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रूहानी रिश्ता
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इक दीन भिखारी हूँ चिथड़ों में
पनाह ली है मैंने तेरे शाही दरबार में,
इक दीन भिखारी हूँ चिथड़ों में।
तू है मुजस्सिम जलाल और फ़ज़ल का,
मैं सिर्फ़ जहालत और शिक़ायतों से भरा हूँ।
बेचैन हूँ, मोह पाश में उलझा हूँ,
ख़ुद ही से ऊब चुका हूँ।
तुझसे किए वायदे और फिर
उन्हीं को तोड़कर तेरे दर पर आ गया हूँ।
अपनी ख़सलतों से वाक़िफ़ हूँ, तेरे इश्क़ के भरोसे आ गया हूँ।
ऐ उन ग़ुनाहों को जाननेवाले –
कर चुका हूँ जो और जो करने वाला हूँ –
छोड़ न देना तू मुझे बेसहारा।
कोई औक़ात नहीं है मेरी, तू ही तो सब कुछ है।
पहुँच चुका हूँ मैं नाउम्मीदी के उस मक़ाम पर–
दिला दे मुझे यह यक़ीन,
कि मैं ख़ुद को तेरे हवाले कर सकूँ।
नोबडी, सन ऑफ़ नोबडी: पोइम्ज़ ऑफ़ शेख़ अबू सईद अबिल ख़ैर
भाग 21 • अंक 5
इतनी सारी बातचीत। संसार में हर किसी का हर विषय पर पंडित बन जाना। …
हमें नामदान की बख़्शिश हुए चाहे कुछ महीने या कई साल हुए हों, हम ख़ुद को सत्संगी समझने लगते हैं। …
रूहानी मार्ग पर चलते हुए हम अकसर अपने जीवन के बारे में समझने के लिए बुद्धि का इस्तेमाल करते हैं। …
आप अपने देश की राजनैतिक हलचलों के कारण बहुत परेशान नज़र आते हैं। मैं आपसे कहना चाहूँगा कि संसार कभी भी स्वर्ग …
कई साल पहले सतगुरु अचानक आने वाले थे। उनके इंतज़ार की ख़ुशी में, हम कुछेक सेवादार नए …
पनाह ली है मैंने तेरे शाही दरबार में, इक दीन भिखारी हूँ चिथड़ों में। …
मनुष्य-जन्म में हमें परमात्मा की खोज करने और उसे जानने का अवसर मिलता है। आदिकाल से ही जीवन के मायने …
क्या हमने कभी अपने गिरेबान में झाँका है और हैरान होकर यह सोचा है कि हम कैसे कभी इतने निर्मल बन पाएँगे कि रचयिता …
एक बार शिष्यों की एक टोली बाल शेम टोव (यहूदी महात्मा और रब्बी जिन्हें हसीदी यहूदी धर्म के संस्थापक माना जाता है) के साथ जा रही थी …
संत-महात्माओं द्वारा बताए गए दिलचस्प रहस्यों में से एक यह है कि हमारी आत्मा एक आईना है जिसमें परमात्मा का स्वरूप झलकता …
कई साल पहले, जब मैं मुश्किल दौर से गुज़र रही थी, मेरे बचपन की एक दोस्त, जिसे नामदान नहीं मिला था, मुझसे बोली …
हमारा मानव शरीर, हर जीवित वस्तु की तरह, नाशवान है। यह केवल एक चोला है जिसके ज़रिए हम …
धर्म-ग्रंथ और संत-महात्मा अकसर समझाते हैं कि प्रेम केवल एक भावनात्मक अनुभव नहीं है, बल्कि यह हमारी हस्ती का …