जम्मू और कश्मीर

8 अक्तूबर 2005 को कश्मीर के कुपवाड़ा ज़िले के उरी/तंगधार इलाक़े में एक विनाशकारी भूकंप आया, जिससे जान-माल का भारी नुकसान हुआ और बड़ी तादाद में लोग बेघर हो गए। राधास्वामी सत्संग ब्यास ने राज्य सरकार से अनुरोध किया कि वह आपदा राहत कार्य में मदद करना चाहेगी। इसमें भूकंप से बेघर हुए लोगों को आश्रय देने के लिए 12 शेड का निर्माण कार्य शामिल था। राधास्वामी सत्संग ब्यास ने लुधियाना (पंजाब) से इन शेड के लिए निर्माण सामग्री जुटाई, और उन्हें मुश्किल और ऊबड़-खाबड़ रास्तों से आपदा ग्रस्त इलाकों में पहुँचाया। 400 सेवादारों को छोटे जत्थों में बाँटा गया, 10-15 लोगों के जत्थे ने अलग-अलग जगहों पर मुश्किल हालात में यह निर्माण कार्य पूरा किया गया।
इन 12 शेड में बैठक, रसोई और शौचालय बनाए गए, जो गर्मी और सर्दी से पूरी तरह इंस्यूलेटिड् थे। सभी भूकंप अवरोधी शेड स्टील से बने हैं, इनकी दीवारें डिज़ाइन वाली जी.आई. शीट से बनी हैं, जिसके बाहरी सतह पर मौसम से बचाव के लिए परत चढ़ाई गई है। इन शेड को राज्य सरकार द्वारा बताए गए स्कूल के परिसर में बनाया गया। शेड इस तरह डिज़ाइन किए गए कि बाद में इन्हें स्कूल के कमरों में बदला जा सके। मुश्किल हालात, लोकल मज़दूरों की कमी और सीमित संचार व्यवस्था के बावजूद, 42 दिन में 11 जगह पर 12 शेड तैयार किए गए। 5 दिसंबर 2005 को ये शेड जम्मू और कश्मीर सरकार को बर्फ़बारी का मौसम शुरू होने से ठीक पहले सौंप दिए।



