राधास्वामी सत्संग ब्यास की नई ऑफ़िशियल सूचना
हम इस वेबसाइट पर राधास्वामी सत्संग ब्यास की महत्त्वपूर्ण जानकारी पोस्ट करते हैं। नई जानकारी के लिए आप समय-समय पर यह वेबसाइट देख सकते हैं।
आनॅलाइन सेवा कैसे दी जाए
राधास्वामी सत्संग ब्यास एक ग़ैर-लाभकारी संस्था है। यह अपने कार्य और गतिविधियाँ सेवा में आए पैसे से करती है। यह संस्था धन इकट्ठा करने की किसी भी तरह की गतिविधि में हिस्सा नहीं लेती। इसलिये संस्था ने आनॅलाइन सेवा का जो प्रबंध किया है वह संगत की सुविधा के लिए है, न कि माँग के लिए। भारत सरकार के नए निर्देश के तहत विदेशों से धन की सेवा तभी मंज़ूर होगी, अगर उसके साथ देनेवाले की पासपोर्ट की कॉपी लगी है। यह सुझाव उनके लिए है जो विदेशी मुद्रा में सेवा भेजते हैं, चाहे एन. आर. आई. हैं या विदेशी। इसलिए भारत के बाहर से आई हर सेवा के साथ भेजनेवाले के पासपोर्ट की कॉपी लगी होनी चाहिए। राधास्वामी सत्संग ब्यास (भारत) की धन की सेवा के संबंध में अधिक जानकारी के लिए राधास्वामी सत्संग ब्यास के चीफ़ अकाउन्ट ऑफ़िसर से ई-मेल के ज़रिए संपर्क करें: sewa @rssb.in
चेतावनी – सेवा की झूठी माँग करने वाले जालसाज़ों से बचें
ऐसे लोगों या संस्थाओं से बचें जो राधास्वामी सत्संग ब्यास के नाम पर या इस नाम में थोड़ा फेर-बदल करके पैसों की माँग करके लोगों को धोखा देते हैं। हमारा नियम है कि राधास्वामी सत्संग ब्यास कभी पैसे की माँग नहीं करता। इसलिए पैसे की झूठी माँग करनेवाले धोखेबाज़ लोगों के हाथ ठगे न जाएँ।
अपडेट: 4 अगस्त 2025
हिन्दी वेबसाइट - संगत को सूचित किया जाता है कि राधास्वामी सत्संग ब्यास की ऑफ़िशियल वेबसाइट (RSSB Official) अब हिन्दी में भी उपलब्ध है। नई हिन्दी वेबसाइट अंग्रेज़ी वेबसाइट का अनुवाद है, इसलिए अंग्रेज़ी वेबसाइट पर दी गई सारी जानकारी और लेख हिन्दी में भी मौजूद हैं।
अपडेट: 1 अगस्त 2025
निबंध – सतगुरु असल में सदा मौजूद हैं
अपडेट: 1 जुलाई 2025
रूहानी रिश्ता: जुलाई/अगस्त 2025
अपडेट: 7 जून 2025
कोलकाता के निर्धारित सत्संग प्रोग्राम में तब्दीली की गई है। यह प्रोग्राम अब 6 और 7 सितंबर 2025 के बजाय 18 और 19 अक्तूबर 2025 को 9:30 बजे होगा।
अपडेट: 16 मार्च 2025
एनिमेटेड वीडियो: ग़रीब दुकानदार और पारस पत्थर एक छोटी-सी एनिमेटेड पिक्चर है जो राधास्वामी सत्संग ब्यास द्वारा प्रकाशित ‘परमार्थी साखियाँ’ पर आधारित है। यह कहानी एक व्यापारी की है जो किसी वक़्त अमीर हुआ करता था, लेकिन फिर ग़रीबी आ गई। निराशा से भरे उस व्यापारी की मुलाक़ात एक महात्मा से हुई। महात्मा ने उस व्यापारी को भूरे रंग का पत्थर दिया और कहा कि यह किसी भी लोहे को सोना बना सकता है। महात्मा ने व्यापारी से यह भी कहा कि वह तीन महीने के बाद इस पत्थर को लेने के लिये वापस आएगा, इसलिए इस दौरान कुछ लोहा ख़रीदकर उसे सोने में बदल ले। महात्मा ने कहा कि अगर वह यह काम तीन महीने में कर लेगा तो वह अमीर हो जाएगा। हालाँकि व्यापारी अपनी क़िस्मत बदलने को बहुत उत्सुक था, फिर भी उसे लगा कि लोहा बहुत मँहगा है। उसने सोचा कि उसे लोहा ख़रीदने के लिए कुछ समय इंतज़ार करना चाहिये। लेकिन लोहे की क़ीमत महँगी और महँगी होती चली गई। व्यापारी हर बार लोहा ख़रीदना टालता रहा। आख़िर उसने महात्मा द्वारा दिया यह सुनहरी मौक़ा हाथ से खो दिया। इस तरह वह पत्थर की असली क़ीमत कभी न जान पाया।
अपडेट: 1 मार्च 2025
रूहानी रिश्ता: मार्च/अप्रैल 2025
अपडेट: 20 नवम्बर 2024
भारत में 2025 के निर्धारित सत्संग प्रोग्राम में संशोधन किया गया है। डेरा ब्यास और भारत के भिन्न-भिन्न सेंटर में सत्संग प्रोग्राम की काफ़ी तब्दीलियाँ हैं। संशोधित सत्संग प्रोग्राम देखने के लिये क्लिक करें: भारत में 2025 का सत्संग प्रोग्राम