हिंदी सत्संग
- शिष्यों द्वारा किए गए सत्संग
- 1. पी ले प्याला हो मतवाला – संत कबीर
- 2. दोस न दीजै काहू लोग - गुरु अर्जुन देव
- 3. सुन रे मन अनहद बैन – स्वामी जी
- 4. यह बिनती रघुबीर गुसाईं – गोस्वामी तुलसीदास
- 5. गुरू मोहिं अपना रूप दिखाओ – स्वामी जी
- 6. पलटू लिखा नसीब का – पलटू साहिब
- 7. नाम और भक्ति
- 8. गुर प्रसाद
- 9. बिन गुर रोग न तुटई – गुरु अमरदास
- 10. कोई कछू कहे मन लागा रे – मीरा बाई
- 11. दुख
- 12. हमन है इश्क मस्ताना – संत कबीर
- 13. गुरु का दरस तू देख री – स्वामी जी
- 14. जिस के सिर ऊपर तूं – गुरु अर्जुन देव
- 15. अब बही सुरत मँझधार – स्वामी जी
- 16. कहिआ करणा दिता लैणा – गुरु अर्जुन देव
- 17. गुरु कहें खोल कर भाई – स्वामी जी
- 18. मनुष्य जीवन का उद्देश्य
- 19. गौतम बुध की रूहानी यात्रा
- 20. सुन ऐ तकी ना जायियो - संत तुलसी साहिब
- 21. अच्छे इरादे
- 22. पारमार्थी चिट्ठियाँ
- 23. जग में गुरु समान नहिं दाता - संत कबीर
- दादा मंगाराम
(अवधि: क़रीब 60 मिनट) - 1. जीव दया तू पाल
- 2. जिनके हिरदे गुर संत नहीं
- 3. मानत नहिं मन मोरा साधो
- 4. पाठ पड़िओ अर बेद बीचारिओ
- 5. पलटू नर तन पाइकै
- 6. पलटू सेखी ना रही
- 7. राधास्वामी धरा नर रूप
- 8. साईं सत संतोष दे
- 9. सोता मन कस जागे भाई
- दादा बाबानी
(अवधि: क़रीब 60 मिनट) - 1. आद निरंजन प्रभ निरंकारा
- 2. अंतर पिआस उठी प्रभ केरी
- 3. भई परापत मानुख देहुरीआ
- 4. भै भाए जागे से जन जाग्रण करह
- 5. गुर सतगुर का जो सिख अखाए
- 6. गुरु क्यों न सम्हार
- 7. जग हउमै मैल दुख पाइआ
- 8. राधास्वामी धरा नर रूप
- 9. राम गुर पारस परस करीजै
- 10. रामा रम रामो सुन मन भीजै
- 11. संत सनेही नाम है
- शिष्यों द्वारा डेरा में किए गए सत्संग
(अवधि: क़रीब 50 मिनट) - 1. करो री कोई सतसंग – स्वामी जी
- 2. नदर करे ता सिमरिआ जाए – गुरु नानक
- 3. कैसी तौबा है – साईं बुल्लेशाह
- 4. सतजुग सत तेता जगी – गुरु रविदास
- 5. सुन ऐ तक़ी न जाइयो – संत तुलसी साहिब
- 6. राम नाम मनि दीप – गोस्वामी तुलसीदास
- 7. जे भुली जे चुकी साईं – गुरु अर्जुन देव
- 8. गुरू की मौज – स्वामी जी
- 9. दरसन दीजै नाम सनेही – संत कबीर
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