निस्स्वार्थ सेवा
निस्स्वार्थ सेवा दो घंटे की डॉक्यूमेंटरी फ़िल्म है। इसमें सेवा के मायने अलग-अलग नज़रिए से बताए गए हैं, और डेरा बाबा जैमल सिंह और इससे जुड़े देश-विदेश के अन्य सेंटरस् में सेवा संबंधी गतिविधियाँ दिखाई गई हैं। इस फ़िल्म में संतमत के मूल उपदेश पर ज़ोर दिया गया है – शारीरिक रूप से की गई सेवा यानी बाहरी सेवा अंदर की सच्ची सेवा यानी भजन-सिमरन का एक ज़रिया है। हुज़ूर महाराज जी समझाया करते थे: “सच्ची सेवा भजन-सिमरन की सेवा है। बाक़ी सभी तरह की सेवाएँ भजन-सिमरन का माहौल बनता है। आपको विनम्र बनना है, आपको लोगों की मदद करनी है, आपके दिल में सबके लिए हमदर्दी होनी चाहिए ताकि आप भजन-सिमरन में परमात्मा की दया-मेहर हासिल कर सकें। ये सभी ज़रिए हैं, मक़सद हासिल करने के लिए।”
निस्स्वार्थ सेवा (पूरी फ़िल्म) दो घंटे की डॉक्यूमेंटरी फ़िल्म।
निस्स्वार्थ सेवा (भाग 1) दो घंटे की डॉक्यूमेंटरी फ़िल्म का पहला भाग।
निस्स्वार्थ सेवा (भाग 2) दो घंटे की डॉक्यूमेंटरी फ़िल्म का दूसरा भाग।
निस्स्वार्थ सेवा (हिंदी)
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| भाग 1: | प्ले या डाउन्लोड (1674एम.बी.) |
| भाग 2: | प्ले या डाउन्लोड (1683एम.बी.) |
निस्स्वार्थ सेवा (पंजाबी)
| पूरी फ़िल्म: | प्ले या डाउन्लोड (3397एम.बी.) |
| भाग 1: | प्ले या डाउन्लोड (1691एम.बी.) |
| भाग 2: | प्ले या डाउन्लोड (1688एम.बी.) |