स्वास्थ्य और सफ़ाई
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार स्वास्थ्य का अर्थ केवल बीमारी या दुर्बलता का न होना ही नहीं है बल्कि यह पूर्ण रूप से शारीरिक तथा मानसिक तंदुरुस्ती और सामाजिक कुशलता का नाम है। हर स्वस्थ इनसान सामाजिक और आर्थिक तौर पर एक उत्तम जीवन जी सकता है।
- स्वस्थ और विकसित बालक।
- स्वस्थ और आकर्षक नौजवान।
- स्वस्थ और सफल बालिग़।
- स्वस्थ और सक्रिय बुज़ुर्ग।
स्वस्थ रहकर आप ज़िंदगी की उँचाइयों को छू सकते हैं—
स्वास्थ्य की जानकारी सफलता में मदद करती है।
जीवन शैली से भाव है हम कैसे रहते हैं, हम क्या खाते‑पीते हैं, कौन‑से शारीरिक काम करते हैं और कौन‑सी अच्छी‑बुरी आदतें अपनाते हैं। यदि हमारी जीवन शैली अच्छी है तो हम बीमार कम पड़ेंगे और हमेशा चुस्त और बलवान रहेंगे। जीवन शैली बेढंगी होने से हमारी उम्र कम हो सकती है और बीमार और असहाय होने के कारण हमारा जीवन कठिन हो सकता है।
स्वस्थ जीवन आपके हाथ में है—अच्छा भोजन लें, नियमित रूप से व्यायाम करें, तंबाकू तथा शराब से दूर रहें। हम अपने परिवार के अन्य सदस्यों को भी इन अच्छी आदतों के लिए प्रेरित कर सकते हैं। अपने आप से और अपने परिवार से स्वस्थ जीवन की शुरुआत के बाद हम समाज को भी स्वस्थ बनाने में सहायता कर सकते हैं।
आइए हम सब स्वस्थ जीवन का आनंद लें!
आपका स्वास्थ्य आपकी निजी ज़िम्मेदारी है!
आपकी देखभाल आपसे बेहतर और कोई नहीं कर सकता!
- क्या मेरा आहार मेरे शरीर की ज़रूरतों को पूरा करता है?
- क्या मेरे शरीर को उचित व्यायाम मिलता है?
- क्या तंबाकू से मेरे शरीर को नुकसान होता है?
इन सवालों के जवाब पाने के लिए आगे पढ़ें।
स्वस्थ जीवन शैली अपनाकर आपअच्छे दिखेंगे: | आपका शरीर सुडौल, मांसपेशियाँ मज़बूत, आँखों में चमक और त्वचा तथा बाल सुंदर होंगे। |
अच्छा महसूस करेंगे: | आप में ज़्यादा चुस्ती होगी, आप अच्छी तरह सोएँगे और तनाव से मुक्त रहेंगे। |
खुश रहेंगे: | आप अपना काम और पढ़ाई बेहतर ढंग से कर सकेंगे और अपने परिवार तथा दोस्तों के साथ ज़िंदगी ख़ुशी‑ख़ुशी बिता सकेंगे। |
आप ऐसा कर सकते हैं—ज़िंदगी का पूरा आनंद लीजिए।
स्वस्थ रहना सीखो! स्वास्थ्य‑लाभ कमाओ।
आज भी और कल भी
ख़ुद अर्जित कर सकते हो स्वास्थ्य तुम,
पर उधार नहीं ले सकते।
- बुरी आदतें न अपनाना।
- बुरी आदतों को छोड़ देना।
- अच्छी आदतें अपनाना।
हमारे देश में दिल का दौरा, हाई ब्लड प्रेशर, मधुमेह, कैंसर, साँस की समस्याएँ और दिमाग़ी बीमारियाँ बढ़ती जा रही हैं। अच्छी आदतों को अपनाकर और बुरी आदतों को छोड़कर इन बीमारियों की रोकथाम के लिए बहुत कुछ किया जा सकता है। बचपन में अच्छी आदतें अपनाना आसान होता है। इससे हम जीवन में आगे चलकर अस्वस्थ जीवन शैली से जुड़ी समस्याओं से बच सकते हैं। यदि हम इक्कीसवीं सदी में अपनी और अपने देश की सफलता चाहते हैं तो हमें अपना अच्छा स्वास्थ्य सुनिश्चित कर लेना चाहिए जो ज़िंदगी भर हमारा साथ देगा। अपनी उचित देखभाल से (संतुलित भोजन खाकर, चुस्त रहकर और धूम्रपान न करके) हमें अच्छा लगेगा और हमें अधिक काम करने और खेलने की शक्ति मिलेगी।
स्वस्थ जीवन शैली को अपनाने के लिए मुझे क्या करना चाहिए?हृदयरोग, मधुमेह और हाई ब्लड प्रेशर से बचें।
जीवन का आनंद लेने के लिए स्वस्थ बनें।
अपना वज़न अपने क़द के अनुसार रखें ताकि आप मोटे न हों।
ध्यान रखें कि बढ़ी हुई तोंद सेहत के लिए ख़तरनाक है।
मूलमंत्र हैं: नियमित दिनचर्या, संतुलन, संतोष और विविधता
- भोजन सीमित मात्रा में नियमित अंतराल में खाएँ
क्या आप जानते हैं कि जो लोग दिन में सिर्फ़ एक या दो बार ही भोजन करते हैं, उन्हें दिल का दौरा पड़ने या मधुमेह होने की संभावना अधिक होती है? इससे कहीं बेहतर है दिन में कई बार थोड़ी‑थोड़ी मात्रा में खाएँ। सुबह या शाम के नाश्ते में कभी नागा न डालें। सुबह और शाम के भोजन के अलावा फल खाएँ और सब्ज़ियों के सैंडविच लें।
- अपनी उम्र के अनुसार सही भोजन करें
बच्चे एक बार में बड़ों जितना खाना नहीं खा सकते। सारे दिन में वे काफ़ी शक्ति भी इस्तेमाल करते हैं। इस शक्ति को बनाए रखने के लिए उन्हें दिन भर थोड़ी‑थोड़ी मात्रा में भोजन और स्नैक्स खाने चाहिएँ। लेकिन इसके साथ इस बात का ख़याल भी रखें कि कभी ज़रूरत से ज़्यादा न खाएँ।
- शारीरिक गतिविधि के अनुसार भोजन करें
भोजन शरीर का ईंधन है। ज़्यादा शारीरिक काम करनेवाले लोगों को ज़्यादा और कम शारीरिक काम करनेवालों को कम भोजन की ज़रूरत होती है। ज़्यादातर लोगों की शक्ति की खपत उनके शारीरिक काम से संबंधित होती है। उदाहरण के लिए, एक बढ़ई और डाकिया, जो शारीरिक रूप से ज़्यादा काम करते हैं, उन्हें एक क्लर्क या अधिकारी की अपेक्षा ज़्यादा भोजन की ज़रूरत है, क्योंकि क्लर्क और अधिकारी अधिकतर बैठकर ही कार्य करते हैं।
- बाहर का खाना कम खाएँ
ढाबे या रेस्तराँ में खाना खाने की अपनी आदत न बना लें, क्योंकि इससे अंटशंट खाने का सेवन बढ़ जाता है। इस भोजन में घी‑तेल, मसाले और नमक अधिक होता है। संभव है कि यह खाना साफ़‑सुथरे ढंग से न बना हो और इसमें कुछ हानिकारक पदार्थों की मिलावट भी हो, जैसे कि मिठाई में रंग या रसायन का इस्तेमाल।
आवश्यक भोजन—अन्न जैसे चावल, रोटी, डबलरोटी—ये खेल और काम के लिए शक्ति देते हैं।
शरीर के विकास के लिए भोजन—दालें, राजमा, दूध और दूध से बने पदार्थ जैसे कि दही और पनीर (जो कम वसा वाले दूध या बिना वसा वाले दूध से बना हो), मेवे, मग्ज़, गिरियाँ इत्यादि जो विकास में मदद करते हैं क्योंकि उनमें प्रोटीन होता है।
चेहरे पर निखार लानेवाले भोजन—फल और सब्ज़ियों से विटामिन, खनिज (Mineral) और फ़ाइबर (Fibre) प्राप्त होते हैं।

- ताज़े फल और सब्ज़ियाँ
इनसे विटामिन, खनिज (Mineral) और फ़ाइबर (Fiber) प्राप्त होते हैं।
- रेशेदार पदार्थ (फ़ाइबर)
फल और सब्ज़ियों के अलावा हमें अन्न (जैसे आटा और दलिया) से भी फ़ाइबर मिलता है। सब्ज़ियों से मिलनेवाले फ़ाइबर से हमें भोजन अच्छी तरह पचाने में सहायता मिलती है। ये मधुमेह, दिल के दौरे तथा कई क़िस्म के कैंसर को रोकने में भी सहायक होते हैं। इनसे ख़ून में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा भी सीमित रहती है।
- चिकनाई
अच्छे विकास और स्वास्थ्य के लिए वसा, जैसे घी और तेल बेहद महत्त्वपूर्ण है। लेकिन भोजन में वसा का अधिक मात्रा में सेवन करने से मोटापा, दिल का दौरा या कई तरह के कैंसर होने का ख़तरा भी रहता है। इसलिए तली हुई चीज़ों, प्रोसेस्ड चीज़, मक्खन, मलाई, आइसक्रीम और चॉकलेट का सेवन कम मात्रा में और कभी‑कभी करें।
- चीनी, चाशनी
मीठी चीज़ें ज़्यादा खाने से दाँत ख़राब हो जाते हैं और उनमें सड़न आ जाती है। इनसे मोटापा और आलस्य भी बढ़ता है। हालाँकि आपको बढ़ने और काम करने के लिए शक्ति की ज़रूरत होती है, लेकिन अगर आप रोटी, चावल, आलू और अरबी जैसे मिश्रित कार्बोहाइड्रेट्स ज़्यादा लें और साधारण चीनी से परहेज़ रखें तो यह बेहतर होगा। खाने के बाद मीठी चीज़ें कम लेना और दूध, कॉफ़ी और चाय में चीनी कम या न डालना ही अच्छा है।
- नमक
ज़्यादा नमक खाने से हाई ब्लड प्रेशर का ख़तरा बढ़ जाता है। हाई ब्लड प्रेशर, दिल का दौरा और लक़वा होने का प्रमुख कारण है। अपने भोजन में नमक की मात्रा कम रखें क्योंकि हमें इतने नमक की ज़रूरत नहीं है जितना कि हम लेते हैं। खाना बनाते समय नमक का प्रयोग कम करें तथा खाते समय ऊपर से और नमक न डालें। अचार, चटनियाँ, पापड़, चिप्स और नमकीन इत्यादि में बहुत ज़्यादा नमक होता है, इसलिए ये कम खाने चाहिएँ।
खाना बनाते समय इन बातों का ध्यान रखें:
- फल और सब्ज़ियों को खाने, काटने और पकाने से पहले अच्छी तरह धोएँ।
- फल और सब्ज़ियों को काटने के बाद कभी न धोएँ, क्योंकि इससे विटामिन और खनिज पदार्थ नष्ट हो जाते हैं।
- कच्ची सब्ज़ियों का सेवन ज़्यादा करें क्योंकि इनसे विटामिन, खनिज और फ़ाइबर अधिक मात्रा में मिलते हैं। इनके अतिरिक्त निम्नलिखित पदार्थों का सेवन फ़ाइबर प्रदान करता है:
- बिना छाने हुए आटे का इस्तेमाल करें।
- सेब, चीकू, अमरूद आदि का सेवन छिलके के साथ ही करें।
- सफ़ेद ब्रैड और नान के बजाय तंदूरी रोटी और चपाती खाएँ, क्योंकि नान मैदे से बनता है और इसमें फ़ाइबर बहुत कम होता है।
- फलों के रस के बजाय ताज़े फलों का सेवन करें।
- कोला जैसी सॉफ़्ट ड्रिंक के बजाय फलों का रस पीना कहीं बेहतर है।
- फलों के रस के बजाय पूरा फल खाना बेहतर है।
- भाप से पकाना, बेकिंग या भूनकर खाना पकाना, उबालने से ज़्यादा अच्छा है, क्योंकि इससे खाने के पोषक तत्त्व कम नष्ट होते हैं।
- तलने से खाने में चिकनाई की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे मोटापा, हृदय‑रोग और मधुमेह जैसी बीमारियाँ हो सकती हैं। तलने से खाने के पोषक तत्त्व भी नष्ट हो जाते हैं। उदाहरण के लिए, वड़ा खाने से इडली खाना बेहतर है क्योंकि वड़ा तला जाता है, इसलिए इसमें काफ़ी वसा होती है, जबकि इडली को भाप में पकाया जाता है जिस कारण इसमें वसा नहीं होती।
- इसी तरह चिकनाई से परहेज़ करने के लिए तले हुए आलू के चिप्स की जगह भुनी हुई मूँगफली खानी चाहिए। मूँगफली को भूनते समय कम तेल का इस्तेमाल करें।
- पालक और तोरई जैसी सब्ज़ियों में क़ुदरती तौर पर नमक होता है, इसलिए इन्हें पकाते समय कम नमक का इस्तेमाल करें।
- नमक का सेवन कम करने के लिए खाने में ऊपर से नमक न छिड़कें।
काम करने और जीवन का आनंद लेने के लिए शरीर में बल होना चाहिए। शरीर को यह शक्ति भोजन से मिलती है। लेकिन यदि हम अपनी ज़रूरत से ज़्यादा खाएँगे तो हमारे शरीर पर चर्बी बढ़ जाएगी। शारीरिक विकास तथा काम करने, पढ़ाई, व्यायाम करने और बीमारियों से लड़ने के लिए शक्ति के साथ‑साथ पोषण की भी ज़रूरत होती है।
कुछ खाद्य पदार्थ आपको काम करने की शक्ति तो देते हैं लेकिन विकास या चेहरे पर निखार लानेवाले पौष्टिक तत्त्व इनमें कम होते हैं। जिस खाने में पोषक तत्त्वों की कमी हो, वह हमें मोटा कर सकता है, थका सकता है और अस्वस्थ भी बना सकता है। पोषण से भरपूर खाना जैसे अनाज, दूध, फल, सब्ज़ियाँ और दालों से हमें बढ़ने की शक्ति मिलती है और शरीर तेजस्वी बनता है। हाई कैलोरीयुक्त खाद्य पदार्थ जैसे सॉफ़्ट ड्रिंक, चिकनाई वाला भोजन और चॉकलेट किसी ख़ास मौक़े पर ही खाएँ और इनका सेवन कम मात्रा में करें।
आहार में पोषक तत्त्वों के मुख्य शाकाहारी स्रोत
पोषक तत्त्व | आहार |
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शक्ति/बल | अनाज, दालें, कंदमूल, वसा और तेल, चीनी और गुड़। |
प्रोटीन | दूध और दूध से बने पदार्थ, दालें, मेवे और गिरियाँ। |
वसा/चिकनाई | मक्खन, घी, वनस्पति तेल, वनस्पति घी, मेवे और गिरियाँ। |
कार्बोहाइड्रेट | अनाज, दालें, चीनी और गुड़, जड़ें, कंदमूल जैसे आलू, गाजर आदि। |
रेशा/फ़ाइबर | हरी पत्तेदार सब्ज़ियाँ, फल, बिना छना अनाज, दालें और फलियाँ। |
कैल्शियम | दूध और दूध से बने पदार्थ, रागी, हरी पत्तेदार सब्ज़ियाँ। |
आयरन | हरी पत्तेदार सब्ज़ियाँ, राइस-फ़्लेक्स, गेहूँ का आटा, दालें। |
विटामिन‑ए, बीटा कैरोटीन और विटामिन‑बी | मक्खन, घी, दूध, गाजर, रागी, हरी पत्तेदार सब्ज़ियाँ, पपीता, आम। |
विटामिन‑बी कॉम्पलेक्स | दूध, हाथ से कूटकर निकाला गया चावल (मोटा चावल), गेहूँ, साबुत चने, दालें, हरी पत्तेदार सब्ज़ियाँ, मेवे और गिरियाँ। |
विटामिन‑सी | आमला, नीबू, संतरा, अमरूद, टमाटर, सलाद के पत्ते, अंकुरित दालें। |
विटामिन‑डी | दूध, सूर्य की रोशनी। |
आयोडीन और स्वास्थ्य |
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आयोडीन के मुख्य स्रोत : आयोडाइज़्ड नमक और केल्प (सुखाया हुआ समुद्री शैवाल (Seaweed)) हैं। दही, गाय का दूध और स्ट्राबेरी भी इसके अच्छे स्रोत हैं। आयोडीन की कमी से यह बीमारियाँ पैदा हो सकती हैं: फ़ाइब्रोसिस्टिक—छाती की बीमारी, घेंघा गोइटर (Goiter), हाइपरथायरॉयडिज़्म, (Hyperthyroidism) हाइपोथायरॉयडिज़्म (Hypothyroidism) और बार‑बार गर्भपात का होना। |
- नियमित समय पर भोजन लें, आप एक बार में ज़्यादा न खाएँ।
- भोजन करने के बीस मिनट बाद आपकी भूख मिटती है। थोड़ा कम खाने के लिए छोटे ग्रास लें, उन्हें अनेक बार चबाएँ और धीरे धीरे खाएँ।
- कच्ची या पकी हुई सब्ज़ियाँ और फल फ़ाइबर देते हैं जिससे पेट जल्दी भर जाता है और आप संतुष्ट भी महसूस करते हैं।
- व्यस्त रहें, ख़ाली रहने से कुछ न कुछ खाने का मन करता रहता है।
आहार की जानकारी |
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शक्ति से भरपूर खाद्य पदार्थ: ये हमें ज़्यादा कैलोरीज़ देते हैं लेकिन वे पोषक तत्त्व नहीं देते जो हमें स्वस्थ रखने के लिए ज़रूरी हैं। कुछ ऐसे पदार्थ हैं—चॉकलेट, आइसक्रीम, आलू के चिप्स, सॉफ़्ट ड्रिंक आदि। पौष्टिक खाद्य पदार्थ: ये हमें शक्ति के साथ‑साथ बढ़ने और आभायुक्त होने के लिए कैलोरीज़ और पोषक तत्त्व भी देते हैं। पोषक तत्त्वों से भरपूर ऐसे भोजन हैं: रोटी, चावल, दालें, राजमा, सब्ज़ियाँ, फल, दूध और दूध से बने पदार्थ। |
सफ़ाई की आदत
हाथ धोने से हम स्वस्थ रहते हैं
हमारे हाथों में हानिकारक बैक्टीरिया और वायरस चिपक सकते हैं। संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए हाथ धोना सबसे अच्छा तरीक़ा है। यह आदत सबके लिए ज़रूरी है। ध्यान रखें कि रसोई में काम करनेवाले अपने हाथ ज़रूर धो लें।
- हाथों को गुनगुने पानी की धार में धोएँ।
- गीले हाथों पर साबुन लगाएँ।
- 5 से 10 सेकंड साबुन को अच्छी तरह हथेलियों पर, उनके पिछले भाग पर और उँगलियों के बीच में मलें।
- नाख़ून साफ़ करने के लिए ब्रश का प्रयोग करें।
- चलते पानी की धार में हाथों को अच्छी तरह धोएँ।
- साफ़ तौलिए से हाथों को पोंछें।
- शौचालय जाने के बाद।
- बच्चे को शौचालय ले जाने के बाद।
- बच्चे के नैपकिन बदलने के बाद।
- अपना नाक साफ़ करने के बाद।
- किसी बीमार व्यक्ति की सेवा करने से पहले और उसके बाद।
- खाने से पहले तथा खाने के बाद।
खाँसते या छींकते समय मुँह और नाक को ढकने से बीमारी से बचा जा सकता है
खाँसते और छींकते समय मुँह और नाक को रूमाल से ढकें। यदि आपके पास रूमाल न हो तो कुहनी के अंदर के भाग का इस्तेमाल करते हुए छींकें और खाँसें, परंतु हाथों का इस्तेमाल न करें क्योंकि इन्हीं हाथों से हम खाना खा लेते है और अन्य लोगों को छूते हैं। ऐसा करने से हवा के ज़रिए फैलनेवाली बीमारियों, जैसे फ़्लू, ज़ुकाम, तपेदिक आदि से बचाव होता है।
सार्वजनिक जगह पर थूकने से बीमारियाँ फैलती हैंथूकना एक बुरी आदत है क्योंकि इससे वातावरण दूषित होता है। थूक में कीटाणु (बैक्टीरिया और वायरस) होते हैं जो बीमारियाँ फैलाते हैं।
आपकी सेहत आपके हाथ में है- खुली जगह, ख़ाली ज़मीन और पार्क आदि में कूड़ा न फेंकें।
- अपनी सहूलियत के लिए कूड़ा फेंकने की अनुचित जगह न बनाएँ। ऐसा करना आपकी सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है।
- कूड़ेदान के आसपास कूड़ा न फेंकें।
- स्कूल, कॉलेज इत्यादि की दीवारों के पास कूड़ा न फेंकें।
- अपने घरों की दीवारों के पीछे कूड़ा फेंककर अस्वच्छ वातावरण पैदा न करें।
- झाड़ियों या मलबे के ढेर पर कूड़ा न फेंकें।
- अपने घर में काम करनेवालों को कूड़ा नियमित स्थान पर ही फेंकने की शिक्षा दें।
- अपने आसपास का वातावरण साफ़ रखें।
- अपने घर/दुकान आदि में कूड़ेदान रखें।
- सोने से पहले अपनी रसोई के कूड़ेदान को ख़ाली करें।
- स्कूल जानेवाले बच्चों को अपनी और आसपास के वातावरण की सफ़ाई के बारे में शिक्षा दें।
- कूड़ा हमेशा कूड़ेदान में ही फेंकें, उसके आसपास नहीं।
- अपने मुहल्ले के सफ़ाई कर्मचारी और स्वास्थ्य इंस्पेक्टर को सहयोग देकर सहायता करें।
तंबाकू

- धूम्रपान न करना स्वास्थ्य के लिए सर्वोत्तम है।
- तंबाकू के धुएँ में 4000 से भी ज़्यादा हानिकारक या ज़हरीले रसायन पदार्थ होते हैं जैसे निकोटीन, टार (Tar), कार्बन मोनॉक्साइड आदि। सिगरेट, बीड़ी, हुक्का, चिलम, पाइप आदि सभी हानिकारक हैं।
- कोकेन, हेरोइन इत्यादि दूसरे नशीले पदार्थों की तरह निकोटीन के नशे की भी आदत पड़ जाती है। यदि इसकी आदत पड़ जाए, तो इनसान इसका ग़ुलाम हो जाता है और इसे आसानी से नहीं छोड़ सकता। इसी लिए धूम्रपान करनेवाले बहुत‑से लोग यह आदत छोड़ नहीं पाते। तंबाकू का धुआँ आपके शरीर को नुकसान पहुँचाता है और फेफड़ों, गले आदि का कैंसर, हृदय रोग और लंबे समय तक रहनेवाली फेफड़ों की बीमारियाँ जैसे ब्रोंकाइटिस, दमा आदि का कारण है। इससे कार्य करने की क्षमता कम हो जाती है। इससे बाँझपन (Infertility) हो सकता है और गर्भ में पल रहा बच्चा जन्म से पहले ही मर सकता है। यदि आप चुस्त और तंदुरुस्त रहना चाहते हैं, तो धूम्रपान को “ना” कहिए। अपने दोस्तों या सिगरेट के विज्ञापनों से प्रभावित न हों। धूम्रपान करने की ललक को ख़ुद पर हावी न होने दें। यह कोई फ़ायदेमंद चीज़ नहीं है।
- धूम्रपान करनेवाला अपने आसपास के लोगों को भी नुकसान पहुँचाता है। जलती हुई सिगरेट या बीड़ी हवा में धुआँ छोड़ती है। साथ ही जब धूम्रपान करनेवाला व्यक्ति अंदर लिया गया धुआँ बाहर छोड़ता है, तो उस कमरे में धुएँ की मात्रा बढ़ जाती है। इस तरह कमरे में बैठे अन्य लोगों को भी उसी धुएँ में साँस लेनी पड़ती है। वे निष्क्रिय धूम्रपान करनेवाले (Passive Smokers) बन जाते हैं, जिसका अर्थ है कि भले ही वे ख़ुद धूम्रपान न करें, फिर भी धुएँ से उनके फेफड़ों और हृदय को नुकसान हो सकता है। इस तरह धूम्रपान करनेवाला अपने परिवार, दोस्तों और पास बैठे लोगों को नुकसान पहुँचाता है।
उन 1000 युवकों में से जो आज धूम्रपान करते हैं:
• 500 की मृत्यु तंबाकू से जुड़ी बीमारियों के कारण होगी।
• 250 लोग कम उम्र में मर जाएँगे। वे धूम्रपान न करनेवाले लोगों की तुलना में अपनी आयु औसतन 22 साल कम कर लेते हैं।
• 250 लोगों की मृत्यु चाहे बुढ़ापे में होगी लेकिन जैसे‑जैसे उम्र बढ़ेगी, उन्हें तंबाकू के सेवन से जुड़ी बीमारियाँ होंगी जिनसे उनकी सेहत ख़राब रहेगी।
धूम्रपान करनेवाला व्यक्ति यदि अपना इरादा पक्का कर ले, तो धूम्रपान छोड़ सकता है। इसके लिए इच्छाशक्ति और दृढ़ संकल्प की ज़रूरत है। इसकी आदत पड़ने के कारण कभी‑कभी ऐसा करना मुश्किल होता है, लेकिन अपनी कोशिश और परिवार एवं दोस्तों के सहयोग से ऐसा किया जा सकता है।
यदि आप धूम्रपान नहीं करते- सावधान रहें, इसके चंगुल में न फँसें।
- लोगों को अपने आसपास धूम्रपान करने से रोकें। निष्क्रिय धूम्रपान (Passive Smoking) भी ख़तरनाक है।
- यदि आपके परिवार या दोस्तों में से कोई धूम्रपान करता है तो उन्हें इस आदत को छोड़ने के लिए प्रेरित करें। उन्हें इसे छोड़ने के फ़ायदे बताएँ।
- अपने बड़े अफ़सर से आग्रह करें कि वे ऑफ़िस में धूम्रपान की अनुमति न दें।
- सरकार से आग्रह करें कि सभी कार्यक्षेत्रों में ‘धूम्रपान निषेध’ हो।
- धूम्रपान छोड़ने से आपको फेफड़ों का कैंसर और दिल का दौरा पड़ने का ख़तरा बहुत कम हो जाएगा।
- धूम्रपान से होनेवाली खाँसी ग़ायब हो जाएगी।
- आप पहले की अपेक्षा ज़्यादा आसानी से साँस ले पाएँगे।
- आप ज़्यादा तंदुरुस्त महसूस करेंगे।
- आप अपने प्रियजनों को और नुकसान नहीं पहुँचाएँगे।
- आपके पैसे बचेंगे।
- आपके कपड़ों से तंबाकू के धुएँ की नहीं, बल्कि ताज़ा ख़ुशबू आएगी।
- आपकी साँसों में ताज़गी होगी।
- आपका घर साफ़ रहेगा।
तंबाकू भारत में पहली बार 17 वीं शताब्दी में लाया गया परंतु 20 वीं शताब्दी तक यह काफ़ी प्रचलित हो गया। तंबाकू का इस्तेमाल कई प्रकार से किया जाता है, उदाहरण के लिए—धूम्रपान में, चबाने के लिए और नसवार बनाकर। धूम्रपान का प्रचलन आज पूरी दुनिया में हो रहा है। धूम्रपान के धुएँ में हाइड्रोकार्बन, बैनज़ीन व कैडमियम जैसे विषैले पदार्थ होते हैं। तंबाकू में भी निकोटीन और नाइट्रोसैमाइंज़ जैसे हानिकारक पदार्थ होते हैं। जब तंबाकू को गुटके के रूप में मुँह के भीतर देर तक रखा जाता है तो यह बहुत हानिकारक होता है। मुँह के कैंसर को बढ़ाने में तो इसका बहुत बड़ा हाथ है।
मुँह के कैंसर के कारण- छोटी उम्र में पान या तंबाकू का प्रयोग।
- दाँतों तथा मुँह की सफ़ाई में देख‑रेख की कमी।
- मुँह के छाले जो बहुत समय से ठीक न हो रहे हों।
- बहुत अधिक गरम खाना खाने की आदत।
- मुँह, होंठ, मसूड़ों और ज़बान पर सफ़ेद दानों का उभरना।
- मुँह से दुर्गंध आना तथा खाने और पीने के समय दर्द होना।
- ज़बान में कोई उभार (Lump) महसूस होना जो निगलने में तंग करे।
- कानों में दर्द और नाक से बोलना।
इलाज : ज़्यादातर ऑपरेशन, कीमोथेरेपी (Chemotherapy) और रेडियोथेरेपी (Radiotherapy) द्वारा होता है।
फेफड़ों के कैंसर का कारण- धूम्रपान।
- एस्बेस्टॉस फ़ाइबर का प्रभाव।
आम तौर से शुरुआत में कोई लक्षण दिखाई नहीं देते। परंतु बाद की अवस्था में ये लक्षण दिखाई देते हैं:
- हर वक़्त रहनेवाली खाँसी।
- साँस लेने में तकलीफ़।
- साँस लेते समय छाती से सीटी की तरह भारी आवाज़।
- खाँसी में ख़ून का निकलना।
- छाती में दर्द।
- थूक की जाँच।
- छाती का एक्स‑रे।
- ब्रोंकोस्कोपी द्वारा साँस की नलियों का परीक्षण (शरीर को सुन्न करके मुँह में से छाती के अंदर ट्यूब डाली जाती है) और बायोप्सी (Biopsy)।
इलाज: ऑपरेशन, कीमोथेरेपी और रेडियोथेरेपी।
एक बार आप धूम्रपान करना बंद कर देते हैं तो आपका शरीर
पहले से हो चुके नुकसान को सुधारना शुरू कर देता है।
- तंबाकू किसी भी रूप में ख़तरनाक है। तंबाकू से बने पदार्थों को चबाने से मुँह, पेट और मूत्राशय का कैंसर होता है।
- सिगरेट बनाने के लिए हर साल बहुत‑से पेड़ काटे जाते हैं (तंबाकू को बनाने के लिए लकड़ी जलाई जाती है)। हर 300 सिगरेट बनाने के लिए कहीं न कहीं किसी ने एक पेड़ काटा है।
- अपनी सेहत के लिए आप ख़ुद ज़िम्मेदार हैं। जो लोग आपको धूम्रपान करने के लिए उकसाते हैं, उनकी बात न सुनें।
शारीरिक क्रिया (Physical Activity)
शारीरिक क्रिया क्या हैशरीर की कोई भी गतिविधि, जिसमें शक्ति का प्रयोग हो (कैलोरीज़ की खपत हो) वह शारीरिक क्रिया कहलाती है। इसलिए किसी भी प्रकार की गतिविधि शारीरिक क्रिया है। जब हम तेज़ी से चलते हैं, सीढ़ियाँ चढ़ते हैं, साइकिल चलाते हैं, कोई खेल खेलते हैं, नाचते हैं, या घर की सफ़ाई करते हैं, तो हम शारीरिक क्रियाएँ कर रहे हैं। इन कार्यों में इस्तेमाल होनेवाली शक्ति के आधार पर शारीरिक क्रियाओं को इन श्रेणियों में बाँटा गया है: हलका, मध्यम और कठोर।
शारीरिक क्रियाओं की क़िस्म और मात्रा
चुस्त जीवन के लिए | स्वस्थ रहने के लिए गतिविधि | तंदुरुस्ती के लिए व्यायाम | खेलों के लिए अभ्यास |
---|---|---|---|
हलकी से मध्यम गतिविधि | मध्यम गतिविधि | मध्यम से तेज़ गतिविधि | बहुत ज़ोर से की गई गतिविधि |
10 मिनट या उससे ज़्यादा—दिन में कुछ बार | हफ़्ते में तीन बार, दिन में बीस मिनट या उससे अधिक | रोज़ाना तीस मिनट या इससे ज़्यादा | अपनी‑अपनी शारीरिक क्षमता के अनुसार जितनी बार और जितनी देर कर सकें |
नियमित रूप से मध्यम दर्जे की शारीरिक क्रियाओं से हमें स्वास्थ्य के अनेक फ़ायदे होते हैं, ख़ास तौर पर कई बीमारियों से बचने में मदद मिलती है। हालाँकि कठोर शारीरिक गतिविधि से हृदय, फेफड़ों और मांसपेशियों की कार्यकुशलता और सहनशक्ति बढ़ती है, लेकिन इससे सेहत से जुड़े अन्य फ़ायदे उतने नहीं होते। तंदुरुस्त होने से आप ऊँचे दर्जे के व्यायाम तो आसानी से कर पाएँगे, लेकिन मध्यम दर्जे की गतिविधियों से सेहत से जुड़े काफ़ी फ़ायदे होते हैं। ज़्यादा शारीरिक व्यायाम करने से ज़्यादा कैलोरीज़ की खपत होती है, इसलिए यह वज़न को नियंत्रण में रखने के लिए फ़ायदेमंद है।
मध्यम स्तर की नियमित शारीरिक क्रिया | = | सेहत से जुड़े फ़ायदे (बीमारी होने का कम ख़तरा) |
तीव्र गति से बार‑बार की गई शारीरिक क्रिया | = | बेहतर तंदुरुस्ती और स्वास्थ्य लाभ |
शारीरिक व्यायाम के क्या फ़ायदे हैं?
नियमित शारीरिक व्यायाम- अकाल मृत्यु का ख़तरा कम करता है।
- हृदय रोग या स्ट्रोक से मृत्यु का ख़तरा कम करता है। एक तिहाई लोगों की मृत्यु इन्हीं कारणों से होती है।
- हृदय रोग या कोलन के कैंसर के ख़तरे को 50% कम करता है।
- टाइप II मधुमेह के ख़तरे की संभावना को भी 50% तक कम करता है।
- हाई ब्लड प्रेशर की रोकथाम या इसे कम करने में मदद करता है। दुनिया के 20% लोग (18 साल की उम्र से ज़्यादा) इस रोग से पीड़ित हैं।
- हड्डियों की कमज़ोरी को रोकता है। महिलाओं में कूल्हे का फ़्रैक्चर होने के ख़तरे को 50% तक कम करता है।
- पीठ के निचले हिस्से में दर्द के ख़तरे को कम करता है।
- मानसिक स्वास्थ्य बेहतर बनाता है। तनाव, चिंता और उदासी तथा अकेलेपन का एहसास कम करता है।

- आचरण को नियंत्रित करने में और उसके दुष्प्रभाव को रोकने में मदद करता है (ख़ास तौर पर बच्चों और जवान लोगों में) जैसे—धूम्रपान, शराब या किसी अन्य मादक पदार्थ का सेवन, बदपरहेज़ी वाला भोजन और हिंसा।
- वज़न कम करने में सहायता करता है। जो लोग कोई व्यायाम नहीं करते, उन लोगों की तुलना में व्यायाम करनेवालों में मोटापा होने की संभावना को 50% तक कम करता है।
- हड्डियों, मांसपेशियों और जोड़ों को स्वस्थ रखने में मदद करता है। जो लोग किसी लंबी बीमारी और विकलांगता से पीड़ित हैं, उनकी सहनशक्ति बढ़ाता है।
- शरीर को बीमारियों से लड़ने की ताक़त देता है जिससे संक्रमण से बचाव होता है।
- पीठ और घुटने के दर्द के नियंत्रण में सहायता करता है।
- स्वास्थ्य सुदृढ़ करता है और कार्यक्षमता बढ़ाता है।
- खेलों में कुशलता को बढ़ाता है।
- सामूहिक खेल या कार्य से सामाजिक और पारिवारिक संबंधों को मज़बूत बनाता है।
- नगर-योजना को कार्यशील करने में सहायक होता है। पैदल चलने के रास्ते, साइकिल चलाने के रास्ते, उद्यान, साफ़ हवा और वातावरण की माँग पैदा करता है।
व्यायाम के लाभ जीवन भर के लिए हैं।
बचपन में व्यायाम करने से- हड्डियाँ मज़बूत होती हैं और शरीर का विकास बेहतर होता है।
- हृदय और फेफड़ों की क्षमता पहले से बेहतर होती है।
- ज़िंदगी में आनेवाले कठिन शारीरिक कार्यों और तनाव से लड़ने की क्षमता बढ़ती है।
- शरीर की कार्य‑प्रणाली सुचारु हो जाती है जिससे ब्लड प्रेशर, नाड़ी गति (Pulse), ख़ून में कोलेस्ट्रॉल तथा ग्लूकोज़ की मात्रा और वज़न आदि नियंत्रण में रहते हैं।
- हड्डियाँ मज़बूत और मांसपेशियाँ बेहतर होती हैं।
- शरीर का आकार, चाल‑ढाल और आत्मविश्वास बेहतर होने से दूसरे लोग आकर्षित होते हैं।
- मानसिक तनाव का सामना करने में सहायता मिलती है।
- खेलों में कुशलता बढ़ जाती है।
- अनावश्यक रूप से वज़न नहीं बढ़ता।
- बीमारियों से लड़ने की क्षमता बढ़ती है और संक्रमण से बचाव होता है।
- भूख बढ़ती है और पोषण बेहतर होता है।
- हाई ब्लड प्रेशर से बचाता है।
- मधुमेह से रक्षा करता है।
- ख़ून में वसा (Blood Fats) की मात्रा उचित रखता है।
- वज़न और शरीर में चर्बी का संतुलन रखता है।
- रोज़मर्रा की मुश्किलों का सामना तनाव के बिना करने में मदद करता है।
- दिल के दौरे के ख़तरे को कम करता है।
- कोलन का कैंसर होने के आसार कम करता है।
- ब्लड प्रेशर नियंत्रण में रखता है (130/85)।
- ख़ून में असामान्य वसा को नियंत्रित करता है।
- मधुमेह नियंत्रित करता है।
- चिंता और उदासी दूर करता है।
- शरीर का संतुलन बेहतर करता है।
- जोड़ों के रोग होने का ख़तरा कम करता है।
- गिरने और हड्डी टूटने का ख़तरा कम करता है।
- नियमित रूप से पेट साफ़ करता है और कब्ज़ से बचाता है।
- टाँगों की मांसपेशियों में ऐंठन से बचाव करता है।
- सुचारु जीवन सुनिश्चित करता है।
नियमित रूप से व्यायाम करने से इन ख़तरनाक बीमारियों से बचाव होता है

नियमित तौर पर व्यायाम करते रहने से ब्लड प्रेशर और हार्ट‑रेट (प्रति मिनट में दिल की धड़कन) साधारणतया कम रहते हैं, जिससे दिल का दौरा पड़ने का ख़तरा कम हो जाता है। इससे ख़ून में एच.डी.एल. की मात्रा बढ़ती है। यह अच्छी क़िस्म का कोलेस्ट्रॉल है जो नाड़ियों में चर्बी को जमने से रोकता है। ब्लड प्रेशर कम होने से लक़वे से भी बचाव होता है।
कैंसरजो लोग व्यायाम करते हैं, उनमें आँतों का कैंसर होने की संभावना कम रहती है। नियमित व्यायाम करने से स्तन‑कैंसर को भी रोका जा सकता है। नियमित रूप से व्यायाम करनेवालों को अन्य प्रकार के कैंसर भी कम होते हैं।
मधुमेहयदि नियमित रूप से व्यायाम के साथ‑साथ सही भोजन लें तो मधुमेह होने के आसार बहुत कम हो जाते हैं।
हड्डियों की कमज़ोरी (Osteoporosis)- व्यायाम से हड्डियों को बनने में और फिर से मज़बूत होने में बढ़ावा मिलता है। बुज़ुर्गों की हड्डियाँ भी मज़बूत बनी रहती हैं।
- व्यायाम से हड्डियों में कैल्शियम की कमी नहीं होती और ये बुढ़ापे में कमज़ोर नहीं पड़तीं।
- हड्डियों में दर्द और उनका टूटना बहुत कम होता है।
- जोड़ों में लचीलापन बना रहता है, जोड़ों के दर्द की परेशानी कम होती है। मांसपेशियाँ सुचारु रूप से काम करती हैं और अच्छे संतुलन की वजह से बुज़ुर्गों को भी गिरने का ख़तरा कम रहता है।
ज़्यादा वज़न और मोटापा होने से दिल का दौरा, हाई ब्लड प्रेशर, मधुमेह, ख़ून में चर्बी की मात्रा, जोड़ों के दर्द और फेफड़ों के रोग आदि होने का ख़तरा बढ़ जाता है। नियमित व्यायाम से शरीर का वज़न नियंत्रण में रहता है और समस्याओं से बचा जा सकता है। जो शारीरिक रूप से चुस्त हैं और अपने वज़न को नियंत्रित रखते हैं, उनकी उम्र लंबी होती है और स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है।
मानसिक स्वास्थ्यशारीरिक स्वास्थ्य ख़राब होने से मानसिक स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ता है। शारीरिक व्यायाम चिंता और तनाव से बचाने में सहायता करता है।
यदि आप रोज़ाना साधारण शारीरिक व्यायाम करना चाहते हैं- दिन में तीन बार, दस मिनट के लिए तेज़‑तेज़ चलें।
- सीढ़ियाँ चढ़ें। (कम से कम तीसरी मंज़िल तक लिफ़्ट का इस्तेमाल न करें।)
नज़दीक के बाज़ार में स्कूटर या कार के बजाय पैदल या साइकिल पर जाएँ।
- घर के काम करें (सफ़ाई, झाड़ू‑पोंछा, कपड़े धोना आदि)।
- बाग़बानी, खुदाई, सफ़ाई और पौधों को पानी देने जैसे काम करें।
- नाचिए। (यदि घर में ही नाचें तो भी यह इतना पागलपन नहीं है, जितना आप सोच रहे हैं!)
- बच्चों और दोस्तों के साथ खेलें।
- ऐरोबिक व्यायाम करें।
- रस्सी कूदें।
- योग सीखें और अभ्यास करें।
व्यायाम के दौरान कितनी कैलोरीज़ की खपत होती है, इसके लिए निम्नलिखित बातों पर ध्यान दें:
- व्यायाम की क़िस्म।
- व्यायाम का समय और इसकी तीव्रता।
- व्यायाम कर रहे व्यक्ति का वज़न—व्यक्ति का वज़न जितना अधिक होगा, उतनी ज़्यादा कैलोरीज़ की खपत होगी।
नीचे दी गई चर्चा के लिए हम व्यायाम का समय 30 मिनट और व्यक्ति का वज़न 180 पाउंड या 82 किलो मानते हैं। आइए देखें कि भिन्न‑भिन्न व्यायामों से कितनी कैलोरीज़ की खपत होती है।
एरोबिक गतिविधियाँ (30 मिनट, शारीरिक वज़न 180 पाउंड या 82 किलो) |
कैलोरीज़ की खपत |
---|---|
सामान्य एरोबिक्स, कम उग्रता से | 215 |
सामान्य एरोबिक्स, अधिक उग्रता से | 300 |
एक ही स्थान पर (Stationary) साइकिल चलाना, सामान्य ज़ोर से | 300 |
एक ही स्थान पर (Stationary) साइकिल चलाना, अधिक ज़ोर से | 450 |
एक ही स्थान पर (Stationary) नौका के चप्पू चलाना, सामान्य ज़ोर से | 300 |
एक ही स्थान पर (Stationary) नौका के चप्पू चलाना, अधिक ज़ोर से | 360 |
6 मील प्रति घंटा की रफ़्तार से दौड़ना (10 मिनट/मील) | 330 |
8 मील प्रति घंटा की रफ़्तार से दौड़ना (7.5 मिनट/मील) | 450 |
10 मील प्रति घंटा की रफ़्तार से दौड़ना (6 मिनट/मील) | 533 |
सामान्य तेज़ी से रस्सी कूदना | 430 |
तेज़ गति से रस्सी कूदना | 510 |
मशीन पर सामान्य ज़ोर से सीढ़ियाँ चढ़ना | 380 |
सामान्य ज़ोर से फ़्री स्टाइल तैराकी | 300 |
अधिक ज़ोर से फ़्री स्टाइल तैराकी | 430 |
3 मील प्रति घंटा की रफ़्तार से समतल जगह पर चलना (सामान्य गति से) | 140 |
4 मील प्रति घंटा की रफ़्तार से समतल जगह पर चलना (तेज़ गति से) | 215 |
3.5 मील प्रति घंटा की रफ़्तार से चढ़ाई चढ़ना | 260 |
शरीर को मज़बूत बनाने के लिए व्यायाम | कैलोरीज़ की खपत |
---|---|
सामान्य गति से दंड‑बैठक, उठक‑बैठक, जंपिग जैक पर व्यायाम | 200 |
तीव्र गति से की गई दंड‑बैठक, उठक‑बैठक | 340 |
मध्यम प्रयास से भार उठाना | 200 |
अधिक प्रयास से भार उठाना | 260 |
खेल की गतिविधियाँ | कैलोरीज़ की खपत |
---|---|
बैडमिंटन | 200 |
बास्केटबॉल का मैच | 340 |
बिना मैच के बास्केटबॉल खेलना | 260 |
बास्केटबॉलâ बास्केट में डालना | 200 |
बेसबॉल/सॉफ़्टबॉल | 230 |
बिलियर्ड्स | 110 |
बॉलिंग | 130 |
रिंग में बॉक्सिंग | 510 |
पंचिंग बैग से बॉक्सिंग | 260 |
बॉक्सिंग का अभ्यास | 390 |
तलवारबाज़ी | 260 |
फ़ुटबाल | 350 |
गोल्फ़ में चलना और सामान उठाना | 200 |
बिना सामान उठाए गोल्फ़ खेलना | 150 |
लघु गोल्फ़ | 130 |
सामान्य जिम्नास्टिक्स | 170 |
टीम में हैंडबॉल खेलना | 350 |
हॉकी—बर्फ़ पर या मैदान में | 350 |
उछलते हुए घोड़े पर सवारी | 110 |
चलते हुए घोड़े की पीठ पर सवारी | 280 |
बाज़ीगरी | 170 |
किकबॉल | 300 |
मार्शल आर्ट्स (जूडो, जुजित्सु, कराटे, किक बॉक्सिंग, ताइक्वांडो) | 430 |
पोलो | 340 |
रोलर स्केटिंग | 300 |
बोर्ड पर स्केटिंग | 215 |
सॉकर | 370 |
टेबल टेनिस | 170 |
ताई ची | 170 |
टेनिस | 300 |
वॉलीबॉल का मैच | 340 |
सामान्य वॉलीबॉल | 300 |
- ये आँकड़े 180 पाउंड या 82 किलो वज़न वाले व्यक्ति के लिए हैं, जिसने ऊपर सूची में दिए गए व्यायाम में से कोई भी आधे घंटे के लिए किया हो।
- यदि किसी व्यक्ति का भार 180 पाउंड से कम है, तो ऊपर दिए गए आँकड़ों की तुलना में कम कैलोरीज़ की खपत होगी।
- यदि किसी व्यक्ति का वज़न 180 पाउंड से ज़्यादा है, तो ऊपर दिए गए आँकड़ों की तुलना में अधिक कैलोरीज़ की खपत होगी।
अपने लिए सही आँकड़े देखने के लिए, व्यायाम के दौरान कैलोरीज़ की खपत की तालिका पृष्ठ 85‑86 पर देखें।
कम समय में अधिक उपयोगी व्यायाम चुनने का तरीक़ाऊपर दी गई तालिकाएँ भिन्न‑भिन्न व्यायामों में खपत होनेवाली कैलोरीज़ का तुलनात्मक ब्योरा देती हैं। निस्संदेह जो व्यायाम उतने ही समय में ज़्यादा ऊर्जा की खपत करते हैं, वे ज़्यादा उपयुक्त हैं।
उपर्युक्त व्यायामों की सूची से आप देख सकते हैं कि ये व्यायाम सबसे उपयुक्त हैं:- दौड़ना (8‑10 मील प्रति घंटा की गति से)
- रिंग में बॉक्सिंग
- तेज़ी से रस्सी कूदना
- मार्शल आर्ट्स
- एक ही स्थान पर (Stationary) तेज़ी से साइकिल चलाना
- बहुत तेज़ तैरना
- उपर्युक्त तालिका में से वह व्यायाम चुनें जो आधे घंटे में 250 कैलोरीज़ से अधिक की खपत करता हो।
- उसके बाद वह व्यायाम चुनें जिसे करने में आपको ज़्यादा आनंद आए और जिसे आप आसानी से कर सकें।
आप किसी भी क़िस्म के व्यायाम का चुनाव करें, व्यायाम के दौरान तीव्रता बढ़ाकर अपनी कार्यक्षमता बढ़ा सकते हैं। लगातार मध्यम तीव्रता से व्यायाम करने से बेहतर है कि कुछ समय के लिए तीव्रता से व्यायाम करें, फिर कम तीव्रता से करें; इस तरह अदल‑बदल कर व्यायाम करने के तरीक़े को ‘इंटरवल ट्रेनिंग’ कहते हैं। दुनिया भर के खिलाड़ी इसी तरह से व्यायाम करते हैं।
इंटरवल ट्रेनिंग के फ़ायदे- कम तीव्रता से व्यायाम करते समय आपकी शक्ति को पुन: उभरने का समय मिल जाता है।
- इससे उतने प्रयास में ही ज़्यादा शक्ति की खपत होती है।
उदाहरण के लिए यदि आप दौड़ने का व्यायाम चुनते हैं तो आप मध्यम गति, 6 मील प्रति घंटा की रफ़्तार से दौड़ सकते हैं और फिर 1‑2 मिनट के लिए अपनी गति बढ़ा सकते हैं (8‑10 मील प्रति घंटा की रफ़्तार से)। फिर मध्यम गति पर वापस आ जाने के बाद इसे फिर दोहरा सकते हैं। जैसे आपको आदत पड़ती जाएगी, आप कम गति वाली दौड़ के बजाय अधिक गति वाली दौड़ का समय बढ़ा सकेंगे। तैराकी, चलना, साइकिल चलाना, सामान्य एरोबिक्स, एक जगह नौका के चप्पू चलाना, वज़न उठाने आदि व्यायामों पर भी यही सिद्धांत लागू होता है।
सर्किट ट्रेनिंगव्यायाम के दौरान अधिक ऊर्जा की खपत करने के लिए एरोबिक और शरीर को मज़बूत करनेवाली साधारण कसरत दोनों करें। इस व्यायाम को ‘सर्किट ट्रेनिंग’ कहते हैं। इससे पूरे व्यायाम की प्रक्रिया के दौरान पहले आप तीव्र व्यायाम करें, फिर साधारण कसरत करें, जैसे उठक‑बैठक। इससे आपको पहले किए गए व्यायाम से उभरने का समय मिल जाता है या फिर पहले साधारण कसरत करें और फिर तीव्र व्यायाम करें। इससे आपके व्यायाम की प्रक्रिया का स्तर तीव्र बना रहता है।
व्यायाम के दौरान कैलोरीज़ की गणना (प्रति मिनट)कैलोरीज़ की खपत प्रति मिनट किए गए व्यायाम पर निर्भर करती है। खपत हुईं कैलोरीज़ दरअसल आपके वज़न पर निर्भर करती हैं, जितना अधिक शरीर का वज़न होगा, उतनी अधिक कैलोरीज़ की खपत होगी।
गतिविधि | वज़न (पाउंड) | |||
---|---|---|---|---|
105-115 | 127-137 | 160-170 | 180-200 | |
एरोबिक नृत्य | 5.8 | 6.6 | 7.8 | 8.6 |
बास्केटबॉल | 9.8 | 11.2 | 13.2 | 14.5 |
एक जगह साइकिल चलाना (10 मील प्रति घंटा) |
5.5 | 6.3 | 7.8 | 8.3 |
एक जगह साइकिल चलाना (20 मील प्रति घंटा) |
11.7 | 13.3 | 15.6 | 17.8 |
गोल्फ़ | 3.3 | 3.8 | 4.4 | 4.9 |
पीठ पर सामान उठाकर चढ़ाई पर चलना | 5.9 | 6.7 | 7.9 | 8.8 |
धीमे दौड़ना (5 मील प्रति घंटा) | 8.6 | 9.2 | 11.5 | 12.7 |
दौड़ना (8 मील प्रति घंटा) | 10.4 | 11.9 | 14.2 | 17.3 |
ढलान पर स्कीइंग | 7.8 | 10.4 | 12.3 | 13.3 |
ढलान और चढ़ाई, दोनों तरह की सतह पर स्कीइंग | 13.1 | 15 | 17.8 | 19.4 |
मध्यम गति से बर्फ़ खोदना | 9 | 9.1 | 10.8 | 12.5 |
तीव्र गति से बर्फ़ खोदना | 13.8 | 15.7 | 18.5 | 20.5 |
सीढ़ियाँ चढ़ना | 5.9 | 6.7 | 7.9 | 8.8 |
तैराकी (20 गज़ प्रति मिनट) | 3.9 | 4.5 | 5.3 | 6.8 |
तैराकी (60 गज़ प्रति मिनट) | 11 | 12.5 | 14.8 | 17.9 |
टेनिस (Singles) | 7.8 | 8.9 | 10.5 | 11.6 |
वॉलीबॉल | 7.8 | 8.9 | 10.5 | 11.6 |
चलना (4 मील प्रति घंटा) | 4.5 | 5.2 | 6.1 | 6.8 |
शारीरिक क्रियाओं के कुछ उदाहरण | ||
---|---|---|
कार या मोटर साइकिल को धोना या पॉलिश करना | 45 – 60 मिनट | कम ताक़त से, ज़्यादा समय के लिए |
खिड़कियों या फ़र्श को साफ़ करना/ धोना | 45 – 60 मिनट | ![]() |
वॉलीबॉल या बैडमिंटन खेलना | 45 मिनट | |
बाग़बानी/खुदाई करना | 30 – 45 मिनट | |
1¾ मील चलना | 35 मिनट
(20 मिनट/प्रति मील) |
|
बास्केटबॉल (बास्केट शूटिंग) (shooting baskets) |
30 मिनट | |
पाँच मील साइकिल चलाना | 30 मिनट (10 मील/प्रति घंटा) |
|
तेज़ नाचना | 30 मिनट | |
दो मील चलना | 30 मिनट (4 मील/प्रति घंटा) |
|
पानी में एरोबिक व्यायाम करना | 30 मिनट | |
तैरना | 20 मिनट | |
बास्केटबॉल खेलना | 15 – 20 मिनट | |
चार मील साइकिल चलाना | 15 मिनट | |
रस्सी कूदना | 15 मिनट | |
डेढ़ मील दौड़ना | 15 मिनट (10 मिनट/प्रति मील) |
|
सीढ़ियाँ चढ़ना | 15 मिनट | ज़्यादा ताक़त से, कम समय के लिए |