाल मैं न्हाती धोती | हज़रत सुलतान बाहू | |
| कर दो नाम दिवाना | स्वामी जी | |
| कर किरपा मेरे प्रीतम सुआमी | गुरु अर्जुन देव जी | |
| कर नहीं पाता कुछ भी जो है | संत तुकाराम जी | |
| करम होवै सतगुरू मिलाए | गुरु अमर दास जी | |
| करमहीण धन करै बिनंती कद नानक | गुरु अर्जुन देव जी | |
| करउ बेनंती सुणहो मेरे मीता संत | गुरु अर्जुन देव जी | |
| करूँ बेनती राधास्वामी आज | स्वामी जी | |
| करवत भला ना करवट तेरी | संत कबीर जी | |
| कौण आया पहन लिबास कुड़े | साईं बुल्लेशाह जी | |
| कीता लोड़ह सो प्रभ होए | गुरु अर्जुन देव जी | |
| केहे लारे देना एँ सानूँ | साईं बुल्लेशाह जी | |
| खंभ मैं कित्थों लवां | चुप दा संगीत | |
| खोज री पिया को निज घट में | स्वामी जी | |
| किझ न बुझै | शेख फरीद जी | |
| किरत करम के वीछुड़े | गुरु अर्जुन देव जी | |
| किरपा करहो दीन के दाते | गुरु अर्जुन देव जी | |
| कोई आण मिलावै मेरा प्रीमत पिआरा | गुरु राम दास जी | |
| कोई कछू कहे मन लागा रे | मीराबाई जी | |
| कोई कहियौ रे प्रभु आवन की | मीराबाई जी | |
| कोटि कोटि करूँ बंदना | स्वामी जी | |
| किआ तू सोइआ जाग इआना | गुरु रविदास जी | |
| क्यों फिरत भुलानी जगत में | स्वामी जी | |
| लागा मोरे बान | संत कबीर जी | |
| लागी चोट बहुत दुख सहीए | संत कबीर जी | |
| लागी मोहिं राम खुमारी हो | मीराबाई जी | |
| लाल रंग तिस कउ लगा | गुरु अर्जुन देव जी | |
| लाल रंगीले प्रीतम मनमोहन | गुरु अर्जुन देव जी | |
| लगाओ मेरी नइया सतगुरु पार | स्वामी जी | |
| लटकारी चाल पे मैं वारी वारी | संत चरनदास जी | |
| माही वे तैं मिलयाँ | साईं बुल्लेशाह जी | |
| माई चरन गुर मीठे | गुरु अर्जुन देव जी | |
| माई गुर चरणी चित लाईऐ | गुरु अर्जुन देव जी | |
| माई री मैं तो लीनो गोविंदो मोल | मीराबाई जी | |
| मछली तड़पे जल बिन जैसे | संत तुकाराम जी | |
| म्हाँरी सुध ज्यूँ जानो | मीराबाई जी | |
| महरम होय सो जानै साधो | संत कबीर जी | |
| मै बंदा बै खरीद | गुरु अर्जुन देव जी | |
| मै बनजारन राम की | गुरु नानक देव जी | |
| मै बउरी मेरा राम भतार | संत नामदेव जी | |
| मै चारे कुंडा भालीआ | गुरु अर्जुन देव जी | |
| मै गरीब सच टेक तूं | गुरु अर्जुन देव जी | |
| मैं कुसुंभड़ा चुण चुण हारी | साईं बुल्लेशाह जी | |
| मैं लजपालां दे लड़ लगीयां | नियाज़ लाहौरवाले जी | |
| मै मन तन बिरहो | गुरु राम दास जी | |
| मै मन तेरी टेक मेरे पिआरे | गुरु अर्जुन देव जी | |
| मैं मिरगा गुरु पारधी | संत चरनदास जी | |
| मैं निरगुनीयाँ गुन नहिं जाना | धरनीदास | |
| मैं पुच्छाँ शौह दीआँ वाटाँ | साईं बुल्लेशाह जी | |
| मैं तेरे बिन ना जीवाँ | साईं बुल्लेशाह जी | |
| मैं तो गिरधर के घर जाऊँ | मीराबाई जी | |
| मैं वारी जाऊँ राम | मीराबाई जी | |
| मन बैराग भइआ | गुरु अर्जुन देव जी | |
| मन की मन ही | गुरु तेग़ बहादुर जी | |
| मन किउ बैराग करहगा | गुरु अर्जुन देव जी | |
| मन लागो मेरो यार | संत कबीर जी | |
| मन मंदर तन वेस कलंदर | गुरु नानक देव जी | |
| मन मस्त हुआ तब क्यों बोले | संत कबीर जी | |
| मन मेरे सतगुर कै भाणै चल | गुरु अमर दास जी | |
| मन मेरे सुख सहज | गुरु अर्जुन देव जी | |
| मन मेरे तिन की ओट | गुरु अर्जुन देव जी | |
| मन रे क्यों गुमान अब करना | स्वामी जी | |
| मन रे मान बचन इक मेरा | स्वामी जी | |
| मन करि ले साहिब से प्रीत | संत कबीर जी | |
| मन तन तेरा धन भी तेरा | गुरु अर्जुन देव जी | |
| मनुवाँ सब्द सुनत सुख पावै | भीखा साहिब जी | |
| मउली धरती मउलिआ अकास | संत कबीर जी | |
| मिहरबान है साहेब मेरा | धनी धरमदास जी | |
| मेरा बैद गुरू गोविंदा | गुरु अर्जुन देव जी | |
| मेरा हर प्रभ सुंदर मै सार न जाणी | गुरु राम दास जी | |
| मेरा मन लोचै गुर दरसन | गुरु अर्जुन देव जी | |
| मेरा नाल सजण दे नेहो लग्गा | साईं बुल्लेशाह जी | |
| मेरा पिआरा प्रीतम सतगुर | गुरु राम दास जी | |
| मेरा सुंदर सुआमी जी | गुरु अर्जुन देव जी | |
| मेरै मन प्रेम लगो हर तीर | गुरु राम दास जी | |
| मेरे बाबा मै बउरा | संत कबीर जी | |
| मेरे बीठुला जन सरन तुम्हारी | संत कबीर जी | |
| मेरे घर आया राम का प्यारा | गुरु रविदास जी | |
| मेरे लाल जीउ | गुरु नानक देव जी | |
| मेरे लालन की सोभा | गुरु अर्जुन देव जी | |
| मेरे माही क्यों चिर लाया ए | साईं बुल्लेशाह जी | |
| मेरे पिया की अगम हैं गतियां | स्वामी जी | |
| मेरे प्रीतमा हउ जीवा | गुरु राम दास जी | |
| मेरे राम हम पापी | गुरु राम दास जी | |
| मेरे राम हर जन कै हउ बल जाई | गुरु अर्जुन देव जी | |
| मेरे राम हर संता जेवड न कोई | गुरु अर्जुन देव जी | |
| मेरे राम राए मुझ ते कछू न | गुरु अर्जुन देव जी | |
| मेरे राम राए तुध चित आइऐ | गुरु अर्जुन देव जी | |
| मेरे राधास्वामी परम दयाला | स्वामी जी | |
| मेरे राम इह नीच करम | गुरु राम दास जी | |
| मेरे साहिबा मैं तेरी हो मुक्की आं | शाह हुसैन जी | |
| मेरे सतगुरा मैं तुझ बिन अवर ना कोए | गुरु राम दास जी | |
| मेरी हाथ तुम्हारे डोरी | जगजीवन साहिब जी | |
| मेरी नइया लगा दीजो पार | मीराबाई जी | |
| मेरो सुंदर कहो मिलै कित गली | गुरु राम दास जी | |
| म्हाँरो जन्म मरण को साथी | मीराबाई जी | |
| मिल मेरे प्रीतमा जीउ | गुरु अमर दास जी | |
| मिलता जाज्यो हो गुरुज्ञानी | मीराबाई जी | |
| मिठ बोलड़ा जी | गुरु अर्जुन देव जी | |
| मित्र तेरा कोई नहीं संगियन में | स्वामी जी | |
| मित्र पिआरे नू | गुरु गोबिंद सिंह जी | |
| मो कूँ कछु न चहिये राम | संत चरनदास जी | |
| मू लालन सिउ प्रीत बनी | गुरु अर्जुन देव जी | |
| मोहि लागी लग्न गुरु | मीराबाई जी | |
| मोहिं मिला सुहाग गुरू का | स्वामी जी | |
| मोहे न बिसारहो मै जन तेरा | गुरु रविदास जी | |
| मो कउ तार ले रामा | संत नामदेव जी | |
| मुझे शाम से मिलने की आरज़ू है | संत चरनदास जी | |
| मुँह आई बात ना रैह्न्दी ए | साईं बुल्लेशाह जी | |
| मुरलिया बाज रही | स्वामी जी | |
| मुर्शिद मक्का, तालिब हाजी | हज़रत सुलतान बाहू | |
| मुर्शिद है शाहबाज़ इलाही | हज़रत सुलतान बाहू | |
| ना ख़ुदा मसीते लभदा | साईं बुल्लेशाह जी | |
| ना पल बिछुड़े पिया हम से | संत कबीर जी | |
| नाथ मोहिं अब की बेर उबारो | सूरदास जी | |
| नदिया गहरी नाव पुरानी | मीराबाई जी | |
| नहीं समझ में है जो आता | संत तुकाराम जी | |
| निज रूप पूरे सतगुरू का | राय साहिब सालिगराम जी | |
| निंदक जीवै जुगन जुग | संत पलटू जी | |
| ओ मेरा राह दसेरा है | चुप दा संगीत | |
| ऊच अपार बेअंत सुआमी कउण जाणै | गुरु अर्जुन देव जी | |
| ओइ साजन ओइ मीत पिआरे | गुरु अर्जुन देव जी | |
| पायो जी मैंने नाम रत्न | मीराबाई जी | |
| पगली हूँ हाँ पगली रे | मीराबाई जी | |
| पलै तैडै लागी | गुरु अर्जुन देव जी | |
| पलटू लिखा नसीब का | संत पलटू जी | |
| पलटू यह संसार में कोऊ नाही मीत | संत पलटू जी | |
| पर तिरिया नूँ समझ तूँ माता | संत तुकाराम जी | |
| पर स्वारथ के कारने | संत पलटू जी | |
| पी ले प्याला हो मतवाला | संत कबीर जी | |
| पिता हमारो वड गोसाई | संत कबीर जी | |
| पिता समझावहिगे हम बारिक मुगध | गुरु राम दास जी | |
| पिया बिन कैसे जीऊँ | स्वामी जी | |
| पिय के ऐन बिन चैन न आवे | संत तुलसी साहिब जी | |
| प्राणी एको नाम धिआवहो | गुरु नानक देव जी | |
| प्रानी किआ मेरा किआ तेरा | गुरु रविदास जी | |
| प्रभ जी तू मेरे प्रान अधारै | गुरु अर्जुन देव जी | |
| प्रभ मेरो इत उत सदा सहाई | गुरु अर्जुन देव जी | |
| प्रभ मिलबे कउ प्रीत मन लागी | गुरु अर्जुन देव जी | |
| प्रभु जी बक्सहु चूकि हमारी | जगजीवन साहिब जी | |
| प्रभु जी मेरे औगुन चित ना धरो | सूरदास जी | |
| प्रभु जू सरन तिहारी आयो | संत चरनदास जी | |
| प्रभु जी तुम औगन बकसन हार | गुरु रविदास जी | |
| प्रीत लगी तुम नाम की | संत कबीर जी | |
| प्रीत बहुत संसार में | संत कबीर जी | |
| प्रेम बराबर जोग ना | संत चरनदास जी | |
| प्रेम दिवाने जो भये | सहजो बाई | |
| प्रेम सखी तुम करो बिचार | संत कबीर जी | |
| प्यासी अखियाँ गुरु दरसन की प्यासी | संत चरनदास जी | |
| राखहो अपनी सरण प्रभ | गुरु अर्जुन देव जी | |
| राखो जी लाज गरीब निवाज | संत चरनदास जी | |
| राम कृपा करि होहु दयाला | संत दादू दयाल जी | |
| राम मै हर हर नाम | गुरु राम दास जी | |
| राम नाम गुण गाए ले मीता | गुरु अर्जुन देव जी | |
| रामईआ हउ बारिक तेरा | संत कबीर जी | |
| राँझा जोगीड़ा | साईं बुल्लेशाह जी | |
| राँझा राँझा करदी नी | साईं बुल्लेशाह जी | |
| राज़ी यार दी | अज्ञात | |
| राधास्वामी धरा नर रूप | स्वामी जी | |
| राधास्वामी गाय कर, जनम सुफल कर | स्वामी जी | |
| रहना नहिं देस बिराना है | संत कबीर जी | |
| रैण दिनस गुर चरण अराधी | गुरु राम दास जी | |
| रैण सुहावड़ी दिनस सुहेला | गुरु अर्जुन देव जी | |
| रख दिया मन तेरे चरणों में | संत तुकाराम जी | |
| राम नाम मेरे मन | मीराबाई जी | |
| रमईए सिउ इक बेनती | गुरु रविदास जी | |
| रंग जा तेरे प्यार दा चढ़िआ | चुप दा संगीत | |
| रंग रता मेरा साहिब | गुरु नानक देव जी | |
| रसना जपती तूही तूही | गुरु अर्जुन देव जी | |
| रटता क्यों नहिं रे | मीराबाई जी | |
| री मेरे पार निकस | मीराबाई जी | |
| सा धरती भई हरीआवली | गुरु राम दास जी | |
| साचा साहिब एक तू | संत कबीर जी | |
| साचा साह गुरू सुखदाता | गुरु नानक देव जी | |
| साचे साहिबा किआ नाही घर तेरे | गुरु अमर दास जी | |
| साचे सतगुरू दातारा | गुरु अर्जुन देव जी | |
| साची प्रीत हम तुम सिउ जोरी | गुरु रविदास जी | |
| साधो सो सतगुरु | संत कबीर जी | |
| साईं बिन दरद करेजे होय | संत कबीर जी | |
| साहिब के दरबार में | संत पलटू जी | |
| साहेब लेइ चलो | धनी धरमदास जी | |
| साहब मैं गुलाम हौं तेरा | दरिया साहिब | |
| साहिब साहिब क्या करै | संत पलटू जी | |
| साजना संत आउ मे | गुरु अर्जुन देव जी | |
| साजनड़ा मेरा साजनड़ा | गुरु अर्जुन देव जी | |
| सावल सुंदर रामईआ | संत कबीर जी | |
| सभ अवगण मै गुण नही कोई | गुरु नानक देव जी | |
| सभ जाए मिलहो सतगुरू कउ | गुरु राम दास जी | |
| सभ ऊपर पारब्रहम दातार | गुरु अर्जुन देव जी | |
| सबतैं ऊँची प्रेम सगाई | सूरदास जी | |
| सहेलियां साजन घर आयो | मीराबाई जी | |
| सजण बिन रातीं | शाह हुसैन जी | |
| सजणाँ दे विछोड़े कोलों | साईं बुल्लेशाह जी | |
| सज्जन दर्शन देंदा नाहीं | चतुरदास जी | |
| सखी री मैं तो गिरधर | मीराबाई जी | |
| संता के कारज आप खलोइआ | गुरु अर्जुन देव जी | |
| संता की होए दासरी | गुरु अर्जुन देव जी | |
| संतन बिन अवर न दाता | गुरु अर्जुन देव जी | |
| सतगुर अपुने सुनी अरदास | गुरु अर्जुन देव जी | |
| सतगुर आवो हमरे देस | धनी धरमदास जी | |
| सतगुर आइओ सरण तुहारी | गुरु अर्जुन देव जी | |
| सतगुर भीखिआ देह मै तूं संम्रथ दातार | गुरु नानक देव जी | |
| सतगुर दाता दइआल है | गुरु राम दास जी | |
| सतगुरु है रंगरेज चुनर मेरी | संत कबीर जी | |
| सतगुर होए दइआल ता सरधा पूरीऐ | गुरु नानक देव जी | |
| सतगुरु से संग | संत कबीर जी | |
| सतगुर खोटिअहो खरे करे | गुरु नानक देव जी | |
| सतगुर की सेवा सफल है | गुरु अमर दास जी | |
| सतगुर मेरा बेमुहताज | गुरु अर्जुन देव जी | |
| सतगुर मेरा वड समरथा | गुरु अर्जुन देव जी | |
| सतगुरु मेरी सुनो पुकार | स्वामी जी | |
| सतगुर पास बेनंतीआ मिलै नाम आधारा | गुरु अर्जुन देव जी | |
| सतगुर से मांगू यही | संत चरनदास जी | |
| सतगुर सेव सरब फल पाए | गुरु अर्जुन देव जी | |
| सतगुरु सरन गहो मेरे प्यारे | स्वामी जी | |
| सतगुरु आय दिया जग हेला | राय साहिब सालिगराम जी | |
| सतगुरु खोजो री प्यारी | स्वामी जी | |
| सतगुरु मोरी चूक सँभारो | संत कबीर जी | |
| सतगुरु से करूँ पुकारी | स्वामी जी | |
| से वणजारे आए नी माँएँ | साईं बुल्लेशाह जी | |
| सीस भेट देउ | गुरु राम दास जी | |
| सीस झुकाइये उस नूं | हाफ़िज़ | |
| सीस उतारै हाथ से | संत पलटू जी | |
| सीतल चंदन चंद्रमा तैसे सीतल संत | संत पलटू जी | |
| सेवक की अरदास पिआरे | गुरु अर्जुन देव जी | |
| सेवक सेवा में रहै | संत कबीर जी | |
| सेवी सतगुर आपणा | गुरु अर्जुन देव जी | |
| सिष का माना सतगुरु | सहजो बाई | |
| सो सतगुर पिआरा मेरै नाल है | गुरु राम दास जी | |
| सुन ऐ तक़ी ना जाइयो | संत तुलसी साहिब जी | |
| सुन कर बचन तुम्हारे सतगुर | गुरु अर्जुन देव जी | |
| सुण सजण प्रीतम मेरिआ मै सतगुर देहो | गुरु अर्जुन देव जी | |
| सुन सखीए प्रभ मिलण नीसानी | गुरु अर्जुन देव जी | |
| सुण यार हमारे सजण | गुरु अर्जुन देव जी | |
| सुनहो बिनंती ठाकुर मे | गुरु अर्जुन देव जी | |
| सुनहो बेनंतीआ सुआमी मेरे | गुरु अर्जुन देव जी | |
| सुरत बुंद सत सिंध तज | स्वामी जी | |
| सुरत चल बावरी, क्यों घर बिसराया | स्वामी जी | |
| सुरत मेरी धोय डालो | स्वामी जी | |
| सुरत सुन बात री | स्वामी जी | |
| सुरत तू चेत री | स्वामी जी | |
| स्वामी सुनो हमारी बिनती | स्वामी जी | |
| ताती वाउ न लगई पारब्रहम सरणाई | गुरु अर्जुन देव जी | |
| तै साहिब की मै सार ना जानी | शेख फरीद जी | |
| तलफै बिन बालम मोरा जिया | संत कबीर जी | |
| तनक हरि चितवौ जी | मीराबाई जी | |
| ते साधू हर मेलहो सुआमी | गुरु राम दास जी | |
| तीन लोक से जुदा है | संत पलटू जी | |
| तेरा भाणा तूहै मनाइह | गुरु अर्जुन देव जी | |
| तेरा कीता जातो नाही | गुरु अर्जुन देव जी | |
| तेरे बाझ रंगीलिआ सजणा ओए | सरमद जी | |
| तेरे इश्क़ नचाइआँ कर थइआ थइआ | साईं बुल्लेशाह जी | |
| तेरे जीअ तू सद ही साथी | गुरु अर्जुन देव जी | |
| ठाकुर ऐसो नाम तुम्हारो | गुरु अर्जुन देव जी | |
| तिल तिल का अपराधी तेरा | संत दादू दयाल जी | |
| तूहियों हैं मैं नाही | साईं बुल्लेशाह जी | |
| तूं दाता जीआ सभना का | गुरु अर्जुन देव जी | |
| तू दरीआउ दाना बीना | गुरु नानक देव जी | |
| तूँ हीं तूँ गुरदेव हमारा | संत दादू दयाल जी | |
| तू जानत मै किछ नही | गुरु रविदास जी | |
| तूं मेरा पिता तूंहै मेरा माता | गुरु अर्जुन देव जी | |
| तू मेरा तरंग हम मीन तुमारे | गुरु अर्जुन देव जी | |
| तूं मेरे लालन तूं मेरे प्रान | गुरु अर्जुन देव जी | |
| तूं मेरो मेर परबत सुआमी | संत कबीर जी | |
| तू प्रभ दाता | गुरु नानक देव जी | |
| तूं सागरो रतनागरो | गुरु अर्जुन देव जी | |
| तूं साजन तूं प्रीतम मेरा | गुरु अर्जुन देव जी | |
| तूं साझा साहिब बाप हमारा | गुरु अर्जुन देव जी | |
| तूं समरथ तूंहै मेरा | गुरु अर्जुन देव जी | |
| तूं विसरह तां सभ को लागू | गुरु अर्जुन देव जी | |
| तुझ बिन क्यूं जीऊँ रे | संत नामदेव जी | |
| तुलसी बिरवा बाग के | संत तुलसी साहिब जी | |
| तुम्ह बिन राँम कवन सों कहिये | संत कबीर जी | |
| तुम बिन रह्यो न जाय | मीराबाई जी | |
| तुम दीपक मैं भइ हूं पतंगा | स्वामी जी | |
| तुम घर आवहो मेरे मीत | गुरु अर्जुन देव जी | |
| तुम ही हो रखपाल हमारे | संत दादू दयाल जी | |
| तुम मेरो साईं मैं तेरो दास | दरिया साहिब | |
| तुम्ह मिलते मेरा मन जीओ | गुरु अर्जुन देव जी | |
| तुम पलक उघाड़ो दीनानाथ | मीराबाई जी | |
| तुम साहब करतार हो | संत चरनदास जी | |
| तुम सों यह मन लागा मोरा | जगजीवन साहिब जी | |
| तुम सुणौ दयाल म्हाँरी अरजी | मीराबाई जी | |
| तुमरी क्रिपा मह सूख घनेरे | गुरु अर्जुन देव जी | |
| तुसीं आओ मिलो मेरी प्यारी | साईं बुल्लेशाह जी | |
| उठ गए गवाँढों यार | साईं बुल्लेशाह जी | |
| उठ दिला चल ढूँडन चलिये | अज्ञात | |
| उठ जाग घुराड़े मार नहीं | साईं बुल्लेशाह जी | |
| वाह सोहणिआ | साईं बुल्लेशाह जी | |
| वडे मेरे साहिबा | गुरु राम दास जी | |
| वै दिन कब आवैंगे माइ | संत कबीर जी | |
| वे प्यारया साडे वल्ल मुखड़ा मोड़ | साईं बुल्लेशाह जी | |
| वेखो नी की कर | साईं बुल्लेशाह जी | |
| वेखो नी शौह इनायत साईं | साईं बुल्लेशाह जी | |
| विण बोलिआ सब किछ जाणदा | गुरु अमर दास जी | |
| बंझा ने बालक जाया | स्वामी जी | |
| यह तन दुर्लभ तुमने पाया | स्वामी जी | |
| कदी मोड़ मुहारां ढोलिआ | साईं बुल्लेशाह जी | |