पारस से पारस
यह पुस्तक हुज़ूर महाराज चरन सिंह जी की डेरा बाबा जैमल सिंह, ब्यास (पंजाब) में, विदेशी मेहमानों के साथ हुई चर्चाओं पर आधारित है। पुस्तक में महाराज सावन सिंह जी और महाराज जगत सिंह जी के साथ बिताए गए वक़्त की आपकी मीठी यादें दर्ज हैं। इसमें बाबा जैमल सिंह जी और महाराज सावन सिंह जी के प्रेमपूर्ण गुरु-शिष्य संबंध तथा बाबा जी के कुछ अन्य शिष्यों का ज़िक्र भी किया गया है। संतमत की परंपरा और संत-मार्ग की व्यापकता तथा डेरे के विकास के विषय में हुई बातचीत का विवरण भी दिया गया है। हुज़ूर महाराज जी ने मूलभूत आध्यात्मिक सत्यों को दृष्टांतों और कहानियों के माध्यम से समझाया है। उनके समझाने के ढंग में विवेक, कोमलता तथा विनोदशीलता का भव्य सम्मिश्रण देखने को मिलता है।
लेखक: महाराज चरण सिंहऑनलाइन ऑर्डर के लिए: भारत से बाहर के देशों में ऑर्डर के लिए भारत में ऑर्डर के लिए डाउन्लोड (210MB) | यू ट्यूब |
- प्रकाशक की ओर से
- डेरे का आरंभ
- हुज़ूर बड़े महाराज जी
- भंडारे और संगत
- तीन महान सतगुरु - भाग-1
- तीन महान सतगुरु - भाग -2
- हुज़ूर महाराज जी
- डेरे में विदेशी संगत
- महाराज जी की दया-मेहर से बना प्रेमी भक्त
- पारस से पारस
- संत परंपरा
- संत-महात्मा और धर्म
- प्रकाश की विरासत
- सबके लिए एक ही मार्ग
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यह पुस्तक हुज़ूर महाराज चरन सिंह जी की डेरा बाबा जैमल सिंह, ब्यास (पंजाब) में, विदेशी मेहमानों के साथ हुई चर्चाओं पर आधारित है। पुस्तक में महाराज सावन सिंह जी और महाराज जगत सिंह जी के साथ बिताए गए वक़्त की आपकी मीठी यादें दर्ज हैं। इसमें बाबा जैमल सिंह जी और महाराज सावन सिंह जी के प्रेमपूर्ण गुरु-शिष्य संबंध तथा बाबा जी के कुछ अन्य शिष्यों का ज़िक्र भी किया गया है। संतमत की परंपरा और संत-मार्ग की व्यापकता तथा डेरे के विकास के विषय में हुई बातचीत का विवरण भी दिया गया है। हुज़ूर महाराज जी ने मूलभूत आध्यात्मिक सत्यों को दृष्टांतों और कहानियों के माध्यम से समझाया है। उनके समझाने के ढंग में विवेक, कोमलता तथा विनोदशीलता का भव्य सम्मिश्रण देखने को मिलता है।
लेखक: महाराज चरण सिंह