रक्तदान: एक महान परोपकार - स्वास्थ्य की देखभाल

रक्तदान: एक महान परोपकार

ख़ून जीवन का एक बेहद महत्त्वपूर्ण अंग है। इसमें 55% प्लाज़्मा (Plasma) और 45% कोशिकीय अंश (Cellular Contents) होते हैं—लाल कोशिकाएँ (Red Blood Cells), सफ़ेद कोशिकाएँ (White Blood Cells) और प्लेटलेट्स (Platelets)। प्लाज़्मा में मुख्य रूप से तीन तरह के प्रोटीन होते हैं—एल्ब्यूमिन, ग्लोब्यूलिन और फ़ाइब्रीनोजन और साथ ही ख़ून को जमानेवाले कुछ तत्त्व भी।

एक मिलिलीटर ख़ून में निम्नलिखित तत्त्व होते हैं: ये सभी हलके पीले रंग के तरल पदार्थ प्लाज़्मा में मौजूद होते हैं। किन परिस्थितियों में ख़ून चढ़वाया जाना चाहिए?

ख़ून चढ़वाना इन परिस्थितियों और बीमारियों के इलाज में महत्त्वपूर्ण होता है:

दुर्घटना नवजात बच्चे में ख़ून बहनेवाली बीमारी 
अनीमिया (ख़ून की कमी) अधिक ख़ून बहना (Heamorrhages)
डिलीवरी के बाद ख़ून बहना ख़ून का कैंसर (Leukemia)
ख़ून बहने की बीमारी कोई बड़ा ऑपरेशन
जल जाना (केवल प्लाज़्मा) थैलेसीमिया रोग (Thalassemia) 
ख़ून के अलग-अलग तत्त्व क्या काम करते हैं?

किसी का जीवन बचाएँ—रक्तदान करें।

ए.बी.ओ.ब्लड ग्रुप 

हमारा ब्लड ग्रुप जीवन में कभी नहीं बदलता। ब्लड ग्रुप को लाल रक्त कोशिकाओं (Red Blood Cells) की सतह पर पाए जानेवाले प्रोटीन (ऐंटीजन) के आधार पर तय किया जाता है।

ब्लड ग्रुप लाल रक्त कोशिकाओं में…
ए बी ए और बी-प्रोटीन (ऐंटीजन) दोनों होते हैं
केवल ए-प्रोटीन (ऐंटीजन) होते हैं
बी केवल बी-प्रोटीन (ऐंटीजन) होते हैं
इनमें से कोई प्रोटीन (ऐंटीजन) नहीं होता
रीसस (Rhesus) ब्लड ग्रुप (Rh Factor)
आर एच (Rh) ग्रुप का नाम मकैकस रीसस बंदर के नाम पर रखा गया है, क्योंकि यह ग्रुप रीसस बंदर की लाल रक्त कोशिकाओं के प्रोटीन के समान होता है। रक्तदान कौन कर सकता है?
रक्तदान न करें यदि आपको… आप रक्तदान नहीं कर पाएँगे यदि आपको… रक्तदाताओं के लिए उपयोगी और स्वास्थ्यकारी सुझाव
रक्तदान करने से पहले रक्तदान करने के बाद जब आप रक्तदान करेंगे तो क्या होगा?

याद रखें कि रक्तदान के कारण शरीर के द्रव्यों में हुई कमी 24 घंटों के अंदर पूरी हो जाती है।

रक्तदान करके आपको एक सुखद एहसास होगा!

आपके द्वारा दान किए गए ख़ून का क्या होता है?

ख़ून को एक प्लास्टिक के बैग में इकट्ठा किया जाता है, जिसमें एक ऐसा रसायन (Anticoagulant) मिला होता है जो ख़ून को जमने नहीं देता।फिर इस ख़ून की कई प्रकार की जाँच की जाती है—जैसे कि ए.बी.ओ. ग्रुप के लिए, आर एच फ़ैक्टर के लिए, हर तरह की संक्रामक बीमारियों, जैसे हेपेटाइटिस‑बी, हेपेटाइटिस‑सी, एच.आई.वी., सिफ़लिस और मलेरिया आदि के लिए। इस ख़ून को 4‑6° सेल्सियस तापमान पर फ़्रिज में रख लिया जाता है।

जो ख़ून प्लेटलेट्स (Platelets) के लिए या प्लेटलेट्स को अलग करने के लिए लिया जाता हैâ उसे सामान्य तापमान पर प्लेटलेट इन्क्युबेटर या शेकर में रखा जाता है। प्लेटलेट्स को 5‑7 दिनों तक रखा जा सकता है, जबकि जमे हुए प्लाज़्मा को -30° सेल्सियस तापमान पर एक साल तक के लिए भी रखा जा सकता है। ख़ून चढ़ाने से पहले मरीज़ के ख़ून और रक्तदान में दिए गए ख़ून का आपस में तालमेल किया जाता है ताकि यह निश्चित किया जा सके कि दोनों का रक्त एक दूसरे से मिलता है।

यह समझ लेना ज़रूरी है कि ख़ून में अलग‑अलग तत्त्व होते हैं, जैसे पैक्ड लाल कोशिकाएँ, प्लेटलेट्स, क्रायोप्रेसीपिटेट (Cryoprecipitate) और प्लाज़्मा आदि और ये तत्त्व रक्त केंद्र में ख़ून से अलग करके तैयार किए जाते हैं। हर तत्त्व को कुछ समय के लिए ही सुरक्षित रखा जा सकता है और यह समय सबका अलग‑अलग है। लेकिन अच्छी बात यह है कि एक यूनिट ख़ून, चार या पाँच रोगियों की ज़रूरतों को पूरा कर सकता है। उदाहरण के तौर पर ख़ून की कमी के रोगी को सिर्फ़ लाल रक्त कोशिकाओं की ही ज़रूरत होती है। जिसका ख़ून बह रहा हो या ल्यूकीमिया के रोगी को सिर्फ़ प्लेटलेट्स चाहिएँ और जले हुए रोगी को प्लाज़्मा की ज़रूरत होती है। क्रायोप्रेसीपिटेट का इस्तेमाल ख़ास तौर पर हीमोफ़ीलिया (Haemophilia) के लिए या ख़ून बहने के ऐसे किसी अन्य रोग में होता है।

मैं आपका नाम तो नहीं जानता…
लेकिन जीवन के इस तोहफ़े के लिए धन्यवाद।

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किसी का जीवन बचाएँ।
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रक्त–जीवन का अमृत
स्वयंसेवी ब्लड बैंक से मिली जानकारी

प्लाज़्मा दान

रक्तदान के अलावा, आप केवल प्लाज़्मा भी दान कर सकते हैं।

प्लाज़्मा—ख़ून का सबसे बहुगुणी अंश 
ख़ून में लाल रक्त कोशिकाएँ, सफ़ेद रक्त कोशिकाएँ और प्लेटलेट्स होते हैं जो प्लाज़्मा नामक द्रव्य में मौजूद रहते हैं। प्लाज़्मा दान क्यों करना चाहिए?
प्लाज़्मा से तेरह प्रकार के उपयोगी तत्त्व अलग किए जाते हैं। कुछ ऐसे तत्त्व जिनकी बहुत अधिक माँग है:

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प्लाज़्मा दान के दौरान क्या होता है?

इस प्रक्रिया में एक बाज़ू में से ही ख़ून लिया जाता है जिसे कोशिकाओं को अलग करनेवाले यंत्र (cell separating machine) से कीटाणुरहित थैली में इकट्ठा किया जाता है। यह यंत्र ख़ून में से केवल प्लाज़्मा ही निकालता है और ख़ून के बाक़ी तत्त्वों (लाल और सफ़ेद रक्त कोशिकाएँ तथा प्लेटलेट्स) को उसी माध्यम से रक्तदान करनेवाले व्यक्ति के शरीर में वापस डाल देता है।

क्या प्लाज़्मा दान करने की विधि सुरक्षित है? प्लाज़्मा दान कितने समय बाद किया जा सकता है? मैं प्लाज़्मा दान कैसे कर सकता हूँ?

किसी को जीवन का तोहफ़ा दीजिए रक्तदान कीजिए

आम पूछे जानेवाले प्रश्न

मेरा कितना ख़ून लिया जाएगा?

मनुष्य के शरीर में 5‑6 लीटर ख़ून होता है। हर बार रक्तदान में 350 मिलिलीटर ख़ून लिया जाता है। दान के 24 घंटे के भीतर ही आपका शरीर अपने आप द्रव्य की पूर्ति कर लेता है और आपको कोई कमज़ोरी भी महसूस नहीं होती। यही कारण है कि कुछ लोग, जिन्हें अपना ऑपरेशन करवाना होता है, वे ऑपरेशन के 3‑4 सप्ताह पहले अपना ही ख़ून दान कर देते हैं, ताकि ऑपरेशन के समय उसका प्रयोग किया जा सके। यह काफ़ी जानी मानी विधि है और इसे ऑटोलोगस ब्लड डोनेशन (autologous blood donation) यानी अपने लिए रक्तदान कहते हैं।

पेशेवर रक्तदाताओं के बजाय अपनी मरज़ी से ख़ून देनेवालों को ज़्यादा महत्त्व क्यों दिया जाता है?

पेशेवर रक्तदाता पैसे कमाने के लिए ही ख़ून दान करते हैं। हो सकता है वे अपनी कोई बीमारी, संक्रमण या नशीले पदार्थ के सेवन के बारे में न बताएँ, जिनका पता तुरंत जाँच से नहीं लग पाता। पेशेवर रक्तदाताओं से किसी गंभीर बीमारी का ख़तरा बना रहता है जबकि अपनी मरज़ी से ख़ून देनेवालों को यदि कोई बीमारी है, तो वे ख़ुद ही उसके बारे में बता देते हैं, इसलिए उनका ख़ून लेना सुरक्षित और विश्वसनीय माना जाता है।

रक्तदान करने से मेरी सेहत पर क्या असर पड़ेगा?

आप तभी रक्तदान कर सकते हैं अगर आप स्वस्थ हैं। आपका केवल 5% ख़ून लिया जाता है और इससे कोई कमज़ोरी या हानिकारक परिणाम नहीं होता। शरीर से निकले द्रव्य की पूर्ति 24 घंटों में हो जाती है, जबकि रक्त कोशिकाएँ कुछ ही हफ़्तों में दोबारा बन जाती हैं।

यदि मुझे ख़ून की ज़रूरत पड़े तो?

यदि आपको ख़ून की तुरंत ज़रूरत है तो आपको रक्त अस्पताल से मिलेगा। ज़्यादातर अस्पताल किसी रोगी को ख़ून देने के लिए उसके किसी संबंधी या मित्र से ख़ून लेना पसंद करते हैं।

क्या मैं रक्तदान के बाद धूम्रपान कर सकता हूँ?

अच्छा होगा कि आप रक्तदान के बाद कम से कम दो घंटे तक धूम्रपान न करें, क्योंकि इससे चक्कर आ सकते हैं और आप बेहोश हो सकते हैं। बेहतर तो यह है कि आप धूम्रपान बिलकुल न करें।

क्या मैं किसी मित्र को साथ ला सकता हूँ?

जी हाँ, आप अपने मित्र को अवश्य साथ ला सकते हैं। जब वह देखेगा कि रक्तदान कितना आसान है और इसमें कोई दर्द नहीं होता, तो उसे भी रक्तदान करने की प्रेरणा मिलेगी।

क्या मैं काम पर वापस जा सकता हूँ?

जी हाँ, यदि आप रक्तदान वाली जगह छोड़ने से पहले कुछ जलपान और थोड़ा आराम कर लें तो काम पर वापस जा सकते हैं। कभी‑कभी रक्तदान करने के कुछ समय बाद कुछ लोग बेहोश हो जाते हैं (ऐसा बहुत कम होता है)। इसलिए यदि आप ऐसे व्यवसाय में हैं जहाँ आप अपनी या दूसरों की ज़िंदगी ख़तरे में डाल सकते हैं, तो बेहतर होगा कि आप रक्तदान के तुरंत बाद काम पर न जाएँ।

यदि आप कोई बस या ट्रेन चलाते हैं या किसी आपातकालीन सेवा में काम करते हैं या ऊँचाई पर चढ़नेवाले काम (सीढ़ी चढ़ना) करते हैं, तो रक्तदान करने के बाद आपको उस दिन काम पर नहीं जाना चाहिए। अपना काम ख़त्म करने के बाद ही आप को रक्तदान करना चाहिए।

रक्तदान करने के लिए मैं कहाँ जा सकता हूँ?

आप अपने घर, दफ़्तर या स्कूल के पास लगे किसी रक्तदान कैंप में जा सकते हैं अथवा अपने इलाक़े में किसी मान्यता‑प्राप्त ब्लड बैंक में रक्तदान कर सकते हैं। जानकारी के लिए कृपया स्थानीय भारतीय रैड क्रॉस ब्लड बैंक को फ़ोन करें। 

रक्तदान—एक अच्छी आदत
समय‑समय पर रक्तदान करने के कई निजी फ़ायदे हैं: याद रखें!

ख़ून कहीं बनाया नहीं जा सकता। इसे मनुष्य ही दान कर सकता है। यदि हर योग्य व्यक्ति रक्तदान करता है, तो न कभी इसकी कमी होगी और न ही ज़रूरतमंद लोगों को इससे वंचित रहना पड़ेगा।

आइए, और ज़्यादा ज़िंदगियाँ बचाने के लिए मिलकर काम करें‑
आज ही रक्तदान करें!
ज़िम्मेदार बनें, रक्तदाता बनें।
किसी का जीवन बचाने में मदद करें!