डेरा अस्पताल, डेरा बाबा जैमल सिंह

डेरा अस्पताल की शुरूआत 1930 के दशक में एक कमरे में छोटी-सी एक डिस्पेंसरी से हुई। 2002 में डेरा में आधुनिक चिकित्सा उपकरणों के साथ पहला बड़ा अस्पताल बनाया गया। हालाँकि 2021 में संगत और डेरा निवासियों की बढ़ती ज़रूरतों को पूरा करने के लिए उससे भी बड़ा तथा और आधुनिक अस्पताल बनाया गया। पुराने अस्पताल की बिल्डिंग में अब प्राकृतिक चिकित्सालय, आयुर्वेद क्लिनिक और होमिओपॅथिक डिस्पेंसरि है।
डेरा के नए अस्पताल के ग्राउंड फ्लोर पर नीचे दी गई सेवाएँ उपलब्ध हैं:
एक बड़ा प्रतीक्षालय, ओ.पी.डी., आपातकालीन चिकित्सा, पुरुष और महिला इनडोर वार्ड, मरहम पट्टी, इंजेक्शन, एक्स-रे, छोटा ऑपरेशन थिएटर, ई.सी.जी., ईको कार्डियोग्राफ, फ़ार्मेसी, लैब कलेक्शन सेंटर और रोगी कल्याण विभाग। इनके अलावा अस्पताल का प्रशासन विभाग भी यहीं है।
एक्स-रे: हड्डी टूटने पर, चोट लगने पर, ऑस्टिऑपोरोसिस, स्पॉडिंलाइटिस, छाती के संक्रमण आदि बीमारियों की जाँच के लिए डिजिटल एक्स-रे की व्यवस्था है।

पहली मंज़िल पर उपलब्ध सेवाएँ: आधुनिक उपकरणों से लैस 6 कुर्सियों वाला दंत चिकित्सा विभाग, फ़िज़ियोथेरेपी, लेबोरेटरी, स्टरलाइज़ेशन, कैंसर डे केयर इलाज, फ़ार्मेसी और जनरल स्टोर।
बाहर से आए विशेषज्ञ आँख, कान, नाक, गले, हड्डियों, आंतरिक चिकित्सा, दिमाग़ और दाँत संबंधी बीमारियों के इलाज के लिए अपनी सेवाएँ प्रदान करते हैं।
ओ.पी.डी. सुविधाएँ: हज़ारों डेरा निवासियों का इलाज डेरा अस्पताल के ओ.पी.डी. में होता है। बाहर से आई संगत का इलाज अकॉमोडेशन दफ़्तर के पास बने तीन फर्स्ट-एड क्लिनिक में किया जाता है।
आपातकालीन सेवाएँ: आपातकालीन चिकित्सा सेवा हफ़्ते में सातों दिन और 24 घंटे उपलब्ध है
दंत चिकित्सा विभाग: दंत चिकित्सा – दाँतों की सुरक्षा और इलाज सभी डेरा निवासियों और पाथसीकर्स स्कूल के बच्चों के लिए उपलब्ध है।

वार्षिक मेडिकल जाँच: सभी डेरा निवासियों और उन पर आश्रित उनके बच्चों की हर साल नियमित रूप से मेडिकल जाँच की जाती है। भोजन भंडार और लंगर वाली जगह पर सेवा करनेवाले सेवादारों की साल में दो बार स्वास्थ्य जाँच होती है ताकि खाने की वजह से पैदा होनेवाली बीमारियों से बचा जा सके। रिटायर्ड लोग चाहे वे होस्टल में रहते हैं या अपने घर, साल में 4 बार उनके जाँच स्वास्थ्य की जाती है।
आउटपेशंट कैंसर ट्रीटमेंट: जो डेरा निवासी कैंसर से पीड़ित हैं, उनके लिए कैंसर विशेषज्ञ की निगरानी में कीमोथेरेपी उपलब्ध है।
नेत्र विज्ञान: आँख के मरीज़ों को नियमित रूप से नेत्र विशेषज्ञ के पास ले जाया जाता है।

ऑडियोमेट्री और श्रवण सहायता सुविधा: सुनने की क्षमता में कमी होने पर डेरा निवासियों को यह सुविधा भी उपलब्ध है।
ई.सी.जी.: हर साल डेरा निवासियों का ई.सी.जी. किया जाता है।
फ़िज़िओथेरॅपि: डेरा निवासियों के लिए आधुनिक उपकरणों के साथ यह सुविधा उपलब्ध है।

बुज़ुर्ग डेरा निवासियों की देखभाल: यह सुविधा उन बुज़ुर्ग डेरा निवासियों के लिए है जिन्हें देखभाल के लिए नर्स या मेडिकल सहायक की ज़रूरत है और उनकी देखभाल करनेवाला कोई नहीं है। यहाँ प्रशिक्षित नर्सें और अन्य सहायक कर्मचारी अस्पताल के मेडिकल स्टाफ़ की देखरेख में उनकी देखभाल करते हैं। उन सभी बुज़ुर्गों के लिए बेड उपलब्ध हैं , ये सुविधा ज़रूरत पड़ने पर बढ़ाई जा सकती है।

एम्बुलेंस सेवा: बेसिक लाइफ़ सपोर्ट (बी.एल.एस.) सुविधाओं से युक्त दो एम्बुलेंस रोगियों को डेरा अस्पताल अथवा महाराज सावन सिंह चैरिटेबल अस्पताल ब्यास ले जाने के लिए उपलब्ध हैं।
बैक्टीरिया और पैरासाइट के संक्रमण की रोकथाम: डेरा के पास सूखे-गीले कचरे और शौचालय के कचरे के निपटान के लिए सालिड वेस्ट ट्रीटमेंट की सुविधाएँ हैं ताकि मच्छरों का प्रजनन कम किया जा सके। चूँकि डेरा कृषि भूमि से घिरा हुआ है, इसलिए डेरा में मलेरिया, डेंगू, बैक्टीरिया जैसी पैरासाइट बीमारियों से बचाव के लिए फॉगिंग और एंटी-लार्वा उपाय समय-समय पर किए जाते हैं।
लेबोरेटरी: रक्त, पेशाब, बलगम और पानी के नमूनों की लैब परीक्षण सुविधा उपलब्ध है।

पाथसीकर्स स्कूल के विद्यार्थियों की चिकित्सा देखभाल: डेरा अस्पताल पाथसीकर्स स्कूल के लिए प्राथमिक चिकित्सा प्रदान करता है। डेरा अस्पताल की देखरेख में स्कूल में प्राथमिक उपचार देने के लिए एक चिकित्सालय उपलब्ध है। विद्यार्थियों की स्वास्थ्य जाँच और इलाज के अलावा उन्हें विटामिन और दूसरे सप्लीमेंट भी दिए जाते हैं।
नेत्रदान/अंगदान: डेरा निवासियों के लिए नेत्रदान और अंगदान के अलावा पूरे शरीर के दान के लिए रेजिस्ट्रेशन की सुविधा भी उपलब्ध है।
प्राकृतिक चिकित्सा अस्पताल: यह अस्पताल 1965 में डेरा निवासियों के लिए खोला गया था जो अब डेरा अस्पताल की पुरानी बिल्डिंग में है। इस अस्पताल में दिए जाने वाले उपचार में मिट्टी पट्टी, एनिमा, भिन्न-भिन्न तरह के स्नान, ठंडी पट्टियाँ, फ़िज़िओथेरॅपि, मैग्नेटिक थेरॅपि, व्यायाम, योगासन और प्राणायाम शामिल है।
होमिओपॅथिक डिस्पेंसरि: यह डिस्पेंसरि 1980 में खोली गई।
आयुर्वेद क्लीनिक: यह क्लीनिक डेरा निवासियों के लिए हाल ही में शुरू किया गया है।
