अस्पताल


महाराज जगत सिंह मेडिकल रिलीफ़ सोसाइटी (एम.जे.एम.आर.एस.) की शुरुआत नवंबर 1978 में एक रजिस्टर्ड सोसाइटी के रूप में हुई। इसका हेडक्वार्टर ब्यास में डेरा बाबा जैमल सिंह है। यह भारत के पंजाब राज्य में है।
सोसाइटी का मक़सद उत्तरी भारत में स्थित चार अस्पतालों द्वारा वहाँ के लोगों को नि:शुल्क चिकित्सा उपलब्ध करवाना है, क्योंकि वहाँ के लोगों को सरकारी और प्राइवेट चिकित्सा सुविधाएँ पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं हैं। ये चार अस्पताल हैं – महाराज सावन सिंह चैरिटेबल अस्पताल, ब्यास (पंजाब); महाराज चरन सिंह चैरिटेबल अस्पताल, सिकंदरपुर (हरियाणा); भोटा चैरिटेबल अस्पताल, भोटा (हिमाचल प्रदेश) और डेरा अस्पताल (ब्यास)। इन इलाक़ों में ये अस्पताल उच्च स्तर की नि:शुल्क चिकित्सा प्रदान करते हैं। जाति-पाति, धर्म या आर्थिक स्थिति के आधार पर कोई भेदभाव किए बिना यहाँ सभी मरीज़ों का इलाज किया जाता है। इन अस्पतालों में भर्ती मरीज़ और ओ.पी.डी. में आए लोगों के इलाज के अलावा आपातकालीन सेवाएँ भी प्रदान की जाती हैं। राष्ट्रीय और राज्य सरकार द्वारा बनाए गए मानकों का बड़ी सावधानी से पालन किया जाता है, जिनमें बॉयो मेडिकल वेस्ट का निपटान, ब्लड बैंक, दवाओं का स्टॉक और वितरण, पी.एन.डी.टी. (प्री नेटल डायग्नॉस्टिक टेक्निक्स), वायु और जल प्रदूषण रोकथाम, एक्स-रे और रेडियोलॉजिस्ट उपकरणों आदि के सुरक्षित उपयोग के लिए ए.ई.आर.बी. (एटॉमिक एनर्जी रेगुलेटरी बोर्ड) के मानक भी शामिल हैं। इसके अलावा, यह सोसाइटी नई दिल्ली के पूसा रोड और भाटी सेंटर में नि:शुल्क ओ.पी.डी. डिस्पेंसरी भी चलाती है।

इन अस्पतालों में डॉक्टरों और सहायक कर्मचारी के लिए आवास का प्रबंध है; भोजन और बच्चों की शिक्षा के लिए मदद दी जाती है। हर अस्पताल में रोज़मर्रा की ज़रूरतों के लिए शॉपिंग कॅम्पलेक्स बना हुआ है। वे परिवार जिनमें पति-पत्नी दोनों अस्पताल परिसर में काम करते हैं, उनके बच्चों के लिए स्टाफ़ डाईनिंग और डे-केयर क्रेश सुविधा भी है।

अस्पताल कर्मचारियों के बच्चों को डेरा ब्यास के पाथसीकर्स स्कूल में नि:शुल्क शिक्षा दी जाती है। बच्चों को शिक्षा में मदद के लिए भत्ता भी मिलता है। इसके अलावा पढ़ाई में अच्छा रिज़ल्ट आने पर उन्हें पैसों के रूप में वज़ीफा दिया जाता है। सभी अस्पतालों के परिसर में मनोरंजन और खेल सुविधाएँ हैं, अच्छा माहौल बनाए रखने के लिए समय-समय पर परिवार आपस में इकट्ठे होते हैं, सामाजिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाता है ताकि बच्चों और उनके परिवार की प्रतिभाओं का विकास हो सके।
जीवन अनमोल है
जीवन अनमोल है – यह एक घंटे का डॉक्यूमेंटरी वीडियो है, जिसमें महाराज जगत सिंह मेडिकल रिलीफ़ सोसाइटी के इतिहास और गतिविधियों के बारे में बताया गया है। वीडियो में इस सोसाइटी द्वारा बनाए गए चार चैरिटेबल अस्पताल और उनके द्वारा की जा रही नि:स्वार्थ सेवा दिखाई गई है। इस फ़िल्म में स्वास्थ्य देखभाल के अनेक पहलुओं के अलावा इस संस्था के रूहानी सिद्धांत ‘सृष्टिकर्ता और उसकी बनाई सृष्टि से प्रेम’ के बारे में भी बताया गया है।
देखने या डाउन्लोड के लिए क्लिक करें। यह राधास्वामी सत्संग ब्यास के यू ट्यूब चैनल पर भी उपलब्ध है।
महाराज जगत सिंह रिलीफ़ सोसाइटी चार अस्पताल और तीन डिस्पेंसरियाँ चलाती है:
महाराज सावन सिंह चैरिटेबल अस्पताल, ब्यास

महाराज सावन सिंह चैरिटेबल अस्पताल, 35 एकड़ में बना 300 बेड वाला अस्पताल है। यह अस्पताल अमृतसर और जालंधर के बीच ग्रैंड ट्रंक रोड पर है।
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महाराज चरन सिंह चैरिटेबल अस्पताल, सिकंदरपुर

महाराज चरन सिंह चैरिटेबल अस्पताल, हरियाणा में सिरसा ज़िले के सिकंदरपुर इलाक़े में 19 एकड़ पर बना 50 बेड वाला अस्पताल है। यह अस्पताल सिकंदरपुर और आसपास के 92 गाँवों को चिकित्सा सेवाएँ प्रदान करता है।
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भोटा चैरिटेबल अस्पताल, भोटा, हिमाचल प्रदेश

भोटा चैरिटेबल अस्पताल, हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर ज़िले में 44 एकड़ में बना 75 बेड वाला अस्पताल है। यह शिमला-धर्मशाला और ऊना-मंडी जानेवाली सड़कों के चौराहे पर स्थित है।
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डेरा अस्पताल, डेरा बाबा जैमल सिंह, ब्यास

डेरा अस्पताल, डेरा के बीचों-बीच 4.63 एकड़ में बना है। यह अस्पताल डेरा निवासियों, संगत और सेवादारों को ओ.पी.डी. और आपातकालीन सेवाएँ प्रदान करता है।
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