संत संवाद, भाग 3
महाराज चरन सिंह जी ने लगभग 40 वर्षों तक विदेश में रहनेवाले अपने शिष्यों के साथ प्रश्न और उत्तर की बैठकों का आयोजन किया। इनमें सतगुरुओं के रूहानी उपदेश से संबंधित सभी विषयों पर चर्चा होती थी। लगभग 2000 प्रश्न और उत्तर का यह संग्रह विषयों के अनुसार तीन भागों में प्रस्तुत किया गया है: 1. मूल सिद्धांतों का परिचय 2. परमार्थ के मार्ग पर चलना 3. परमार्थ की रहनी को अपनाना। इस संग्रह के काफ़ी प्रश्न और उत्तर पूर्व प्रकाशित संत-संवाद और संत वचन पुस्तकों में प्रकाशित हो चुके हैं। इस पुस्तक में कर्म सिद्धांत, पुनर्जन्म, स्वतंत्र इच्छा, आत्मा और परमात्मा, सतगुरु की आवश्यकता, शिष्य और सतगुरु का संबंध, नामदान और चार शर्तें, आंतरिक अभ्यास, दया-मेहर और करनी, सकारात्मक नज़रिया, संतमत के उसूलों पर अमल करना और रोज़मर्रा की ज़िंदगी से संबंधित व्यावहारिक विषयों पर प्रकाश डाला गया है।
लेखक: महाराज चरन सिंह जीऑनलाइन ऑर्डर के लिए: भारत से बाहर के देशों में ऑर्डर के लिए भारत में ऑर्डर के लिए डाउन्लोड (446MB) | यू ट्यूब |
- विषय सूची
- भाग 3 – परमार्थ की रहनी को अपनाना
- सतगुरु और शिष्य - प्रश्न 001 से 025
- सतगुरु और शिष्य - प्रश्न 026 से 050
- सतगुरु और शिष्य - प्रश्न 051 से 075
- सतगुरु और शिष्य - प्रश्न 076 से 100
- सतगुरु और शिष्य - प्रश्न 101 से 125
- सतगुरु और शिष्य - प्रश्न 126 से 151
- सत्संग और सेवा - प्रश्न 152 से 175
- सत्संग और सेवा - प्रश्न 176 से 200
- सत्संग और सेवा - प्रश्न 201 से 210
- संतुलित जीवन - प्रश्न 211 से 225
- संतुलित जीवन - प्रश्न 226 से 250
- संतुलित जीवन - प्रश्न 251 से 275
- संतुलित जीवन - प्रश्न 276 से 300
- संतुलित जीवन - प्रश्न 301 से 325
- संतुलित जीवन - प्रश्न 325 से 356
- जीवन और मृत्यु का सामना करना - प्रश्न 357 से 375
- जीवन और मृत्यु का सामना करना - प्रश्न 376 से 400
- जीवन और मृत्यु का सामना करना - प्रश्न 401 से 425
- जीवन और मृत्यु का सामना करना - प्रश्न 426 से 450
- जीवन और मृत्यु का सामना करना - प्रश्न 451 से 475
- असली चमत्कार - प्रश्न 476 से 500
- असली चमत्कार - प्रश्न 501 से 525
- असली चमत्कार - प्रश्न 526 से 548
- उपसंहार - प्रश्न 549
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महाराज चरन सिंह जी ने लगभग 40 वर्षों तक विदेश में रहनेवाले अपने शिष्यों के साथ प्रश्न और उत्तर की बैठकों का आयोजन किया। इनमें सतगुरुओं के रूहानी उपदेश से संबंधित सभी विषयों पर चर्चा होती थी। लगभग 2000 प्रश्न और उत्तर का यह संग्रह विषयों के अनुसार तीन भागों में प्रस्तुत किया गया है: 1. मूल सिद्धांतों का परिचय 2. परमार्थ के मार्ग पर चलना 3. परमार्थ की रहनी को अपनाना। इस संग्रह के काफ़ी प्रश्न और उत्तर पूर्व प्रकाशित संत-संवाद और संत वचन पुस्तकों में प्रकाशित हो चुके हैं। इस पुस्तक में कर्म सिद्धांत, पुनर्जन्म, स्वतंत्र इच्छा, आत्मा और परमात्मा, सतगुरु की आवश्यकता, शिष्य और सतगुरु का संबंध, नामदान और चार शर्तें, आंतरिक अभ्यास, दया-मेहर और करनी, सकारात्मक नज़रिया, संतमत के उसूलों पर अमल करना और रोज़मर्रा की ज़िंदगी से संबंधित व्यावहारिक विषयों पर प्रकाश डाला गया है।
लेखक: महाराज चरन सिंह जी