पुरुषों के स्वास्थ्य की देखभाल–प्रोस्टेट कैंसर - स्वास्थ्य की देखभाल

पुरुषों के स्वास्थ्य की देखभाल–प्रोस्टेट कैंसर

प्रोस्टेट (Prostate) मूत्राशय के पास अख़रोट के आकार की एक छोटी ग्रंथि है। बुज़ुर्गों में प्रोस्टेट का आकार बढ़ जाता है, लेकिन आम तौर पर यह कैंसर नहीं होता। इसे बैनाइन प्रोस्टेटिक हाईपरप्लेसिया (Benign Prostatic Hyperplasia/B.P.H.) कहते हैं। इसकी वजह से मूत्र से संबंधित अनेक परेशानियाँ हो जाती हैं जैसे रात को मूत्र त्याग करने के लिए कई बार उठना और मूत्र के वेग का धीमा हो जाना। दवाइयों से बी.पी.एच. का सफल इलाज हो सकता है। यदि दवाई से इलाज न हो, तो छोटा‑सा ऑपरेशन करके समस्या को दूर कर दिया जाता है जैसे कि मूत्र‑मार्ग में किसी रुकावट को दूर करना।

कुछ पुरुषों में प्रोस्टेट की बीमारी कैंसर बन जाती है। इसमें कई साल लग जाते हैं। बीमारी की शुरुआत में कोई लक्षण दिखाई नहीं देते। यदि आपका डॉक्टर जल्द ही प्रोस्टेट कैंसर का पता लगा ले तो इसका इलाज संभव है।

चरम अवस्था में जब प्रोस्टेट कैंसर पीठ की हड्डियों और पसलियों तक फैल जाए तो इससे पीड़ा होती है।

किसे ज़्यादा ख़तरा है?

40 वर्ष की आयु से ऊपर के पुरुषों को प्रोस्टेट कैंसर का ख़तरा ज़्यादा है क्योंकि इस आयु के बाद कैंसर होने के आसार धीरे‑धीरे बढ़ जाते हैं।

किसान और वे लोग जो कैडमियम (रासायनिक तत्त्व) और एक्स‑रे के संपर्क में ज़्यादा आते हैं, उन्हें भी प्रोस्टेट कैंसर का ख़तरा ज़्यादा होता है।

यदि मुझे प्रोस्टेट कैंसर हो जाए तो इसका जल्दी पता लगाने के लिए मुझे क्या करना चाहिए?

40 वर्ष की आयु के बाद साल में कम से कम एक बार अपने डॉक्टर से प्रोस्टेट की जाँच करवाएँ।

यदि ख़ून की जाँच (पी.एस.ए.) उपलब्ध हो तो इसका पता जल्दी लगाया जा सकता है।

यदि कोई शक हो, तो बायोप्सी (Biopsy) करवाई जा सकती है जिसमें एक सुई के द्वारा प्रोस्टेट का नमूना लेकर जाँच की जाती है।

प्रोस्टेट कैंसर का इलाज

यदि इस रोग का पता शीघ्र चल जाए तो इसका इलाज संभव है। अनेक प्रकार के वििकरण (Radiation) और ऑपरेशन के ज़रिए इसका इलाज सफलतापूर्वक हो सकता है।

यदि कैंसर बढ़ जाए तो इलाज में सबसे पहले ख़ून में मौजूद पुरुष‑हॉर्मोन (एण्ड्रोजन) की मात्रा को कम कर दिया जाता है।