पोप के साथ एक भेंट

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पोप के साथ एक भेंट

बाबा गुरिंदर सिंह जी, हुज़ूर जसदीप सिंह जी, पेट्रिआर्क राफेल बेडरोस XXI मिनसियन और अन्य, वैटिकन में पोप फ़्रांसिस के साथ एक भेंट के दौरान।

बाबा गुरिंदर सिंह जी और हुज़ूर जसदीप सिंह जी को अरमेनियन कैथॅलिक चर्च के पेट्रिआर्क राफेल बेडरोस XXI मिनसियन ने अरमेनिया आने का निमंत्रण भेजा। इस निमंत्रण मे होलि फ़ादर, पोप फ़्रांसिस से वैटिकन में एक मुलाक़ात भी शामिल थी।

बाबा गुरिंदर सिंह जी और हुज़ूर जी ने उस भेंट के दौरान पेट्रिआर्क से उन साँझा संबंधों के बारे में बात की जो सभी रूहानी परंपराओं और धर्मों को परमात्मा के साथ जोड़ता है। हालाँकि अलग-अलग मुल्कों और भाषा की वजह से हम अलग ज़रूर दिखाई देते हैं, लेकिन घर वापस लौटने का सफ़र और उसकी रज़ा में रहना हमेशा हम सभी का साँझा मक़सद रहेगा।

5 अक्तूबर 2024 को बाबा गुरिंदर सिंह जी और हुज़ूर जसदीप सिंह जी ने पोप के साथ एक भेंट की। उस बैठक में पेट्रिआर्क राफेल बेडरोस XXI मिनसियन भी मौजूद थे।

बाबा गुरिंदर सिंह जी पोप फ़्रांसिस के साथ हाथ मिलाते हुए।

बाबा जी ने राधास्वामी सत्संग ब्यास के बारे में परिचय देते हुए बैठक की शुरुआत की और विश्व के अलग-अलग धर्मों में मौजूदा समानता पर ज़ोर दिया। उदाहरण के तौर पर उन्होंने फ़रमाया कि सभी धर्मों में “वर्ड” और “शब्द” का महत्त्व बताया गया है। रोमन कैथॅलिक ईसाई धर्म और संतमत दोनों मानते हैं कि सृष्टि की रचना वर्ड/शब्द से हुई; और सृजनकर्ता की ताक़त – शब्द – के ज़रिए यह रचना क़ायम है। बाबा जी ने यह भी बताया कि राधास्वामी सत्संग ब्यास ने लगभग 100 से ज़्यादा किताबें छापी हैं जो इस बात पर रौशनी डालती हैं कि विश्व के सभी धर्मों में एक ही बात कही गई है और हम सभी का अंतिम लक्ष्य ‘उस परमात्मा के साथ एक हो जाना’ है।

हुज़ूर जसदीप सिंह जी पोप फ़्रांसिस के साथ हाथ मिलाते हुए।

होलि फ़ादर, पोप फ़्रांसिस ने फ़रमाया कि वह हर ऐसी संस्था की इज़्ज़त करते हैं जो लोगों को आपस में जोड़ने पर ज़ोर देती है। आज विश्व में फैली अनिश्चितता और संघर्ष के समय में शांति बनाए रखना बहुत ज़रूरी है। हम सभी को मिलकर उस साँझे लक्ष्य को पाने के लिए प्रयास करना चाहिए।

बाबा जी ने राधास्वामी सत्संग ब्यास द्वारा प्रकाशित कुछ पुस्तकें भी पोप फ़्रांसिस को भेंट की। इन पुस्तकों में यह बताया गया है कि किस तरह हर धर्म, अपने तरीक़े से, आत्मा का परमात्मा के साथ मिलाप के सफ़र का रास्ता सुनिश्चित करता है।

बाबा गुरिंदर सिंह जी पोप फ़्रासिंस को राधास्वामी सत्संग ब्यास द्वारा प्रकाशित कुछ पुस्तकें भेंट करते हुए।

बाबा जी और हुज़ूर जी अरमेनिया भी गए। यह उस देश की उनकी पहली यात्रा थी। वहाँ के लोगों, संस्कृति और उस प्राचीन देश के इतिहास की ख़ूबसूरत यादें लेकर वे वापस लौटे।

होलि फ़ादर पोप फ़्रासिंस ने बाबा जी से निवेदन किया कि वह उनके लिए प्रार्थना करें और वह भी बाबा जी के लिए प्रार्थना करेंगे।