प्रेम की पहेली - पंजाबी
‘प्रेम की पहेली’ लगभग 3 घंटे की डॉक्यूमेंटरी फ़िल्म है जो ब्यास में स्थित डेरा बाबा जैमल सिंह के शुरुआती दौर से लेकर वर्तमान समय तक की कहानी बताती है। फ़िल्म के पहले भाग में 1930 के दशक में हुए संत-सतगुरुओं का दुर्लभ इतिहास दिखाया गया है, और फिर शुरू के दशक के डेरा को आज के प्रगतिशील डेरा से जोड़ते हुए बड़े-बड़े सत्संग पंडाल, लंगर, फ़ार्म, स्कूल और रिहाइश दिखाए गए हैं।
हर साल लाखों की तादाद में संगत डेरा आती है; कई बार तो एक समय में संगत की संख्या पाँच लाख तक पहुँच जाती है। अपने सतगुरु के वचनों को सुनने और सेवा के लिए आई संगत को बिना किसी जाति-पात या धर्म के भेदभाव के, पूरे आदर-सत्कार से भोजन और रिहाइश उपलब्ध करवाई जाती है।
डेरा प्रेम-प्यार, विनम्रता, सेवा और भजन-सिमरन की मज़बूत नींव पर बना है। फ़िल्म ‘प्रेम की पहेली’ में दिखाया गया है कि किस तरह संतमत के इन उसूलों को अमल में लाया गया है।
अवधि: 3 घंटेडाउन्लोड (917एम.बी.) | यू ट्यूब