रूहानी डायरी (भाग 3)
इस पुस्तक के लेखक, 1942 से 1956 के दौरान, तीन सतगुरु साहिबान के सचिव के तौर पर सेवा में रहे। रूहानी डायरी के तीनों खंडों में लेखक की व्यक्तिगत डायरियों से लिए गए वे वृतांत हैं जो उन्होंने सेवा-अवधि के दौरान लिखे। इसमें महाराज सावन सिंह जी के सत्संगों और उनकी यात्राओं का वर्णन है। महाराज सावन सिंह जी के ज्योति जोत समाने और महाराज जगत सिंह जी के गुरु के रूप में गद्दी-नशीन होने का वर्णन है। महाराज जगत सिंह जी के बतौर गुरु के कार्य काल और महाराज चरन सिंह जी के गुरु के रूप में पहले पाँच वर्षों का वर्णन है। इन डायरियों में रोज़ के काम, असामान्य घटनाएँ, सत्संग में कही गई मुख्य बातें तथा सतगुरु की जिज्ञासुओं के साथ चर्चाओं का निष्ठापूर्वक लिखा गया ब्योरा दर्ज है। साथ ही सत्संगियों के आध्यात्मिक अनुभवों से संबंधित पत्र भी दिए गए हैं। इस पुस्तक में सतगुरुओं के प्रेम, दया-मेहर और आत्मिक रिश्ते की झलक देखने को मिलती है।
लेखक: राय साहिब मुंशी रामऑनलाइन ऑर्डर के लिए: भारत से बाहर के देशों में ऑर्डर के लिए भारत में ऑर्डर के लिए डाउन्लोड (297MB) | यू ट्यूब |
- विषय सूची
- प्रस्तावना
- सरदार बहादुर महाराज जगत सिंह जी के साथ - 06 अप्रैल से 26 सितंबर - 1948
- सरदार बहादुर महाराज जगत सिंह जी के साथ - 11 अक्तूबर से 31 दिसंबर - 1948
- सरदार बहादुर महाराज जगत सिंह जी के साथ - 05 जनवरी से 18 अप्रैल - 1949
- सरदार बहादुर महाराज जगत सिंह जी के साथ - 09 मई से 30 जून - 1949
- सरदार बहादुर महाराज जगत सिंह जी के साथ - 09 जुलाई से 25 सितंबर - 1949
- सरदार बहादुर महाराज जगत सिंह जी के साथ - 01 अक्तूबर से 30 दिसंबर - 1949
- सरदार बहादुर महाराज जगत सिंह जी के साथ - 01 जनवरी से 29 मई - 1950
- सरदार बहादुर महाराज जगत सिंह जी के साथ - 05 जून से 31 अक्तूबर 1950
- सरदार बहादुर महाराज जगत सिंह जी के साथ - 11 नवंबर से 29 दिसंबर - 1950
- सरदार बहादुर महाराज जगत सिंह जी के साथ - 17 जनवरी से 29 मई - 1951
- सरदार बहादुर महाराज जगत सिंह जी के साथ - 05 जून से 29 अक्तूबर - 1951
- महाराज चरन सिंह जी के साथ - 04 नवंबर से 04 दिसंबर - 1951
- महाराज चरन सिंह जी के साथ - 01 जनवरी से 16 नवंबर - 1952
- महाराज चरन सिंह जी के साथ - 6 जनवरी 1953 से 16 अगस्त 1956
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इस पुस्तक के लेखक, 1942 से 1956 के दौरान, तीन सतगुरु साहिबान के सचिव के तौर पर सेवा में रहे। रूहानी डायरी के तीनों खंडों में लेखक की व्यक्तिगत डायरियों से लिए गए वे वृतांत हैं जो उन्होंने सेवा-अवधि के दौरान लिखे। इसमें महाराज सावन सिंह जी के सत्संगों और उनकी यात्राओं का वर्णन है। महाराज सावन सिंह जी के ज्योति जोत समाने और महाराज जगत सिंह जी के गुरु के रूप में गद्दी-नशीन होने का वर्णन है। महाराज जगत सिंह जी के बतौर गुरु के कार्य काल और महाराज चरन सिंह जी के गुरु के रूप में पहले पाँच वर्षों का वर्णन है। इन डायरियों में रोज़ के काम, असामान्य घटनाएँ, सत्संग में कही गई मुख्य बातें तथा सतगुरु की जिज्ञासुओं के साथ चर्चाओं का निष्ठापूर्वक लिखा गया ब्योरा दर्ज है। साथ ही सत्संगियों के आध्यात्मिक अनुभवों से संबंधित पत्र भी दिए गए हैं। इस पुस्तक में सतगुरुओं के प्रेम, दया-मेहर और आत्मिक रिश्ते की झलक देखने को मिलती है।
लेखक: राय साहिब मुंशी राम