महाराज सावन सिंह चैरिटेबल अस्पताल, ब्यास

महाराज सावन सिंह चैरिटेबल अस्पताल 35 एकड़ में बना 300 बेड की सुविधा वाला अस्पताल है। यह अस्पताल अमृतसर और जालंधर के बीच ग्रैंड ट्रंक रोड पर है। इस अस्पताल की शुरुआत 25 जनवरी 1986 को हुई थी।
यह अस्पताल मुख्य रूप से ब्यास के आसपास के उन गाँवों के लोगों के लिए बनाया गया था, जहाँ पर्याप्त चिकित्सा सुविधाएँ उपलब्ध नहीं थीं। यहाँ तक कि आम बीमारी के लिए भी लोगों को जालंधर या अमृतसर जाना पड़ता था। बड़े-बड़े शहरों में चिकित्सा देखभाल दिन-ब-दिन महंगी होने की वजह से ग़रीबों की पहुँच से बाहर होती जा रही थी।

यह अस्पताल ब्यास के 25 कि.मी. के घेरे में 649 गाँवों और शहरों में रहनेवाले लगभग 18 लाख लोगों को सेवाएँ प्रदान करता है। आपतकालीन सेवाएँ, जिनमें 2 एम्बुलेंस भी शामिल हैं, सभी मरीज़ों को बिना किसी रोकटोक के उपलब्ध हैं। ब्यास अस्पताल 8 कि.मी. दूर डेरा बाबा जैमल सिंह में स्थित डेरा अस्पताल के लिए रेफरल अस्पताल का कार्य भी करता है।

संस्था
इस अस्पताल में लगभग 50 डॉक्टर हैं जो चिकित्सा के अलग-अलग क्षेत्र में विशेषज्ञ हैं, 180 से ऊपर नर्सिंग और टेक्निकल कल स्टाफ़ की टीम है। एक डायरेक्टर पूरे समय चिकित्सा सेवाओं की देखरेख करता है। इस मेडिकल यूनिट के सहयोग के लिए लगभग 400 प्रशासनिक और दूसरे सहायक कर्मियों की एक समर्पित टीम है, जो अपने-अपने क्षेत्र में अनुभवी है। चीफ एडमिनिस्ट्रेटर ब्यास अस्पताल के प्रमुख हैं; वह सिकंदरपुर, भोटा और डेरा अस्पतालों के भी प्रमुख हैं।
उपलब्ध सेवाएँ
वे सभी चिकित्साएँ और शल्य चिकित्साएँ जो आम तौर पर ज़िला स्तर के अस्पताल में उपलब्ध होती हैं, इस अस्पताल में मौजूद हैं। इस अस्पताल में 3 लाख से ऊपर ओ.पी.डी. मरीज़ और 11,000 अस्पताल में भर्ती मरीज़ों का इलाज किया जाता है, जिनमें लेबोरेटरी जाँच, एक्स-रे, सी.टी.स्कैन, ब्लड बैंक, अल्ट्रा साऊंड और कलर-डॉप्लर, इकोकार्डियोग्रॉफ़ी और इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम शामिल हैं। सारा इलाज नि:शुल्क किया जाता है। इसके अलावा दवाईयाँ और भोजन भी नि:शुल्क है। यहाँ सुपर स्पेशियलटी चिकित्सा उपलब्ध नहीं है, इसलिए ज़रूरत पड़ने पर मरीज़ों को दूसरे उपयुक्त अस्पतालों में रेफर कर दिया जाता है।

चिकित्सा सेवाएँ
अस्पताल में इंटेंसिव केयर, क्रिटिकल केयर और आपातकालीन सेवाएँ 24 घंटे उपलब्ध हैं। स्ट्रेस टेस्ट, इकोकार्डियोग्राफ़ी और पल्मोनरी फंक्शन टेस्ट के ज़रिए हृदय रोग का जायज़ा लिया जाता है। यह अस्पताल नवजात शिशु के लिए नियोनेटल सेवाएँ भी प्रदान करता है। यहाँ दंत विभाग में दांतों के अनुभवी डॉक्टर हैं; एक फ़िज़िओथेरॅपी विभाग भी है जिसमें 3 अनुभवी स्टाफ़ हैं।
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शल्य चिकित्सा सेवाएँ
आम ऑपरेशन के लिए शल्य चिकित्सकों की टीम है, लेकिन हड्डियों, आँखों, कान, नाक, गले, प्रसूति और स्त्री रोग की शल्य चिकित्सा के विशेषज्ञ हैं। अस्पताल में सभी उपकरणों एवं यंत्रों से लैस 7 बड़े ऑपरेशन थियेटर हैं। पेट की सर्जरी लैप्रोस्कोप से, मोतियाबिंद के लिए फ़ेको मशीन, और कान, नाक, गले का ऑपरेशन एंडोस्कोप से नियमित रूप से होता है। ऐनेस्थीटिस्ट की एक टीम सभी तरह की ऑपरेशन के लिए सेवाएँ प्रदान करती है।
सभी ऑपरेशन थियेटर वातानुकूलित हैं और सेंट्रल स्टेराइल सर्विसेज़ डिपार्टमेंट (CSSD) द्वारा मान्य कीटाणुशोधन, संक्रमण की रोकथाम और स्टाफ़ सुविधा के मापदंडों के अनुरूप हैं।
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अन्य सेवाएँ
लेबोरेटरी और ब्लड बैंक:
अस्पताल में यंत्रों और उपकरणों से लैस लेबोरेटरी है जहाँ हेमैटॉलॉजी, बायोकेमिस्ट्री, माइक्रोबॉयोलॉजी, सीरॅलॉजी, क्लीनिकल पैथॅलॉजी और हिस्टोपैथॅलॉजि के टेस्ट किए जाते हैं। इस अस्पताल के ब्लड बैंक को राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन की स्वीकृति प्राप्त है।
फ़ार्मेसी: इस अस्पताल की फ़ार्मेसी इस सोसाइटी की प्रमुख फ़ार्मेसी है जो बाक़ी अस्पतालों - भोटा और सिकंदरपुर -के लिए स्टैंडर्ड निर्माताओं द्वारा बनाई दवाईयों का स्टॉक रखती है। यह फ़ार्मेसी ब्यास अस्पताल के सभी वार्डों और ओ.पी.डी. में दवाईयाँ भेजती है। ओ.पी.डी. मरीज़ों को दवाईयाँ नि:शुल्क दी जाती हैं।
सहायक सेवाएँ: बुनियादी सुविधाओं से युक्त दो एम्बुलेंस मरीज़ों को रेफरल अस्पताल ले जाने के लिए उपलब्ध हैं। अस्पताल में 3 जनरेटर हैं जो इसकी बिजली संबंधी सभी ज़रूरतों को पूरा करते हैं। बॉयलर, सेंट्रलाइज़्ड मेडिकल गैस सप्लाई यूनिट, लॉन्ड्री और इसी तरह की और भी सुविधाएँ उपलब्ध हैं। अस्पताल में भर्ती मरीज़ों की भोजन संबंधी ज़रूरतों को पूरा करने के लिए रसोईघर है, जहाँ व्यावसायिक रूप से कुशल स्टाफ़ भोजन तैयार करते हैं। इलेक्टॉनिक्स, मेकैनिकल, इलेक्ट्रिकल, एयर कंडीशनिंग और सिविल इंजीनियरिंग के कार्यों के लिए यहाँ बैकअप भी मौजूद है।

