नेत्रदान
अँधेरे से उजाले की ओर
अगर आप सहायक बनें तो
हमारे देश में दस लाख अंधों को नज़र मिल सकती है।
उन्हें आँखों की ज़रूरत है।
अगर आज आप नेत्रदान का प्रण लें
तो इससे ज़िंदगी बदल सकती है।
अपने प्यारों की आँखें दान करें।
उन्हें बंद न होने दें,
मौत के बाद भी उन्हें खुली रहने दें।
नेत्रदान एक अनमोल तोहफ़ा है,
जिसे केवल आप ही दे सकते हैं॥

- चश्मा लगानेवाले लोग या जिन्होंने आँख का ऑपरेशन करवाया है, मधुमेह और ब्लड प्रेशर के रोगी, दमा, तपेदिक या हृदय‑रोगी सभी नेत्रदान कर सकते हैं।
- एड्स, ब्लड कैंसर, रेबीज़, ख़ून में संक्रमण (Septicaemia), वायरल हेपेटाइटिस आदि के रोगी नेत्रदान नहीं कर सकते।
- यदि किसी का कॉर्निया एकदम साफ़ है, चाहे उसकी रेटिना या ऑप्टिक नाड़ी क्षतिग्रस्त हो चुकी हो, फिर भी वह नेत्रदान कर सकता है।
- अपने प्रियजन की आँखें दान करें। नेत्रदान से कॉर्नियल-अंधेपन के दो रोगियों को रोशनी मिल सकती है। अपने नज़दीकी नेत्र बैंक से संपर्क करें।
- सभी धर्म नेत्रदान का समर्थन करते हैं।
- मृत्यु के 6 घंटों के अंदर आँखें निकालनी ज़रूरी होती हैं; इन्हें निकालने में आधे घंटे से भी कम समय लगता है और जितनी जल्दी यह किया जाए उतना बेहतर है। इसलिए जल्दी ही अपने नज़दीकी नेत्र बैंक को सूचित करें। आप समय पर नेत्रदान करवाने में एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। यदि आपके परिवार या दोस्तों में से किसी की मृत्यु हो जाए तो नज़दीकी नेत्र बैंक को बताना न भूलें। भले ही मरनेवाले व्यक्ति ने नेत्रदान की प्रतिज्ञा की हो या नहीं।
- नेत्र बैंक के सदस्यों के आने से पहले पंखे बंद कर दें, ए.सी.या कूलर चलने दें। बर्फ़ और गीली रुई को बंद पलकों पर रख दें। इससे ऊतकों में नमी रहेगी। तकिया लगाकर सिर ऊँचा उठा दें।
- नेत्र बैंक के कर्मचारी डॉक्टर या किसी कुशल तकनीशियन के साथ दानी के घर आएँगे। इसके लिए कोई शुल्क नहीं लगता। दानी का ख़ून जाँच के लिए लिया जाएगा।
- आँख को एक कीटाणुरहित (sterilized) विधि से निकाला जाएगा। इससे चेहरे पर कोई दाग़ या कुरूपता नहीं होती। नेत्रदान से दो अंधे लोगों को रोशनी मिलती है क्योंकि अंधे व्यक्ति को दान की गई एक आँख मिलती है।
- नेत्र बैंक पहुँचने पर ऊतकों की जाँच और तैयारी करके नेत्रों को जल्द से जल्द प्रत्यारोपण के लिए प्रयोग में लाया जाता है।
- नेत्र बैंक में मौजूद ज़रूरतमंद लोगों की सूची के अनुसार उन्हें संपर्क किया जाता है।
- दान दी गई आँखें कभी ख़रीदी या बेची नहीं जातीं। नेत्रदान के हर प्रार्थनापत्र पर ग़ौर किया जाता है।
- कॉर्निया दान करनेवाले और प्राप्त करनेवाले व्यक्ति का नाम गुप्त रखा जाता है।
कॉर्निया आँख के आगे एक पारदर्शी झिल्ली है जिसके द्वारा आँख के अंदर रोशनी केंद्रित होती है। यदि संक्रमण, चोट या किसी अन्य रोग से कॉर्निया धुँधला हो जाए तो दृष्टि बहुत कम हो जाती है या पूरी तरह जा भी सकती है।
- संक्रमण
- चोट
- रसायन से जलना
- कुपोषण (malnutrition)
- जन्मजात रोग
- ऑपरेशन के बाद कोई समस्या या संक्रमण
ख़ुशक़िस्मती से यदि कॉर्निया का दान मिल जाए तो इसे प्रत्यारोपित कर, अधिकतर रोगियों की दृष्टि वापस आ सकती है।
नेत्रदान से किन रोगियों को फ़ायदा होता है?- केवल कॉर्नियल—अंधेपन के रोगियों को।
आम तौर पर आँख के पारदर्शी भाग (कॉर्निया) का प्रयोग होता है। कभी‑कभी सफ़ेद भाग (Sclera), कंजंकटाइवा और कॉर्निया के आसपास के भाग में मौजूद स्टेम कोशिकाओं (stem cells) का भी प्रयोग होता है।
मैं नेत्रदान की प्रतिज्ञा कैसे कर सकता हूँ?अपने नज़दीकी नेत्र बैंक में एक फ़ॉर्म भरें और इस पर किसी संबंधी के दस्तख़त भी करवा लें।
- नेत्र बैंक आपको एक दानी कार्ड देगा, जिसे आप अपनी जेब में हर वक़्त, रख सकते हैं।
- नेत्रदान करने की इच्छा अपने रिश्तेदारों को ज़रूर बताएँ।
- अपने परिवार या पड़ोस में किसी की मृत्यु हो जाने पर उन्हें भी नेत्रदान करने के लिए प्रेरित करें और मनाएँ।
- यदि वे लोग ऐसा करने के लिए तैयार हैं तो तुरंत अपने नज़दीकी नेत्र बैंक से संपर्क करें ताकि वे अपनी टीम समय पर भेज सकें।
- ‘दृष्टिदूत’ बनें।
- नेत्रदान आंदोलन का हिस्सा बनें।
- नेत्रदान की जानकारी बाँटें। आपके प्रचार से इस आंदोलन को बल मिलेगा।
- अपने क्षेत्र में किसी की मृत्यु पर उसके परिवार के लोगों को मृत व्यक्ति की आँखें दान करने के लिए प्रेरित करें।
- अपने क़रीबी रिश्तेदारों और मित्रों के नेत्रदान के लिए अपना समर्थन दें।
- अपने किसी नज़दीकी रिश्तेदार की मृत्यु होने पर तुरंत किसी नज़दीकी नेत्र बैंक को फ़ोन करें।