रक्तदान: एक महान परोपकार
ख़ून जीवन का एक बेहद महत्त्वपूर्ण अंग है। इसमें 55% प्लाज़्मा (Plasma) और 45% कोशिकीय अंश (Cellular Contents) होते हैं—लाल कोशिकाएँ (Red Blood Cells), सफ़ेद कोशिकाएँ (White Blood Cells) और प्लेटलेट्स (Platelets)। प्लाज़्मा में मुख्य रूप से तीन तरह के प्रोटीन होते हैं—एल्ब्यूमिन, ग्लोब्यूलिन और फ़ाइब्रीनोजन और साथ ही ख़ून को जमानेवाले कुछ तत्त्व भी।
एक मिलिलीटर ख़ून में निम्नलिखित तत्त्व होते हैं:- 50 लाख लाल रक्त कोशिकाएँ (RBCs)
- 4000‑11000 सफ़ेद रक्त कोशिकाएँ (WBCs)
- 1.5‑4 लाख प्लेटलेट्स
- ख़ून का कोई विकल्प नहीं है।
- ख़ून को किसी प्रयोगशाला में नहीं बनाया जा सकता।
- सिर्फ़ इनसान ही रक्तदान कर सकते हैं।
- यदि हर स्वस्थ व्यक्ति रक्तदान करने को अपनी ज़िम्मेदारी समझे तो बीमार और ज़ख़्मी लोगों को बचाया जा सकता है।
- रक्तदान करनेवाले व्यक्ति के शरीर में दान के तुरंत बाद ही रक्त निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो जाती है और 24 घंटों के अंदर ही शरीर में रक्त की पूर्ति हो जाती है। ख़ून के बाक़ी अंश भी तीन हफ़्ते तक दोबारा बन जाते हैं।
ख़ून चढ़वाना इन परिस्थितियों और बीमारियों के इलाज में महत्त्वपूर्ण होता है:
दुर्घटना | नवजात बच्चे में ख़ून बहनेवाली बीमारी |
अनीमिया (ख़ून की कमी) | अधिक ख़ून बहना (Heamorrhages) |
डिलीवरी के बाद ख़ून बहना | ख़ून का कैंसर (Leukemia) |
ख़ून बहने की बीमारी | कोई बड़ा ऑपरेशन |
जल जाना (केवल प्लाज़्मा) | थैलेसीमिया रोग (Thalassemia) |
- लाल रक्त कोशिकाएँ फेफड़ों से ऑक्सीजन लेकर शरीर के सभी अंगों तक पहुँचाती हैं। इनका जीवन काल 120 दिन होता है।
- सफ़ेद रक्त कोशिकाएँ शरीर में प्रवेश करनेवाले सभी रोगाणुओं (germs) को नष्ट करती हैं। इनका जीवन काल 7 घंटे से कुछ दिनों तक का होता है।
- शरीर में कोई ज़ख़्म होने पर, प्लेटलेट्स ख़ून को जमने में सहायता करते हैं। इनका जीवन काल पाँच दिन होता है।
- प्लाज़्मा ख़ून की नाड़ियों में बहता है। यह कोशिकाओं और अन्य बहुत‑से रासायनिक पदार्थों और पोषक तत्त्वों को शरीर के हर भाग तक पहुँचाता है।
किसी का जीवन बचाएँ—रक्तदान करें।
ए.बी.ओ.ब्लड ग्रुपहमारा ब्लड ग्रुप जीवन में कभी नहीं बदलता। ब्लड ग्रुप को लाल रक्त कोशिकाओं (Red Blood Cells) की सतह पर पाए जानेवाले प्रोटीन (ऐंटीजन) के आधार पर तय किया जाता है।
ब्लड ग्रुप | लाल रक्त कोशिकाओं में… |
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ए बी | ए और बी-प्रोटीन (ऐंटीजन) दोनों होते हैं |
ए | केवल ए-प्रोटीन (ऐंटीजन) होते हैं |
बी | केवल बी-प्रोटीन (ऐंटीजन) होते हैं |
ओ | इनमें से कोई प्रोटीन (ऐंटीजन) नहीं होता |
आर एच (Rh) ग्रुप का नाम मकैकस रीसस बंदर के नाम पर रखा गया है, क्योंकि यह ग्रुप रीसस बंदर की लाल रक्त कोशिकाओं के प्रोटीन के समान होता है।
- यदि इनसान की लाल रक्त कोशिकाओं में आर एच प्रोटीन (ऐंटीजन) मौजूद हों, तो इसे आर एच पॉज़िटिव कहते हैं।
- यदि इनसान की लाल रक्त कोशिकाओं में आर एच प्रोटीन न हों तो इसे आर एच नेगेटिव कहते हैं।
- 95‑98% भारतीय आर एच पॉज़िटिव हैं, 2‑5% आर एच नेगेटिव हैं।

- 18‑60 वर्ष के बीच के कोई भी स्वस्थ महिला या पुरुष रक्तदान कर सकते हैं।
- पुरुष तीन महीने में एक बार और महिलाएँ चार महीने में एक बार रक्तदान कर सकती हैं।
- रक्तदाता का वज़न कम से कम 45 किलो होना चाहिए।
- ख़ून में हीमोग्लोबिन (Haemoglobin) की मात्रा कम से कम 12.5 ग्राम/डी एल होनी चाहिए।
- सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर, (Systolic B.P. ) 120‑140 mm और डायस्टोलिक ब्लड प्रेशर (Diastolic B.P.) 70‑90 mm होना चाहिए।
- यदि शरीर में ख़ून की मात्रा वज़न के अनुसार 65‑80 मिलिलीटर प्रति किलोग्राम हो तो आप 6‑8 मिलिलीटर प्रति किलोग्राम रक्तदान कर सकते हैं।
- जितना दर्द एक टीका लगवाते समय होता है, रक्तदान करते हुए उससे ज़्यादा दर्द नहीं होता।
- पंजीकरण (Registration) और मेडिकल जाँच में लगभग बीस मिनट का ही समय लगता है और फिर रक्तदान करने तथा उसके बाद आराम करने में भी बीस मिनट लग जाते हैं।
- पिछले सात दिनों से सर्दी या बुख़ार (जिसका कारण न पता हो) है।
- पिछले 24 घंटों में कोई टीकाकरण (Vaccination) हुआ हो।
- पिछले 6 महीनों में गर्भपात हुआ हो या पिछले 12 महीनों में आप गर्भवती रही हों या बच्चे को स्तनपान करवाया हो।
- गंभीर हृदय रोग है।
- तपेदिक (TB) है।
- अति सक्रिय थायरॉयड (Thyrotoxicosis) है।
- कैंसर, गुर्दे के रोग, ख़ून बहने की प्रवृत्ति, अनीमिया या यौन रोग (Sexually Transmitted Disease) का इतिहास है।
- एड्स या एच.आई.वी. का संक्रमण है।
- ज़्यादा शराब पीने या नशे की आदत है।
- आप पिछले दो बार रक्तदान करते समय बेहोश हो गए हों।
- हेपेटाइटिस‑बी या हेपेटाइटिस‑सी है।
रक्तदान करने से पहले
- पानी पिएँ।
- ज़्यादा चाय या कॉफ़ी न पिएँ।
- रक्तदान से पहले कुछ हलका‑सा खा लें।
- दो घंटे तक अधिक पानी पिएँ और अन्य पेय पदार्थ भी अधिक लें।
- नियमित दिनचर्या जारी रखें लेकिन 24 घंटे तक कोई कठिन और थकानेवाला व्यायाम न करें।
- आधे घंटे तक शराब का सेवन न करें।
- लगभग दो घंटे तक धूम्रपान न करें।
- जहाँ से ख़ून लिया है वहाँ कुछ घंटे पट्टी (Band-Aid) लगी रहने दें।

- रक्तदान में बहुत कम समय लगता है और इसमें नाममात्र ही दर्द होता है।
- आपका नाम और अन्य सूचना दर्ज की जाती है।
- डॉक्टर पहले यह जाँच करता है कि क्या आपका ख़ून दूसरों को चढ़ाने लायक़ है या नहीं। इसके लिए आपके ब्लड प्रेशर, नाड़ी की गति (Pulse), शरीर के तापमान और अनीमिया (Anaemia) की जाँच की जाती है।
- आपको रक्तदान करनेवाली जगह पर ले जाया जाता है और आपकी बाज़ू को ऐंटीसेप्टिक से साफ़ किया जाता है।
- आपकी बाज़ू में से 350 मिलिलीटर ख़ून लेकर एक कीटाणुरहित प्लास्टिक बैग में इकट्ठा किया जाता है। सुई और बैग एक बार इस्तेमाल करने के बाद फेंक दिए जाते हैं।
- रक्तदान की प्रक्रिया में लगभग 5‑8 मिनट का समय लगता है।
- रक्तदान के बाद आपको हलका जलपान दिया जाता है।
याद रखें कि रक्तदान के कारण शरीर के द्रव्यों में हुई कमी 24 घंटों के अंदर पूरी हो जाती है।
रक्तदान करके आपको एक सुखद एहसास होगा!
आपके द्वारा दान किए गए ख़ून का क्या होता है?ख़ून को एक प्लास्टिक के बैग में इकट्ठा किया जाता है, जिसमें एक ऐसा रसायन (Anticoagulant) मिला होता है जो ख़ून को जमने नहीं देता।फिर इस ख़ून की कई प्रकार की जाँच की जाती है—जैसे कि ए.बी.ओ. ग्रुप के लिए, आर एच फ़ैक्टर के लिए, हर तरह की संक्रामक बीमारियों, जैसे हेपेटाइटिस‑बी, हेपेटाइटिस‑सी, एच.आई.वी., सिफ़लिस और मलेरिया आदि के लिए। इस ख़ून को 4‑6° सेल्सियस तापमान पर फ़्रिज में रख लिया जाता है।
जो ख़ून प्लेटलेट्स (Platelets) के लिए या प्लेटलेट्स को अलग करने के लिए लिया जाता हैâ उसे सामान्य तापमान पर प्लेटलेट इन्क्युबेटर या शेकर में रखा जाता है। प्लेटलेट्स को 5‑7 दिनों तक रखा जा सकता है, जबकि जमे हुए प्लाज़्मा को -30° सेल्सियस तापमान पर एक साल तक के लिए भी रखा जा सकता है। ख़ून चढ़ाने से पहले मरीज़ के ख़ून और रक्तदान में दिए गए ख़ून का आपस में तालमेल किया जाता है ताकि यह निश्चित किया जा सके कि दोनों का रक्त एक दूसरे से मिलता है।
यह समझ लेना ज़रूरी है कि ख़ून में अलग‑अलग तत्त्व होते हैं, जैसे पैक्ड लाल कोशिकाएँ, प्लेटलेट्स, क्रायोप्रेसीपिटेट (Cryoprecipitate) और प्लाज़्मा आदि और ये तत्त्व रक्त केंद्र में ख़ून से अलग करके तैयार किए जाते हैं। हर तत्त्व को कुछ समय के लिए ही सुरक्षित रखा जा सकता है और यह समय सबका अलग‑अलग है। लेकिन अच्छी बात यह है कि एक यूनिट ख़ून, चार या पाँच रोगियों की ज़रूरतों को पूरा कर सकता है। उदाहरण के तौर पर ख़ून की कमी के रोगी को सिर्फ़ लाल रक्त कोशिकाओं की ही ज़रूरत होती है। जिसका ख़ून बह रहा हो या ल्यूकीमिया के रोगी को सिर्फ़ प्लेटलेट्स चाहिएँ और जले हुए रोगी को प्लाज़्मा की ज़रूरत होती है। क्रायोप्रेसीपिटेट का इस्तेमाल ख़ास तौर पर हीमोफ़ीलिया (Haemophilia) के लिए या ख़ून बहने के ऐसे किसी अन्य रोग में होता है।
मैं आपका नाम तो नहीं जानता…
लेकिन जीवन के इस तोहफ़े के लिए धन्यवाद।
रक्तदान करें!
किसी का जीवन बचाएँ।
रक्तदान करें।
रक्त–जीवन का अमृत
स्वयंसेवी ब्लड बैंक से मिली जानकारी
- ख़ून और इसके तत्त्वों की बहुत ज़्यादा माँग है और यह माँग दिन पर दिन बढ़ती जा रही है। यदि आठ रोगियों को ख़ून चढ़ाने की ज़रूरत होती है, तो औसतन एक को ही ख़ून मिल पाता है। इसलिए ख़ून की हर बूँद महत्त्वपूर्ण है। हर रक्तदान महत्त्वपूर्ण है। कभी न भूलें कि आप कितना महान काम कर रहे हैं। जब आप रक्तदान करते हैं तो आप वाक़ई किसी को ‘ज़िंदगी का तोहफ़ा दे रहे हैं।’
- आप अपने काम पर ही रक्तदान कर सकते हैं या किसी सार्वजनिक रक्तदान कैंप में जाकर ख़ून दे सकते हैं। रजिस्ट्रेशन, मेडिकल जाँच और रक्त देने में लगभग 40‑45 मिनट लगते हैं। जब आप ख़ून देने के लिए आएँ तो आपसे रोज़मर्रा के जीवन के बारे में कुछ साधारण सवाल पूछे जाएँगे। इन सवालों का पूरी ईमानदारी से जवाब दें जिससे आपको भी फ़ायदा होगा और उस रोगी को भी, जिसे यह ख़ून दिया जाएगा। इसके बाद यह सुनिश्चित करने के लिए कि आपको पहले से ही ख़ून की कमी तो नहीं है, आपकी उँगली से एक बूँद ख़ून लिया जाएगा। यदि सब ठीक है तो आप रक्तदान कर सकते हैं। इसमें सिर्फ़ दस मिनट लगेंगे। फिर थोड़ा आराम और जलपान करके आप जा सकते हैं। जलपान का प्रबंध रक्तदान वाली जगह पर ही होगा।
- हम समझ सकते हैं कि आपके मन में कुछ शंका होगी। जब तक आप एक बार ख़ून दान नहीं करते, मन में शंका होना स्वाभाविक ही है। यदि ज़रूरत हो, तो आपकी सुविधा के लिए सुन्न करनेवाली दवा का इस्तेमाल किया जा सकता है। आप महसूस करेंगे कि रक्तदान कितना दर्दरहित, आसान और सहज है और सबसे बड़ी बात तो यह है कि यह किसी की ‘ज़िंदगी बचाता है’।
- स्वयंसेवी ब्लड बैंकों (Voluntary Blood Banks) में रक्तदाताओं के लिए अलग‑अलग बीमा पॉलिसियाँ होती हैं जो यह निश्चित करती हैं कि भविष्य में जब कभी आपको ख़ून की ज़रूरत हो तो वह अवश्य पूरी की जाएगी। साल में कम से कम दो बार रक्तदान करके नियमित रक्तदाता बनें।
- आप एक रक्तदान से 6 क़ीमती ज़िंदगियाँ बचा सकते हैं। क्या आपको नहीं लगता कि यही अपने आप में एक बहुत बड़ी प्रेरणा है? फिर यह सब कितना आसान है! इसमें सिर्फ़ कुछ मिनट ही लगते हैं। इस दान के लिए आपकी सेहत अच्छी और दिल बड़ा होना चाहिए। क्या आपके पास ये हैं? आगे बढ़ें और आज ही पहला क़दम उठाएँ। कहीं न कहीं, कोई ज़रूर अपनी ज़िंदगी बचाने के लिए आपसे उम्मीद लगाए बैठा है।
- 18‑60 वर्ष की उम्र का कोई भी स्वस्थ व्यक्ति बिना किसी ख़तरे के रक्तदान कर सकता है। इसलिए यदि आप इस श्रेणी में आते हैं, तो किसी की ज़िंदगी बचाने के लिए आप ही सही व्यक्ति हैं। आगे बढ़ें और आज ही एक ज़िंदगी बचाएँ।
- याद रखें! समाज में हमें हर तरह के ख़ून की ज़रूरत है, न कि सिर्फ़ दुर्लभ ब्लड ग्रुप की। दरअसल ब्लड ग्रुप जितना साधारण है, हमें उतनी ही ज़्यादा उसकी ज़रूरत है। यदि आपका ब्लड ग्रुप ओ (O) है, तो साल में दो‑तीन बार रक्तदान करके आप ज़्यादा ज़िंदगियाँ बचा सकते हैं—शायद एक दिन अपनी भी! इसलिए नियमित रूप से रक्तदान करें। आप सचमुच ‘एक महान काम कर रहे हैं’।
- जब आप रक्तदान करते हैं तो आपका ख़ून किसी बेहद ज़रूरतमंद रोगी को दिया जाता है। यह मानवता की उत्तम सेवा है। रक्तदान करके बहुत गर्व महसूस होता है। यह आत्मसंतोष का एक ऐसा एहसास है जिसे शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता। एक बार रक्तदान करके आपको पता चलेगा कि यह कितना बड़ा एहसास है! आगे बढ़ें और इसे ख़ुद महसूस करें।
- क्यों न आप अपने स्वास्थ्य के बारे में भी सही जानकारी लें? हमारे पास बेहद क़ाबिल डॉक्टर हैं जो यह सुनिश्चित करेंगे कि रक्तदान करने से आपकी सेहत पर कोई असर नहीं पड़ेगा। आपकी सेहत के बारे में बात करके हम यह सुनिश्चित करेंगे कि आप रक्तदान करने के योग्य हैं और आपका ख़ून किसी और को देने लायक़ है। फिर भी यदि कुछ स्वास्थ्य कारणों से आप रक्तदान न भी कर पाएँ तो आप अपने संबंधियों और दोस्तों को रक्तदान के लिए प्रेरित करके किसी की ज़िंदगी बचा सकते हैं।
- रक्तदान के दौरान संक्रमण होने का कोई ख़तरा नहीं है। जिस सुई और बैग का इस्तेमाल किया जाता है, उन्हें ‘सिर्फ़ एक बार ही इस्तेमाल करके नष्ट कर दिया जाता है’। रक्तदान करने से आपको कोई भी संक्रामक रोग नहीं हो सकता।
- रक्तदान के तुरंत बाद शरीर इसकी भरपाई करना शुरू कर देता है और लगभग 24 घंटे में ख़ून की पूर्ति हो जाती है। रक्तदान करने की वजह से कहीं आपको अनीमिया न हो जाए, इसे सुनिश्चित करने के लिए आप अगला रक्तदान कम से कम तीन‑चार महीने के बाद करें।
- साल में तीन या चार बार रक्तदान करके एक नियमित रक्तदाता बनें। बहुत‑से लोग अपने जीवन में सौ से भी अधिक बार रक्तदान करते हैं—आप भी कर सकते हैं, हमारे समाज को आप जैसे लोगों की ज़रूरत है।
- स्वयंसेवी ब्लड बैंक एक सामाजिक स्वावलंबी चेरिटेबल संस्था है जिसका उद्देश्य धन कमाना नहीं है। इसका लक्ष्य है समाज की मदद करना, जितना हो सके उतने जीवन बचाना और इसके लिए आपके ख़ून की ज़रूरत है। आप के दिए ख़ून के हर क़तरे की किसी वायरस या अन्य रोगाणु के लिए पूरी जाँच होगी। इसके तत्त्वों को अलग‑अलग कर दिया जाएगा ताकि ज़्यादा से ज़्यादा लोगों को इसका फ़ायदा मिल सके।
रक्तदान के अलावा, आप केवल प्लाज़्मा भी दान कर सकते हैं।
प्लाज़्मा—ख़ून का सबसे बहुगुणी अंश
- प्लाज़्मा में बहुत महत्त्वपूर्ण प्रोटीन, पोषक तत्त्व और ख़ून को जमानेवाले तत्त्व (clotting factors) भी होते हैं जो ख़ून को बहने से रोकते हैं।
- एक बालिग़ व्यक्ति में लगभग पाँच लीटर ख़ून होता है, जिसमें तीन लीटर प्लाज़्मा होता है।
प्लाज़्मा से तेरह प्रकार के उपयोगी तत्त्व अलग किए जाते हैं। कुछ ऐसे तत्त्व जिनकी बहुत अधिक माँग है:
- बायोस्टैटिक या फ़ैक्टर VIII कॉन्सन्ट्रेट (Biostatic or factor VIII concentrate)—इसका इस्तेमाल हीमोफ़ीलिया‑ए के रोगियों में बहते ख़ून को रोकने के लिए किया जाता है। फ़ैक्टर VIII एक ऐसा प्रोटीन है जो सामान्य रूप से ख़ून के जमने (Blood clotting) के लिए ज़रूरी है। फ़ैक्टर VIII की आनुवंशिक कमी के कारण हीमोफ़ीलिया ए रोग होता है।
- इम्यूनोग्लोबुलिन (Immunoglobulin)—यह एक ख़ास तरह का मिश्रण है जिसमें ऐंटीबॉडीज़ होती हैं। यह संक्रामक रोगों से बचाता है जैसे टेटनस, छोटी माता (चिकन पॉक्स) और हेपेटाइटिस‑बी।
- एल्ब्यूमिन (Albumin)—यह अचानक जल जाने, सदमा या बिजली के शॉक (Shock) के उपचार के लिए ख़ून की मात्रा पूरी करने के लिए इस्तेमाल होता है। इसे लिवर या गुर्दे के उपचार के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है।
- इंट्रागाम पी (Intragam P)—इसमें ऐंटीबॉडीज़ होती हैं जो शरीर की प्रतिरोधक शक्ति को मज़बूत करती हैं। इसकी ज़रूरत मज्जा प्रतिरोपण (Bone marrow transplant) में या कमज़ोर प्रतिरोधक क्षमता (Immune system) के कारण हुई बीमारियों में होती है।
लोगों को जीवन की लड़ाई लड़ने में मदद करें
रक्तदान करें!
- प्लाज़्मा दान करने की एक ख़ास विधि होती है जिसे ऐफ़ेरेसिस (apheresis) कहते हैं।
- प्लाज़्मा को निकालने में लगभग 40 मिनट लगते हैं।
- एक बार के प्लाज़्मा दान में लगभग 650 मिलिलीटर प्लाज़्मा लिया जा सकता है।
इस प्रक्रिया में एक बाज़ू में से ही ख़ून लिया जाता है जिसे कोशिकाओं को अलग करनेवाले यंत्र (cell separating machine) से कीटाणुरहित थैली में इकट्ठा किया जाता है। यह यंत्र ख़ून में से केवल प्लाज़्मा ही निकालता है और ख़ून के बाक़ी तत्त्वों (लाल और सफ़ेद रक्त कोशिकाएँ तथा प्लेटलेट्स) को उसी माध्यम से रक्तदान करनेवाले व्यक्ति के शरीर में वापस डाल देता है।
क्या प्लाज़्मा दान करने की विधि सुरक्षित है?- प्लाज़्मा दान करने की विधि एकदम सुरक्षित है। यह कार्य प्रशिक्षित कर्मचारी ही करते हैं।
- चूँकि प्लाज़्मा दान के समय आपकी लाल रक्त कोशिकाएँ आपके शरीर को वापस मिल जाती हैं, इसलिए हर दो से तीन सप्ताह के बाद आप प्लाज़्मा दान कर सकते हैं।
- यह ज़रूरी नहीं है कि आप सिर्फ़ प्लाज़्मा ही दान करते रहें। आप जब चाहें रक्तदान भी कर सकते हैं।
- जो पहली बार प्लाज़्मा दान कर रहे हैं, उनके लिए ज़रूरी है कि उन्होंने पिछले एक साल में बिना किसी तकलीफ़ के कम से कम एक बार रक्तदान किया हो।
- प्लाज़्मा दान के लिए आपका चुनाव आपकी समयानुसार उपलब्धता, नाड़ियों की अनुकूलता, हीमोग्लोबिन के स्तर और ब्लड ग्रुप पर निर्भर करता है।
- प्लाज़्मा दान के लिए आयु 18‑60 वर्ष के बीच होनी चाहिए। 70 साल की आयु तक आप प्लाज़्मा दान कर सकते हैं।
- आपका वज़न 50 किलोग्राम या उससे ज़्यादा होना चाहिए।
- प्लाज़्मा दान के 24 घंटे पहले से ही ख़ूब पानी पिएँ और प्लाज़्मा दान से पहले भोजन ज़रूर करें।
किसी को जीवन का तोहफ़ा दीजिए रक्तदान कीजिए
आम पूछे जानेवाले प्रश्न
मेरा कितना ख़ून लिया जाएगा?मनुष्य के शरीर में 5‑6 लीटर ख़ून होता है। हर बार रक्तदान में 350 मिलिलीटर ख़ून लिया जाता है। दान के 24 घंटे के भीतर ही आपका शरीर अपने आप द्रव्य की पूर्ति कर लेता है और आपको कोई कमज़ोरी भी महसूस नहीं होती। यही कारण है कि कुछ लोग, जिन्हें अपना ऑपरेशन करवाना होता है, वे ऑपरेशन के 3‑4 सप्ताह पहले अपना ही ख़ून दान कर देते हैं, ताकि ऑपरेशन के समय उसका प्रयोग किया जा सके। यह काफ़ी जानी मानी विधि है और इसे ऑटोलोगस ब्लड डोनेशन (autologous blood donation) यानी अपने लिए रक्तदान कहते हैं।
पेशेवर रक्तदाताओं के बजाय अपनी मरज़ी से ख़ून देनेवालों को ज़्यादा महत्त्व क्यों दिया जाता है?पेशेवर रक्तदाता पैसे कमाने के लिए ही ख़ून दान करते हैं। हो सकता है वे अपनी कोई बीमारी, संक्रमण या नशीले पदार्थ के सेवन के बारे में न बताएँ, जिनका पता तुरंत जाँच से नहीं लग पाता। पेशेवर रक्तदाताओं से किसी गंभीर बीमारी का ख़तरा बना रहता है जबकि अपनी मरज़ी से ख़ून देनेवालों को यदि कोई बीमारी है, तो वे ख़ुद ही उसके बारे में बता देते हैं, इसलिए उनका ख़ून लेना सुरक्षित और विश्वसनीय माना जाता है।
रक्तदान करने से मेरी सेहत पर क्या असर पड़ेगा?आप तभी रक्तदान कर सकते हैं अगर आप स्वस्थ हैं। आपका केवल 5% ख़ून लिया जाता है और इससे कोई कमज़ोरी या हानिकारक परिणाम नहीं होता। शरीर से निकले द्रव्य की पूर्ति 24 घंटों में हो जाती है, जबकि रक्त कोशिकाएँ कुछ ही हफ़्तों में दोबारा बन जाती हैं।
यदि मुझे ख़ून की ज़रूरत पड़े तो?यदि आपको ख़ून की तुरंत ज़रूरत है तो आपको रक्त अस्पताल से मिलेगा। ज़्यादातर अस्पताल किसी रोगी को ख़ून देने के लिए उसके किसी संबंधी या मित्र से ख़ून लेना पसंद करते हैं।
क्या मैं रक्तदान के बाद धूम्रपान कर सकता हूँ?अच्छा होगा कि आप रक्तदान के बाद कम से कम दो घंटे तक धूम्रपान न करें, क्योंकि इससे चक्कर आ सकते हैं और आप बेहोश हो सकते हैं। बेहतर तो यह है कि आप धूम्रपान बिलकुल न करें।
क्या मैं किसी मित्र को साथ ला सकता हूँ?जी हाँ, आप अपने मित्र को अवश्य साथ ला सकते हैं। जब वह देखेगा कि रक्तदान कितना आसान है और इसमें कोई दर्द नहीं होता, तो उसे भी रक्तदान करने की प्रेरणा मिलेगी।
क्या मैं काम पर वापस जा सकता हूँ?जी हाँ, यदि आप रक्तदान वाली जगह छोड़ने से पहले कुछ जलपान और थोड़ा आराम कर लें तो काम पर वापस जा सकते हैं। कभी‑कभी रक्तदान करने के कुछ समय बाद कुछ लोग बेहोश हो जाते हैं (ऐसा बहुत कम होता है)। इसलिए यदि आप ऐसे व्यवसाय में हैं जहाँ आप अपनी या दूसरों की ज़िंदगी ख़तरे में डाल सकते हैं, तो बेहतर होगा कि आप रक्तदान के तुरंत बाद काम पर न जाएँ।
यदि आप कोई बस या ट्रेन चलाते हैं या किसी आपातकालीन सेवा में काम करते हैं या ऊँचाई पर चढ़नेवाले काम (सीढ़ी चढ़ना) करते हैं, तो रक्तदान करने के बाद आपको उस दिन काम पर नहीं जाना चाहिए। अपना काम ख़त्म करने के बाद ही आप को रक्तदान करना चाहिए।
रक्तदान करने के लिए मैं कहाँ जा सकता हूँ?आप अपने घर, दफ़्तर या स्कूल के पास लगे किसी रक्तदान कैंप में जा सकते हैं अथवा अपने इलाक़े में किसी मान्यता‑प्राप्त ब्लड बैंक में रक्तदान कर सकते हैं। जानकारी के लिए कृपया स्थानीय भारतीय रैड क्रॉस ब्लड बैंक को फ़ोन करें।
रक्तदान—एक अच्छी आदतसमय‑समय पर रक्तदान करने के कई निजी फ़ायदे हैं:
- जब भी आप रक्तदान करते हैं तो आपसे स्वास्थ्य संबंधी प्रश्न पूछे जाते हैं और कुछ शारीरिक जाँच भी की जाती है। इस प्रक्रिया में कभी‑कभी आपकी सेहत से संबंधित किसी बीमारी का पता चल जाता है, जैसे कि हाई ब्लड प्रेशर, अनीमिया या दिल की अनियमित धड़कन आदि। इस प्रकार किसी भी नई बीमारी का इलाज समय पर हो सकता है।
- दो अध्ययनों में पाया गया है कि जो पुरुष रक्तदान करते हैं और जो महिलाएँ (जिनकी माहवारी बंद हो चुकी हो) रक्तदान करती हैं, उनमें हृदय रोग कम पाया गया है।
- सबसे महत्त्वपूर्ण बात यह है कि रक्तदान करना वाक़ई में एक ‘अच्छी आदत’ है। दूसरों का जीवन बचाकर आपको बहुत संतुष्टि मिलती है।
ख़ून कहीं बनाया नहीं जा सकता। इसे मनुष्य ही दान कर सकता है। यदि हर योग्य व्यक्ति रक्तदान करता है, तो न कभी इसकी कमी होगी और न ही ज़रूरतमंद लोगों को इससे वंचित रहना पड़ेगा।
आइए, और ज़्यादा ज़िंदगियाँ बचाने के लिए मिलकर काम करें‑
आज ही रक्तदान करें!
ज़िम्मेदार बनें, रक्तदाता बनें।
किसी का जीवन बचाने में मदद करें!