भाग 21 • अंक 3
सत्संगी को यह अच्छी तरह जान लेना चाहिये कि मनुष्य-जन्म कितना अनमोल है और परमात्मा ने यह दुर्लभ दात किस उद्देश्य की पूर्ति के लिये हमें प्रदान की है …
जब हम रात के समय आकाश में झिलमिलाते सितारों को देखते हैं तब यह कल्पना करना मुश्किल होता है कि वे कई प्रकाश वर्ष दूर …
सतगुरु के देह-स्वरूप का काम ही हमारे अंदर मालिक के लिए प्यार पैदा करना है, उसे पाने की इच्छा पैदा करना है, हमें रूहानी मार्ग पर लगाना है …
अत्यधिक उत्तेजना और निरंतर शोर आधुनिक समाज के लिए नई सामान्य बात हो गई है जिसके कारण ऐसा वातावरण बन गया है जहाँ मन की शांति कहीं खो गई …
इस दुनिया के भोगों की क्षणभंगुरता और नश्वरता की छाप हमारे हृदय पर डालने के लिये हमारे जीवन में कठिनाइयाँ और चुनौतियाँ आती …
हँसना इनसान के कुछ अनुपम गुणों में से एक है। इनसान के सिवाए और कोई जीव नहीं हँस सकता। क्या आपने कभी किसी पक्षी या कुत्ते को हँसते हुए देखा …
सुलतान महमूद को उड़ता हुमा (एक काल्पनिक पक्षी) दिखाई दिया।उसने फ़ौज से कहा कि जाओ और अपनी-अपनी क़िस्मत आज़मा लो। हर कोई दायें-बायें दौड़ने लगा …
महाराज सावन सिंह जी द्वारा की गई व्याख्या …
हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, रावण प्राचीन लंका का प्रसिद्ध राजा था। उसके दस सिर थे। वह बहुत बड़ा विद्वान था। उसमें बहुत-से अच्छे गुण थे। छ: शास्त्रों और चार वेदों में पारंगत …
बाइबल में कहा गया है कि सिनाई पर्वत पर इसराइल के लोगों को दस आदेश दिए गए थे–जो इस प्रकार हैं …
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महाराज चरन सिंह जी के साथ सवाल-जवाब …
इनसान ने समय को दिनों, महीनों और सालों में बाँटकर एक कैलेंडर बना लिया है। मगर परमात्मा समय से परे है। संतमत में किसी भी विशेष समय या दिन को महत्त्व नहीं …
धरती पर स्वर्ग से उद्धिरत …
निज-घर वापस जाने के लिए देहधारी सतगुरु का होना ज़रूरी है। हम इस ख़तरों से भरे मार्ग से बिलकुल अनजान हैं। इस मार्ग पर चलने के लिए …
आप आगे (भविष्य) देखते हुए बिंदुओं (घटनाओं) को नहीं जोड़ (देख) सकते हैं; आप पीछे देखते हुए ही उन्हें जोड़ सकते हैं। इसलिए आपको यह विश्वास करना ही पड़ेगा कि …